Home In Moon
- प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान में चल रही तैयारी
- उत्तर प्रदेश के साइंटिस्टों की अजब पहल, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अजूबा
- चंद्रमा और मंगल ग्रह पर जाने वाले यात्रियों को मिलेगी सहूलियत
- इस संरचना को यात्री रॉकेट में अपने साथ ग्रहों पर ले जा सकेंगे
- इसे वहां फुलाकर रहने लायक घर बना लिया जाएगा
Home In Moon : भारत के साइंटिस्ट भी लगातार नई-नई चीजों की खोज करते रहते हैं। नए इनोवेशन जहां लोगों को लुभाते हैं, वे कई स्थानाें पर बड़े काम भी आते हैं। इसी पहले के तहत अब यूपी में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के साइंटिस्ट चांद और मंगल (moon and mars) ग्रह के लिए घर का डिजाइन तैयार करेंगे। केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने एमएनआईआईटी के साइंटिस्टों को यह प्रोजेक्ट दिया गया है। इस प्रोजेक्ट को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह होगा फायदा
वैज्ञानिकों की अहम पहल अंतरिक्ष यात्रियों को सहूलियत प्रदान करेगी। वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसी संरचना तैयार की जाएगी जो घर के आकार की होगी। इसे अंतरिक्ष यात्री रॉकेट में अपने साथ ग्रहों पर ले जा सकेंगे। इसके बाद उसे वहां फुलाकर रहने लायक बना लेंगे। ऐसे घरों में बैठकर साइंटिस्ट और अंतरिक्ष में जाने वाले यात्री अच्छा महसूस करेंगे। इनके डिजनाइन घरती पर बने घर जैसे ही होंगे। जैसे टेंट हाउस।
इस प्रोजेक्ट के मुख्य इंचार्ज और एप्लाइड मैकेनिक्स विभाग के डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि हल्के, सस्ते और टिकाऊ स्वदेशी इन्फ्लेटेबल संरचना की डिजाइन घर के रूप में विकसित की जाएगी। जो 2027 तक तैयार हो जाएगी।
क्या है इन्फ्लेटेबल संरचना
-इन्फ्लेटेबल संरचना एक ऐसी वस्तु है, जिसमें एक या एक से अधिक सामग्रियों की पतली परत होती है, जिसे विभिन्न गैसों जैसे हवा, हाइड्रोजन, हीलियम, नाइट्रोजन से फुलाया जा सकता है।
-इन्फ्लेटेबल संरचना में दो झिल्ली होती हैं, एक आंतरिक और एक बाहरी। बाहरी झिल्ली की सतह बाहरी वातावरण के संपर्क में होती है और आंतरिक झिल्ली की सतह संरचना के अंदर की गतिविधि और लोगों के संपर्क में होती है।
-इन इन्फ्लेटेबल संरचनाओं का उच्च गैस अवरोधक गुण काफी सहूलियत देता है।
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