Haryana
- पांच डिग्री तक गिरा दिन का पारा, घरों में दुबके लोग
- गेहूंं के लिए फायदेमंद साबित होगी हल्की बरसात
- कड़ाके की ठंड ने फिर से लोगों को कंपकंपाया
- घने कोहरे के कारण दिल्ली-यूपी में 133 ट्रेनें लेट
- कश्मीर में पारा माइनस 10 डिग्री
- एमपी में पारा 2.8 डिग्री पर लुढ़का
- राजस्थान के 15 जिलों में बारिश
Haryana : रेवाड़ी। प्रदेश में कोहरे और बरिश के कारण एक बार फिर कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू हो गया है। शनिवार को कई जिलों में सुबह कोहरा और धुंध छाए रहने वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, वहीं कई जिलाें में बारिश ने लोगों को घरों में दुबकने काे मजबूर कर दिया। अधिकतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरवट दर्ज की गई। इसके कारण कड़ाके की ठंड ने लोगों काे परेशान किया। कोहरे के कारण सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए, वहीं कई ट्रेनें लेट रहीं। दिल्ली में 200 से अधिक उड़ानें भी प्रभावित हुई। रेवाड़ी, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, नारनौल (महेंद्रगढ़), रोहतक, जींद और सोनीपत में अच्छी बारिश हुई। हिसार में सुबह 10 बजे से बारिश शुरू हुई जो शाम तक जारी रही। मौसम विभाग ने रविवार को भी पूरे प्रदेश में बारिश का अलर्ट जारी किया है। शनिवार को दिन का पारा 5 डिग्री सेल्सियस तक गिरने से ठिठुरन ने एक बार फिर जनजीवन प्रभावित करने का काम किया है। कड़ाके की ठंड का प्रकोप शुरू हो गया है।
सुबह ही शुरू हो गई थी बारिश
शनिवार को सुबह से ही कई इलाकों में बूंदाबांदी शुरू हो गई थी, जो दिन भर रुक-रुककर चलती रही। इससे अधिकतम तापमान एक बार फिर पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 13.0 डिग्री पर आ गया, जबकि न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह से ही सूर्य के दर्शन नहीं होने के कारण दोपहर तक कड़ाके की ठंड ने लोगों की कंपकंपी छुड़ाना शुरू कर दिया। हाड़ कंपाने वाली ठंड का प्रकोप शुरू हो गया।
जनजीवन अस्त-व्यस्त
सर्दी का जनजीवन पर प्रतिकूल असर देखने को मिला। बाजार से लेकर सड़कों तक पर वीरानी सी छाई रही। जरूरी काम के चलते ही लोग घरों से बाहर निकले। देर शाम तक बूंदाबांदी और हल्की बरसात चलती रही। शनिवार को रेवाड़ी में 12 एमएम बरसात दर्ज की गई।
आगे क्या
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ का कहना है रविवार को भी बादल छाए रह सकते हैं। कुछ इलाकों में बौछारें गिर सकती हैं। कोहरे का प्रकोप बढ़ सकता है, जिससे वाहनों से लेकर ट्रेनों तक के संचालन पर असर पड़ सकता है। बारिश के साथ कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। बारिश के बाद 12 जनवरी से कुछ इलाकों में घना कोहरा देखने को मिल सकता है। इससे दिन के तापमान में भी गिरावट आएगी।
फसलों के लिए वरदान
-इस बार अक्टूबर और नवंबर माह में बारिश नहीं होने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। दिसंबर के अंत में शुरू हुई बरसात से किसानों को काफी राहत मिली।
-सरसों और गेहूं दोनों फसलों पर रौनक छाई हुई है। फसलों पर रोग का प्रकोप भी देखने को नहीं मिला है। इस समय होने वाली बरसात दोनों फसलों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी।
-बरसात के बाद प्रदूषण एक बार फिर से साफ हो गया है। एक्यूआई में सुधार हुआ है। एक्यूआई 100 से नीचे आ गया है, जिससे ग्रेप-3 की पाबंदियां भी जल्द हट सकती हैं।