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Haryana News : मारकंडा नदी में पहुंचा 23 हजार क्यूसिक पानी, एसडीआरएफ ने गांव कठवा में संभाला मोर्चा

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  • -मुलाना में 41 हजार और कलाअंब में 40 हजार क्यूसिक मात्रा दर्ज
  • -शाहबाद का रूपनगर, मलिकपुर, गोमती, कलसाना, मामू माजरा, कठुआ और टंगौर प्रभावित

Haryana News : शाहबाद। पहाड़ों में चल रही बरसात के कारण मारकंडा नदी में सोमवार शाम तक 23 हजार क्यूसिक पानी की मात्रा दर्ज की गई। मुलाना में 41 हजार और कलाअंब में 40 हजार क्यूसिक मात्र दर्ज की गई है। मारकंडा नदी में पानी आने के कारण मारकंडा नदी के किनारे लगता गांव शाहबाद का रूपनगर, मलिकपुर, गोमती, कलसाना, मामू माजरा, कठुआ और टंगौर प्रभावित होते हैं। इन सभी गांव में मारकंडा नदी का जल गलियों में घूम जाता है। यह हर वर्ष होता है वही मारकंडा नदी के किनारे बसे मारकंडा बस्ती बाजीगर कॉलोनी में भी पानी भर गया है जिससे मारकंडा कॉलोनी के और बाजीगर कॉलोनी के लोग अपने बच्चों सहित मारकंडा मंदिर में डेरा डाले हुए हैं। वहीं सोमवार को कुरुक्षेत्र से एसडीआरएफ की टीम गांव कठवा पहुंची और हालात पर काबू पाने के लिए मोर्चा संभाल लिया। टीम के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि पांच सदस्यीय दल अब गांव कठवा में तैनात रहेगा। यह दल मुख्य सड़क के दोनों किनारों पर ड्यूटी देगा ताकि जरूरत पड़ने पर ग्रामीण सुरक्षित तरीके से आ-जा सकें। सोमवार सुबह टीम ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। उन्हें साफ तौर पर समझाया गया कि नदी के उफान के चलते सड़क पर पानी का बहाव बेहद तेज है और 3 से 4 फुट गहराई तक फैला हुआ है। ऐसे में बिना वजह आना-जाना खतरनाक हो सकता है। केवल आपात स्थिति में ही सड़क पार करने की अनुमति दी जाएगी।

पुलियों की 24 घंटे निगरानी के आदेश

उपायुक्त एवं जिलाधीश विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सभी नहर किनारों, नालियों,पुलों, रिंग बांध, रेल पटरियों, सडकों और पुलियों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए गांव के व्यस्क पुरुष गांव में दिन और रात के समय में गश्त डयूटी करने के लिए उत्तरदायी होंगे। अहम पहलू यह है कि जल प्रभावित क्षेत्रों में आम नागरिक की सुरक्षा करना अधिकारी और कर्मचारी का प्रथम ध्येय होना चाहिए। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा स्वयं देर रात्रि तक फील्ड में रहकर मारकंडा और अन्य नहरों पर नजर रख रहे है। उपायुक्त ने गांव कठवा, तंगौर सहित अन्य जलभराव वाले गांव और क्षेत्रों का दौरा करके लोगों से बातचीत की और अपने सामने लोगों को प्रशासन के टोल फ्री नंबर 01744-221035 पर फोन करवाकर सहायता की गुहार लगाई। इससे कन्ट्रोल रूम पर बैठे कर्मचारी के अर्लट होने की भी पुष्टि की गई। उपायुक्त ने कहा कि कन्ट्रोल रूम में कोई भी व्यक्ति फोन करके किसी प्रकार की सूचना दे सकता है और आपदा के लिए सहायता मांग सकता है। इस फोन कॉल पर तुरंत एक्शन होगा। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ की टीम गांव कठवा में लोगों की मदद करने के लिए पहुंच गई है और उन्होंने रस्सी के जरिए एक ग्रिल तैयार की है ताकि लोग इस रस्सी का सहारा लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच सके।

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