Delhi
- -अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की यात्रा करेंगी
- -किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इन तीनों देशों की पहली यात्रा
- -राष्ट्रपति तेब्बौने के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी
- -अल्जीरिया की संसद के उच्च और निम्न सदन के अध्यक्ष मुर्मू के साथ शिष्टाचार मुलाकात करेंगे
Delhi : नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 13 से 19 अक्टूबर तक अफ्रीका महाद्वीप के तीन देशों अल्जीरिया, मॉरिटानिया और मलावी की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इन तीनों देशों की पहली यात्रा होगी। यह जानकारी विदेश मंत्रालय में बुधवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सचिव (पूर्वी अफ्रीका) दमू रवि ने दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने समकक्ष राष्ट्रपति अब्देल मदजीद तेब्बौने के निमंत्रण पर 13 से 15 अक्टूबर तक अल्जीरिया की यात्रा पर रहेंगी। इस दौरान उनकी राष्ट्रपति तेब्बौने के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। इसके अलावा अल्जीरिया की संसद के उच्च और निम्न सदन के अध्यक्ष राष्ट्रपति मुर्मू के साथ शिष्टाचार मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति मुर्मू इंडिया-अल्जीरिया आर्थिक फोरम और सिबि अब्देल्लाह साइंस एंड टेक्नोलॉजी पोल यूनिवर्सिटी को संबोधित करेंगी। साथ ही वह हामा गार्डन में इंडिया कार्नर का उद्घाटन भी करेंगी। दोनों देशों के कई क्षेत्रों में मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। इनमें तेल-गैस, रक्षा और स्पेस सहयोग मुख्य हैं। भारत की राष्ट्रपति की इस यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी।
यूं रहेगी मॉरिटानिया और मलावी की यात्रा
उन्होंने बताया कि यात्रा के दूसरे चरण में राष्ट्रपति 16 अक्टूबर को मॉरिटानिया की यात्रा करेंगी। उनका यह दौरा एक ऐसे समय में हो रहा है जब मॉरिटानिया अफ्रीकी संघ की अध्यक्षता कर रहा है। यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू की मॉरिटानिया के राष्ट्रपति मोहम्मद औलद गजौनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसके अलावा वहां के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री भारत की राष्ट्रपति के साथ शिष्टाचार मुलाकात कर सकते हैं। मॉरिटानिया में राष्ट्रपति की भारतीय समुदाय से मुलाकात होगी। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा का अंतिम पड़ाव यानी मलावी होगा। जहां वह 17 से 19 अक्टूबर तक रहेंगी। इसमें उनकी मलावी के शीर्ष नेतृत्व के साथ अहम बैठकें होंगी। राष्ट्रपति मुर्मू की अफ्रीकी देशों की यह यात्रा भारत द्वारा अफ्रीका महाद्वीप को दिए जा रहे महत्व को प्रदर्शित करती है। भारत की यह प्रगाढ़ इच्छा है कि उसकी इन देशों के साथ भागीदारी को मजबूती प्रदान की जाए। साथ ही उनकी यह यात्रा अफ्रीकी संघ के जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने के करीब साल भर के बाद की जा रही है।
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