Rohtak
- नियम के तहत 41 दिन तक जमीन पर ही सोना होता है
- श्री सनातन धर्म पंजाबी रामलीला क्लब में 25 हनुमान स्वरूप बनेंगे
- पाकिस्तान से चली आ रही इस परंपरा को आगे बढ़ा रहा परिवार
Rohtak : रोहतक। हनुमान स्वरूप 41 दिनों के व्रत पर बैठ गए हैं। इस बार श्री सनातन धर्म पंजाबी रामलीला क्लब में 25 हनुमान स्वरूप बनेंगे। ये सभी दशहरे वाले दिन शोभा यात्रा में भक्ति में लीन होकर नृत्य कर भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। इनमें सुरेश सचदेवा और अर्नव सचदेवा दोनों पिता पुत्र पिछले आठ साल से हनुमान स्वरूप बन रहे हैं। सबसे छोटी उम्र के अर्नव 6 साल के हैं और पिछले तीन साल से भगवान हनुमान के स्वरूप में राम के प्रति अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं। वहीं उनके पिता सुरेश सचेदवा आठ सालों से हनुमान स्वरूप बनते हैं।
ये बनते हैं हनुमान स्वरूप
वैभव गुलाटी 13 साल से, करन नरूला 11 साल से, गौरव कपूर 10 साल से, विक्की अनेजा 8 साल से, सुरेश सचदेवा 8 साल से, अर्नव सचदेवा 6 साल से, राहुल सचदेवा 7 साल से, यशित अनेजा 3 साल से, केशव सुनेजा 2 साल से, चिराग जुनेजा 6 साल से , पीयूष कथूरिया 3 साल से, नमन शर्मा 8 साल से, मोहित बुधिराजा 4 साल से, रोहित शर्मा 3 साल, गोलू चुघ 3 साल से, पुनीत गांधी 2 साल से, चक्षु विज 3 साल से, रिक्की आहुजा 8 साल से, सौरभ मलिक 2 साल से, गौरव अरोड़ा 2 साल से, जस्सी नारंग 7वीं बार, प्रिंस मल्होत्रा, किंशुक विज और चक्षु विज दोनों भाई हैं।
तीसरी पीढ़ी बन रही हनुमान स्वरूप
वहीं गुलाटी परिवार की तीसरी पीढ़ी हनुमान स्वरूप बनकर सनातन धर्म की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। सौरभ गुलाटी पिछले आठ सालों हनुमान स्वरूप बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादा ओमप्रकाश गुलाटी 25 सालों तक हनुमान स्वरूप बने और उनके पिता अशोक गुलाटी हनुमान स्वरूप बनते थे। पाकिस्तान से चली आ रही इस परंपरा को ओमप्रकाश गुलाटी ने आगे बढ़ाया था।
इन नियमों का करना है पालन
हनुमान स्वरूप 41 दिनों तक व्रत रखेंगे। इसके अलावा ब्रह्मचर्य का पालन करना, जमीन पर सोएंगे, लंगोट धारण करेंगे, एक समय मीठे के साथ भोजना करना सहित अन्य नियमों का पालन करते हैं। श्रीराम दरबार वाले दिन भगवान राम के हाथाें से भोजन ग्रहण कर हनुमान स्वरूप व्रत खोलेंगे।
रिहर्सल शुरू, रोजाना आरती
हनुमान स्वरूप सुबह व शाम को रोजाना आरती करते हैं। वहीं शोभा यात्रा वाले दिन भक्ति में लीन होकर नृत्य करने की हनुमान स्वरूप रिहर्सल भी कर रहे हैं। सभी हनुमान स्वरूप मुकुट पहनकर श्रद्धा के साथ भगवान राम की महिमा का गुणगान करते हैं।
तीन साल की उम्र में बना हनुमान स्वरूप
अर्नव के पिता सुरेश सचदेवा ने बताया कि उनका बेटा अर्नव जब तीन साल का था तब पहली बार हनुमान स्वरूप बना था। अब वह तीसरी कक्षा में है और उसकी उम्र छह साल है। रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करता है।
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