Kaithal
- खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में गेहूं खुर्द-बुर्द करने का मामला
- 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा
- जुर्माना न देने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा
- कलायत में दर्ज हुआ था मुकदमा
Kaithal : कैथल। कैथल की अदालत ने लाखों रुपये के गेहूं को खुर्द-बुर्द करने के मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के तत्कालीन इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को तीन-तीन साल की कैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर 3 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। मामले में तत्कालीन जेएमआईसी अंबरदीप सिंह की अदालत ने इन दोनों को 2017 में बरी कर दिया था। इस बारे में डीएफएसओ केके बिश्नोई की शिकायत पर थाना कलायत में मुकदमा दर्ज करवाया गया था। स्टेट की ओर से पैरवी उप जिला न्यायवादी जेबी गोयल ने की।
5776 कट्टे कम मिले थे
गोयल ने बताया कि शिकायतकर्ता के अनुसार 12 दिसंबर 2011 को कलायत केन्द्र पर भंडारित गेहूं का स्टाक कम पाया गया। इससे विभाग को 8445034 रुपये की हानि हुई। कुल भरे हुए गेहूं के 5776 कट्टे कम मिले। इसके लिए गजे सिंह निरीक्षक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, चेतन स्वरुप उपनिरिक्षक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, मनोज कुमार श्रम ठेकेदार पीआर केन्द्र कलायत, रविन्द्र कुमार बीसीपीए कलायत मंडी व चौकीदार को जिम्मेदार ठहराया गया। निचली अदालत ने गजे सिंह व चेतन स्वरूप को बरी कर दिया था। हालांकि इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के अतिरिक्त मनोज कुमार रविन्द्र और एक चौकीदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन पुलिस ने केवल इंस्पेक्टर गजे सिंह और सब इंस्पेक्टर चेतन स्वरूप का ही चालान कोर्ट में पेश किया। एडीजे अमित गर्ग की अदालत ने दोनोंं पक्षों को सुनने के बाद निचली अदालत का फैसला बदल दिया व इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को दोषी करार देते हुए दोनों को 3-3 साल के कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।