Operatin Sindoor
- पुणे की यूनिवर्सिटी में ‘भविष्य के युद्ध और युद्ध’ विषय पर व्याख्यान में बोले, सीडीएस चौहान
- पड़ोसी भारत को लहूलुहान करना चाहता था, सेना ने घर में घुसकर मारा
- नुकसान के डर से पाकिस्तान ने सीजफायर के लिए फोन किया
- हमने केवल पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया
- नुकसान महत्वपूर्ण नहीं, परिणाम होते हैं महत्वपूर्ण
- भारत आतंक और परमाणु ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं
Operatin Sindoor : पुणे। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि पेशेवर सेनाएं अस्थायी नुकसान से प्रभावित नहीं होतीं, क्योंकि समग्र परिणाम ऐसे नुकसान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान भारत को हजारों जख्म देकर लहूलुहान करने की नीति पर चल रहा है, लेकिन नई दिल्ली ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए सीमापार आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह एक नई लक्ष्मण रेखा खींच दी है। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में ‘भविष्य के युद्ध और युद्ध’ विषय पर व्याख्यान में जनरल चौहान ने कहा कि 10 मई को पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 48 घंटे तक जवाबी कार्रवाई करने की योजना बनाई थी, लेकिन यह हमारी सेनाओं ने उसे 8 घंटे में ही ध्वस्त कर दिया और पाकिस्तान को घुटने के बल पर ले आए। उसने आठ घंटे में ही हार मान ली और वह बातचीत की इच्छा जताने लगा। बड़े नुकसान के डर से पाक ने सीजफायर के लिए कॉल किया। हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था और उसके घर में घुसकर हमला किया।
पहलगाम में हद दर्जे की क्रूरता हुई
सीडीएस ने कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ, वह हद दर्जे की क्रूरता थी। युद्ध में यदि नुकसान भी होता है, तो आपको अपना मनोबल बनाए रखना होता है। उन्होंने कहा कि नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण हैं। जनरल चौहान ने राजनीति और हिंसा सहित युद्ध के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी युद्ध और राजनीति समानांतर रूप से हो रही थी। उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर द्वारा पहलगाम हमले से कुछ सप्ताह पहले भारत और हिंदुओं के खिलाफ ‘जहर उगले जाने’ का भी उल्लेख किया, ताकि इस बात पर जोर दिया जा सके कि इस्लामाबाद का दृष्टिकोण ‘भारत को हजार जख्म देकर ‘लहूलुहान करने’ का रहा है।
भारत धमकी से डरने वाला नहीं
जनरल चौहान ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पीछे सोच यह थी कि पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद पर नकेल कसी जाए और उस देश को भारत को आतंकवाद का बंधक बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। भारत आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है। भारत के सैन्य हमलों के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी ठिकानों पर बहुत सोच-समझकर सटीक हमले किए।