Haryana
- प्रदेश सरकार किसानों को कर रही प्रोत्साहित
- पराली न जलाएं किसान इससे प्रदूषण फैलता है
- जमीन की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होती है
- स्कीम के लाभ के लिए 30 नवंबर तक करें आवेदन
Haryana : पंचकूला। उपायुक्त डाॅ यश गर्ग ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंचकूला द्वारा पिछले वर्षो के भांति स्टेट प्लान फसल अवशेष प्रबंधन (SB-82) के अंतर्गत वर्ष 2024-25 के दौरान फसल धान अवशेषो को खेत में मिलाने या बेलर द्वारा गांठ बनाने वाले किसानो को प्रति एकड 1000/- रू0 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। श्री गर्ग ने कहा कि फसल धान अवशेषों को जलाने से पर्यावरण दूषित होता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक कृषि अभियन्ता, गोपीराम सांगवान द्वारा स्कीम की जानकारी देते हुए बताया है कि किसानों इस स्कीम हेतू विभागीय वैबसाईट agriharyana.gov.in पर 30 नवंबर तक आवेदन करना होगा।
फसल का पंजीकरण जरूरी
इसके लिए किसानों का मेरा फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त किसानों को बेलर द्वारा गांठ बनाने का प्रमाणपत्र भी देना होगा। किसान धान के खेत में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, हैरो, रोटावेटर, रिवर्सिबल एम0 बी0 प्लो एवं जीरो टिल सीड ड्रिल की मदद से फसल अवशेषो को मिट्टी में मिलाकर अथवा बेलर द्वारा गांठे बनवाकर इस स्कीम का लाभ ले सकते है। किसानों फसल अवशेष प्रबंधन करते समय जी0पी0एस0 लोकेशन की फोटो भी लेनी होगी। प्रोत्सहान राशि के सत्यापन हेतूू ग्राम स्तरीय कमेटी के सत्यापन उपरान्त किसानों के खातो प्रोत्सहान राशि डी0बी0टी के माध्यम से दी जाएगी।
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