Manrega
- करोड़ों रुपये के मनरेगा घोटाले की जांच में तीन मनरेगा मेट सस्पेंड
- विभाग के चार जेई के कामों में मिली खामियां, जांच के घेरे में आए
- सांसद नवीन जिंदल ने दिए थे जांच के आदेश, हुआ बड़ा खुलासा
- गुहला के विधायक देवेंद्र हंस ने सांसद के सामने उठाया था मामला
Manrega : कैथल। सीवन ब्लॉक के गांव ककराला अनायत और ककहेडी में करीब 18 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला सामने आया है। बताया जा रहा है कि दोनों गांवों के करीब 42 युवा विदेश में रह रहे हैं, जबकि अधिकारियों ने मनरेगा योजना के तहत उनके फर्जी जॉब कार्ड बनाकर उन्हें यहां मजदूरी करते दिखाया और उनकी हाजिरी लगाकर मजदूरी के लाखों रुपये हड़प लिए। सूत्रों का कहना है कि कुल मिलाकर करीब 18 करोड़ रुपये का गबन हुआ है। जांच के बाद बीडीपीओ सीवन ने गांव ककहेड़ी के तीन मनरेगा मेट्स को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, 4 जूनियर इंजीनियरों के कामों में खामियां मिली हैं। उनकी भी जांच के आदेश दिए गए हैं। ककहेड़ी में विदेश गए दो मनरेगा मजदूरों की हाजिरी रिकॉर्ड में लगाई गई थी। और उनकी मजदूरी की राशि का गबन कर लिया गया। सिंचाई विभाग के 4 जूनियर इंजीनियर्स के काम में भी खामियां मिली हैं। बता दें कि यह मामला मंगलवार को गुहला के विधायक देवेंद्र हंस ने सांसद नवीन जिंदल के सामने उठाया था। इसके बाद सांसद ने जांच के आदेश दिए थे।
इन पर गिरी गाज
सीवन की बीडीपीओ नेहा शर्मा ने बताया कि गांव ककहेड़ी के तीन मनरेगा मेट्स रणधीर सिंह, अनुज व सतपाल को सस्पेंड किया है। सिंचाई विभाग के सरस्वती हेरिटेज डिवीजन नंबर 3 के जेई सोनू, शैलेंद्र कुमार व मनीष कुमार के काम में खामियां पाई गई हैं। उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए सिंचाई विभाग को पत्र लिखा गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जूनियर इंजीनियर्स को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।
ककराला से विदेश गए 40 लोगों फर्जी जॉब कार्ड बनाए
गांव ककराला अनायत में मनरेगा योजना के तहत विदेश में रह रहे 40 लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनाकर उनकी हाजिरी लगाकर मजदूरी के लाखों रुपये अधिकारियों ने हड़प लिए। गांव के ही अमरीक सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि गांव के लोग जो जर्मनी, इटली, फ्रांस, मलेशिया और पुर्तगाल जैसे देशों में रहते हैं, उनके नाम पर जॉब कार्ड जारी किए गए हैं। इन्हें मनरेगा मजदूर दिखाकर उनके खातों में रुपये भेजे गए। उनके खातों में भेजी गई रकम में से इन मजदूरों को माते द्वारा मामूली सी हजार 2 हजार रुपये की रकम ही दी जाती थी। बाकी रुपये मेट व अधिकारियों के बीच बांट लिए जाते थे।
मजदूरों की संख्या 40, दिखाए 328
अमरीक ने कहा, गांव में वास्तव में काम करने वाले मजदूरों की संख्या करीब 40 ही है। लेकिन 328 लोगों के नाम पर जॉब कार्ड बनाए गए हैं। यह घोटाला 2022 से चल रहा है। उन्होंने कई बार इसकी शिकायत सीएम विंडो और डीसी को भी की, लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारी मिली भगत कर अब तक करोड़ों रुपये डकार चुके हैं।
जांच के लिए कमेटी गठित : बीडीपीओ
सीवन बीडीपीओ नेहा शर्मा ने बताया कि ककराला इनायत गांव के 40 से ज्यादा लोगों के विदेश में जाने और उनकी हाजिरी मनरेगा में लगाने की शिकायत मिली है। मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है। ककराला इनायत गांव के सरपंच व सचिव से भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक के दौरान मंगलवार को गुहला के विधायक देवेंद्र हंस ने जिले के विभिन्न गांवों में मनरेगा कार्यों में हो रही अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था। सांसद नवीन जिंदल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए मनरेगा के तहत 10 माह में हुए 18 करोड़ रुपयों के कार्यों की गहन जांच के आदेश थे। जिंदल ने कहा था कि यह योजना ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए बनाई गई है। लेकिन यदि इसमें अनियमितताएं हो रही हैं, तो इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। इसके बाद जांच में बड़ा खुलासा हुआ है।
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