Haryana :
- -दिल्ली में जुटाये 31 विधायक, सभी ने बैठक में कहा हुड्डा ही हमारे नेता
- कांग्रेस हाईकमान फिलहाल नहीं चाहेगा भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से टकराव
Haryana : नई दिल्ली। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को नई दिल्ली में अपने खेमे के विधायक जुटाकर कांग्रेस हाईकमान को यह संदेश दिया कि हरियाणा में पार्टी के पास उनका कोई विकल्प नहीं है। शुक्रवार 18 अक्टूबर को चंड़ीगढ़ में प्रस्तावित हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले हुड्डा दरअसल अपनी ताकत साबित करने में सफल रहे और उन्होंने अपने समर्थक विधायकों के बल पर यह बताया कि प्रदेश में कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता आज भी वे ही हैं। भूपेन्द्र हुड्डा की बैठक 31 विधायक पहुंचे। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार के बाद माना जा रहा है कि अब राहुल गांधी प्रदेश में पार्टी के भीतर बदलाव करेंगे। अटकलें लगाई गई कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से उदयभान की विदाई तय है साथ भूपेन्द्र हुड्डा को अब विधायक दल को नेता नहीं चुना जाएगा। कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान द्वारा दोनों पदों में से एक पद कुमारी सैलजा के खेमे के सुपर्द किया जाएगा। हालांकि हुड्डा भाजपा के सामने भले ही हार गये हों पर वे कांग्रेस के भीतर अपनी लड़ाई को हारने के मूड में नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर अपने समर्थक विधायक को बैठाने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा हुड्डा अपनी कुर्सी को छोड़ने को भी तैयार नहीं दिख रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल को नेता ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभालेगा। इसी वजह से हुड्डा ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर अपने समर्थक विधायकों को एकत्र किया ताकि पार्टी हाईकमान को सीधा और स्पष्ट संदेश दिया जा सके। संदेश यहीं है कि नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को ही चुना जाए।
हुड्डा के घर जुटे ये विधायक
निर्मल सिंह, रामकरण काला, अशोक अरोड़ा, मनदीप सिंह चट्ठा, देवेन्द्र हंस, विकास सारन, इंदुराज नरवाल, विनेश फोगाट, बलवान सिंह दौलतपुरिया, जरनैल सिंह, शिशपाल केहरवाल, गोकुल सेतिया, भरत सिंह बेनीवाल, चंद्र प्रकाश, नरेश सेलवाल, जस्सी पेटवाड़, राजबीर फरटिया, बलराम दांगी, बी बी बत्रा,शुकंतला खटक, कुलदीप वत्स, गीता भुक्कल, रधुबीर कादियान, मंजू चौधरी, आफताब अहमद, मामन खान, मोहम्मद इलियास, मोहम्मद इसरेल और रघुबीर सिंह तेवतिया।
ये विधायक रहे गैर हाजिर
चंद्रमोहन बिश्नोई, अकरम खान, आदित्य सुरजेवाला, शैली चौधरी और रेणु बाला। ये सभी विधायक हुड्डा विरोधी कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के खेमे में गिने जाते हैं।
बैठक में क्या हुआ
बैठक में मौजूद सभी विधायकों ने एक सुर में कहा कि विधायक दल का नेता तो भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को ही चुना जाना चाहिए। सब इस बात पर सहमत थे कि फिलहाल नेता प्रतिपक्ष के पद पर हुड्डा ही सबसे उपयुक्त हैं। विधायकों ने हुड्डा की मौजूदगी में कहा कि वे जो भी फैसला करेंगे हम साथ हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ विधायकों ने कहा कि अगर पार्टी हाईकमान हुड्डा की जगह किसी दूसरे विधायक को दल का नेता बनाने की कोशिश करता है तो विरोध किया जाएगा।
कांग्रेस हाईकमान अड़ा तो क्या होगा
शुक्रवार को विधायक दल की बैठक में अगर कांग्रेस हाईकमान इस बात पर अड़ा कि हुड्डा विधायक दल के नेता नहीं होंगे तो पार्टी टूट सकती है। ऐसे में भूपेन्द्र हुड्डा अपने समर्थकों के साथ बगावत कर सकते हैं। हालांकि इस बात की संभावना कम है कि कांग्रेस हाईकमान हुड्डा से कोई टकराव मोल लेगा। झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सिर पर है और कांग्रेस हाईकमान किसी भी झगड़े से बचेगा। पार्टी नेतृत्व प्रयास करेगा कि हुड्डा की जगह उनके ही समर्थक किसी विधायक को नेता विधायक दल चुना जाए। लेकिन जिस प्रकार से भूपेन्द्र हुड्डा ने अपने खेमे के विधायकों को एकजुट किया है, उसे देखते हुए कांग्रेस हाईकमान के पास हुड्डा की हां में हां मिलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। संभावना इसी बात की ज्यादा है कि भूपेन्द्र हुड्डा विधायक दल के नेता होंगे।
कुमारी सैलजा और सुरजेवाला के पास नंबर नहीं
कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला खेमे में विधायकों की संख्या बहुत कम है। लिहाजा उनके पास हुड्डा से टकराने की ताकत नहीं है। विधायक दल की बैठक में अगर वोट के हालात पैदा हुए तो जीत भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की होनी ही तय है।
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