Sonipat
- -स्मॉग के चलते दमघोंटू बन रही है हवा
-लगातार बढ़ रहा प्रदूषण, सांस लेने में होने लगी है परेशानी
-बुजुर्गों और बीमारों के लिये और भी परेशानी, पीएम-10 भी पहुंचा 451 पर
-दिनभर रही हलकी धूप, शाम को स्मॉग ने कब्जाया शहर
Sonipat : सोनीपत। जिले में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा। जीवन के लिये जरूरी हवा ही जीवन के लिये नुकसानदायक साबित हो रही है। सुबह-शाम के साथ ही रविवार रात को भी स्मॉग छाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। सांस की बीमारी से पीड़ित मरीजों की हालत और भी खराब होती जा रही है। वहीं दिल के मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोहरा और उसमें शामिल धूल, धुएं के कणों के कारण सांस लेने में परेशानी होने लगी है। साथ ही गले में खराश महसूस होने लगी है। स्मॉग के कारण हवा दमघोंटू बनती जा रही है।
सर्दी के साथ बढ़ी परेशानी
मौसम में सर्दी बढऩे के साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर भी बढऩे लगा है। सुबह-शाम तो स्मॉग छा जाता है। रविवार रात को इससे ज्यादा दिक्कत हुई। दिन में हवा चलने से मौसम थोड़ा साफ हो गया था, लेकिन शाम होते ही यह समस्या फिर बढ़ने लगी। जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ रहा है। यह बेहद खराब स्तर पर जा चुका है। कई दिनों से लगातार वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर बना हुआ है और इसमें रोजाना वृद्धि भी दर्ज की जा रही है। इसके अलावा पीएम – 10 और पीएम 2.5 का स्तर भी हवा में बढ़ रहा है। ये दोनों ही मानक हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों को दर्शाते हैं। रविवार की बात करें तो दिन में मौसम फिर भी ठीक था, लेकिन शाम होते होते स्मॉग ने पैर पसार लिए। वहीं देर शाम तक स्मॉग की वजह से दृश्यता भी कम हो गई।
ये है जिले की हवा का हाल
रविवार सुबह एक्यूआई 360 रहा, शाम चार बजे यह 339 दर्ज किया गया। हालांकि शाम सात बजे यह फिर से 357 पर पहुंच गया। सर्दी बढऩे के साथ ही प्रदूषण के स्तर में और इजाफा होने का आशंका है। वहीं पीएम-10 का स्तर 451 व पीएम 2.5 का स्तर 453 तक पहुंच गया है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। इसमें लोगों को परेशानी होने लगती है।
दिनभर हलकी धूप, शाम को स्मॉग
जिले में दिनभर मौसम ठीक रहा था। सुबह के समय कोहरा छाया रहा था, लेकिन दोपहर से पहले पहले हलकी धूप खिल गई थी। जोकि शाम तक जारी रही। जिसकी वजह से यातायात ठीक रहा। लेकिन शाम के समय अचानक से वातावरण में स्मॉग छा गई जोकि रात तक बढ़ती चली गई। स्मॉग के चलते ठंड भी बढ़ गई।
बुजुर्गों के लिए खतरनाक है मौसम
बढ़ता प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इसमें बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। स्मॉग के साथ अनेक प्रकार के प्रदूषित तत्व मिले होते हैं। यह शरीर में जाकर सांस से संबंधित रोग के कारण बनते हैं। चिकित्सक स्मॉग में बाहर न निकलने की हिदायत देने लगे हैं। वह सुबह-शाम घूमने वालों को सावधानी बरतने की कह रहे हैं। साथ ही लोगों को बेहतर क्वालिटी का मास्क लगाने के लिए हिदायत दे रहे हैं।
बढ़ रहे हैं सांस के मरीज
जिले में प्रदूषण का स्तर ज्यादा बढ़ने के कारण जिला अस्पताल में सांस के मरीज बढ़े हैं। सांस के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से सबसे अधिक बुजुर्ग इसका शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल में रोज 130-150 मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। पहले 70 से 80 सांस के मरीज पहुंचते थे। छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. जेएस पूनिया के अनुसार बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्थमा में सांस नली या इससे जुड़े हिस्सों में सूजन आ जाती है। इसके चलते फेफड़ों में हवा जाने में रुकावट पैदा होती है। इससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है। प्रदूषण से बुजुर्गों में अस्थमा का अटैक आने की आशंका बढ़ जाती है। अटैक आने पर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है।
प्रदूषण फैलाने वालों पर शिकंजा
प्रदूषण फैलाने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। वहीं पराली जलाने वालों पर कृषि विभाग कार्रवाई कर रहा है। मेरी टीम भी लगातार प्रदूषण फैलाने वालों पर शिकंजा कस रही है। -प्रदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
https://vartahr.com/sonipat-pollutio…-aqi-reaches-360/