Navratri
- -इस बार पालकी में सवार होकर आएंगी जगत जननी मां दुर्गा
- -मंदिरों में सजा माता रानी का दरबार, नवरात्रों की पूर्व संध्या पर जमकर खरीदारी
- शारदीय नवरात्रों की तैयारियां को लेकर दिनभर बाजारों में भीड़ रही
Navratri : भिवानी। गुरुवार तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं और इस दिन शहर के सभी मंदिर माता रानी के जय जयकारों से गुंजायमान होंगे। शारदीय नवरात्रों के पहले दिन सुबह 6:15 बजे से 7:22 बजे तक कलश स्थापाना का शुभ मुहूर्त रहेगा। शारदीय नवरात्रों की तैयारियां को लेकर दिनभर बाजारों में भीड़ रही। महिलाओं व श्रद्धालुओं ने नवरात्रों को लेकर जमकर खरीददारी की। वहीं शहर के मंदिरों को लाइटों, लड्डियों से सजाया गया। वहीं, मंदिरों में स्थापित माता रानी के दरबार को सुंदर पोशाक से सजाया गया। मंदिर में साफ सफाई की, ताकि माता रानी की विशेष कृपा बरसे और उनका आशीर्वाद मिले। उल्लेखनीय हैं कि हिंदू धर्म में नवरात्रों का बहुत अधिक महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र गुरुवार तीन अक्टूबर से शुरू हो रहे है, जो 11 अक्टूबर शुक्रवार को समाप्त होंगे। तीन अक्टूबर को पहले नवरात्र पर सुबह छह बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह सात बजकर 22 मिनट तक कलश स्थापाना का मुहूर्त है। इसी तरह कलश स्थापना कुल समय एक घंटा छह मिनट रहेगा। कलश में ब्राह्मा, विष्णु व महेश और मातृगण का निवास माना जाता हैं। इसके अलावा सुबह 11:46 बजे से लेकर दोपहर 12:33 बजे तक कलश स्थापित करने का अभिजीत मुहूर्त है, यानि 47 मिनट अभिजीत मुहूर्त के कलश स्थापना का समय रहेगा। नवरात्रों के नौ दिनों में मां के नौ रूपों का पूजा अर्चना की जाती हैं। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यतों के अनुसार नवरात्रि के दौरान विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गुरुवार से पूजन
घटस्थापना करके पहले नवरात्र पर तीन अक्टूबर को मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाएगी और श्रद्धालु उनसे परिवार की सुख समृद्धि की कामना करेंगे। वहीं दूसरे नवरात्र चार अक्टूबर को मां ब्रह्मचारिणी, पांच को मां चंद्रघण्टा, छह और सात अक्टूबर को मां कुष्माण्डा की दो दिन तक पूजा की जाएगी। वहीं आठ अक्टूबर मां स्कंदमाता, नौ को मां कात्यायनी, 10 को मां कालरात्रि, 11 अक्टूबर को मां महागौरी व मां सिद्धिदात्री का पूजन कर कन्याओं को भोजन करवाकर रामनवमी मनाई जाएगी और नवरात्रों का समापन होगा।
माता रानी का पालकी में आना शुभ संकेत नहीं
केएल ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संचालक पंडित विजय शास्त्री ने बताया कि नवरात्रों का शुभारंभ शुक्रवार या गुरूवार को होता है तो माता रानी पालकी (डोली) में आती हैं। इस बार माता रानी पालकी में सवार होकर आ रही हैं, जो अशुभ माना जाता हैं। देवी भागवत पुराण के अनुसार माता रानी का पालकी में आना शुभ संकेत नहीं हैं और देश दुनिया में बीमारी एवं महामारी फैल सकती हैं। इसके साथ ही व्यापार में मंदी, अर्थव्यवस्था में गिरावत की भी आशंका होती हैं और देश विदेश में कोई दुर्घटना हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि नवरात्रों पर माता रानी की नौ दिन तक पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से करने के लिए जौ, धूप, फूल, पान, फल, लौंग, कपूर, अक्षत, सुपारी, कलश, कलावा, नारियल, माता की लाल चुनरी, लाल वस्त्र, इलायची, पान के पत्ते, लालचंदन, दीपक व माता का श्रृंगार का इस्तेमाल करें।
किरयाणा की दुकानों पर रही भीड़
नवरात्रों पर महिलाएं नौ दिन पर उपवास रखकर माता रानी से आशीर्वाद की कामना करती हैं, इसी के चलते किरयाणा की दुकानों पर व्रत में कुट्टू का आटा, सामक, काली मिर्च, सेंधा नमक, पापड़, पेठा मिठाई सहित व्रत में खाने वाली चीजों की खरीददारी के लिए काफी भीड़ रही। वहीं दुकानदारों ने हमेशा की तरह दुकान में सामान की सूची दिखाकर फटाफट ग्राहकों को सामान उपलब्ध करवाया।
इन मंदिरों में रहती भीड़
हर बार की तरह नवरात्रों में माता रानी के दर्शनों के लिए शहर के अलावा गांवों के मंदिरों में श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ रहती हैं। कृष्णा कॉलोनी फाटक पार दुर्गा कॉलोनी स्थित दुर्गा मंदिर, नया बाजार स्थित भोजावाली देवी माता मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती हैं और श्रद्धालुगण सैंकड़ों की संख्या अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित करवाते हैं। वहीं हनुमान ढाणी स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर, रेलवे रोड गुफावाला माता मंदिर सहित शहर के सभी मंदिरों में माता रानी की दरबार व मंदिर लाइटों व लड्डियों से सजाए गए हैं। वहीं गांव देवसर स्थित मां भवानी मंदिर में श्रद्धालुओें की अच्छी खासी भीड़ रहती हैं।
फलों व सब्जियों के दामों में हुई बढ़ोरती
नवरात्रों पर फलों व सब्जियों के भावों में काफी बढ़ोतरी हुई। नवरात्रों में पहले की अपेक्षा भावों में बढ़ोतरी होने से आमजन को परेशानी हुई। महंगाई की वजह से इस बार नवरात्रों पर भक्तों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। फलों, सब्जियों के दाम भी बढ़ गए। कुट्टू व सिंघाड़े का आटा भी महंगा हुआ है। पूजन सामग्री सहित किरयाणा से जुड़े सामानों की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।
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