Haryana
- नेता विपक्ष चुनने को कांग्रेस की बैठक में घंटे किया मंथन
- केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने सभी कांग्रेसी विधायकों से वन टू वन बात की
- सभी के मन की राय जान और फीडबैक भी लिया
Haryana : चंडीगढ़। आखिरकार कांग्रेसी विधायक दल का नेता कांग्रेस का हाईकमान ही चुनेगा। इस संबंध में शुक्रवार को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस ऑफिस चंडीगढ़ में अहम बैठक का आयोजन होना था, जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक भी आए हुए थे। उन्होंने इस दौरान कांग्रेसी विधायकों से वन टू वन बुलाकर उनके मन की राय औऱ बाकी फीडबैक भी लिया है। सारी रायशुमारी के बाद में पार्टी अध्यक्ष को इस पर कोई भी अंतिम फैसला लिए जाने का अधिकार दे दिया गया है। शुक्रवार की शाम को यह बैठक बुलाई गई थी, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, वरिष्ठ नेता व सांसद अजय माकन, पंजाब से सरदार प्रताप सिंह बाजवा, टीएस सिंह देव (छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम) भी शामिल हुए। बैठक के बाद में अशोक गहलोत ने साफ कर दिया है कि मीटिंग में सभी की राय ली गई है, जिसके बारे में सारी बात हाईकमान के सामने रख दी जाएगी। रिपोर्ट पर कोई भी अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान द्वारा लिया जाएगा। बाहर आए विधायकों ने अंदर क्या क्या फीडबैक लिया गया और नेता कांग्रेस विधायक दल को लेकर क्या रहा कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
विनेश फोगाट भी पहुंची
बैठक में विनेश फोगाट ने भी हिस्सा लिया और कहा कि जनता ने कांग्रेस को को काफी सीटें और जिम्मेदारी दी है। हम जनता के लिए संघर्ष करेंगे व बाहर व अंदर सदन में उनकी मांगों को उठाने का काम करेंगे। यहां पर बता दें कि हरियाणा चुनाव के बाद पहली बार विधायक दल की बैठक हुई है। हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर इस दौरान चर्चा के साफ संकेत मिल रहे थे, क्योंकि इस विषय को लेकर ही यह बैठक रखी गई थी। पिछले कार्यकाल में भूपेंद्र हुड्डा इस नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बैठक में तमाम विधायकों के अलावा कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने हिस्सा लेकर सभी की बात सुनी। कुल मिलाकर पर्यवेक्षकों ने साफ कर दिया है कि वे सभी विधायकों की राय को हाईकमान के सामने रखने का काम करेंगे, और कोई भी फैसला वहीं से होगा।
कांग्रेस को 37 सीटें मिली
यहां पर बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा है. वहीं भाजपा सरकार विरोधी लहर और एग्जिट पोल के तमाम दावों के बावजूद तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही है। चुनाव में बीजेपी को 48 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला है जबकि कांग्रेस को 37 सीटें ही मिली हैं। कुल मिलाकर नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर कांग्रेस में अब खींचतान की शुरुआत हो गई है। माना जा रहा है कि नाराज हाईकमान भी अब हुड्डा को इस पद से हटाने की तैयारी में है, इसलिए अन्य नामों पर विचारमंथन किया जा रहा है।
https://vartahr.com/haryana-now-cong…egislature-party/