Haryana
- वोट शेयर के तौर पर भाजपा को इस बार कांग्रेस से 0.85 प्रतिशत वोट अधिक मिले
- भाजपा को पूरे हरियाणा में 55 लाख 48 हजार 800 वोट अर्थात 39.94 % वोट मिले
- कांग्रेस को पूरे प्रदेश भर में 54 लाख 30 हजार 602 वोट अर्थात 39.09% वोट मिले
- 2019 में वोटों में था 10.53 लाख और वोट शेयर में साढ़े 8 प्रतिशत का अंतर रहा था
Haryana : चंडीगढ़। हरियाणा में 15वीं विधानसभा के लिए आम चुनाव में कई खास तथ्य देखने को मिल रहे हैं। जो राजनीतिक दलों को चौंका रहे है। सबसे ज्यादा परेशानी में तो कांग्रेस है। क्योंकि कांग्रेस भाजपा के बराबर वोट लेने के बावजूद उसके जितनी सीटें लेने में नाकामयाब रही। इस बार कर चुनाव कई मुद्दों पर लड़ा गया था। कांग्रेस को विश्वास था कि वह सत्ता हासिल कर लेगी, वहीं चुनाव पूर्व आए एग्जिट पोल ने भी कांग्रेस की सरकार दिखाई। दूसरी तरफ भाजपा चुनाव में कहीं भी खुद को पीछे नहीं मान रही थी। भाजपा के सीएम नायब सैनी आत्मविश्वास से भरे हुए थे कि हम पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं। हुआ भी यही। लहर होने के बावजूद कांग्रेस के हाथ से सत्त खिसक गई और भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया। अब देखने वाली बात यह है कि वाेट लगभग बराबर होते हुए भी कांग्रेस क्याें पिछड़ी।
भाजपा ने 48 सीटें जीतीं, तीनों निर्दलीय भी साथ आए
आम चुनाव में भाजपा को 48 सीटों के साथ नई विधानसभा में स्पष्ट बहुमत मिल गया है। जबकि कांग्रेस को 37 सीटें प्राप्त हुईं हैं, वहीं इनेलो को 2 सीटें मिली हैं। 3 निर्दलीय विधायक जीते हैं। तीनों निर्दलीयों ने भी भाजपा को समर्थन दिया है। अब भाजपा के खाते में 51 विधायक हो गए हैं।
वोटों का अंतर बेहद कम
-इसी बीच राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बेशक भाजपा को कांग्रेस से 11 सीटें अधिक मिलीं हैं परंतु अगर सूक्ष्मता से देखा जाए तो पूरे प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस को कुल पड़े वोटों में केवल 1 लाख 18 हजार 198 वोटों का अंतर रहा है। जहां तक भाजपा को पूरे हरियाणा में 55 लाख 48 हजार 800 वोट अर्थात 39.94 % वोट हैं।
-कांग्रेस को प्रदेश भर में 54 लाख 30 हजार 602 वोट अर्थात 39.09% वोट
प्राप्त हुए हैं इस प्रकार दोनों पार्टियों में मत प्रतिशत का अंतर मात्र 0.85% रहा है।
-4 महीने पूर्व जून, 2024 में 18वीं लोकसभा आम चुनाव के नतीजों में, जिसमें हरियाणा की कुल 10 लोकसभा सीटों में से भाजपा और कांग्रेस ने 5-5 लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की थी। परन्तु जहां तक देश की दोनों प्रमुख और राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों को पूरे प्रदेश में प्राप्त हुए वोट शेयर एवं कुल वोटों का विषय रहा, तो इस सम्बन्ध में भाजपा ने कांग्रेस से 3 लाख से ऊपर वोट प्राप्त किए थे।
-18वीं लोकसभा आम चुनाव में भाजपा, जिसने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, ने पूरे प्रदेश में 46.11 % वोट प्राप्त किए, जबकि कांग्रेस पार्टी जिसने कुरुक्षेत्र लोकसभा हलके को छोड़कर, शेष 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए, को 43.67% वोट ही मिले थे।
-अगर उक्त दोनों पार्टियों के वोट शेयर को वोटों में परिवर्तित किया जाए, तो भाजपा को हरियाणा प्रदेश में कुल 59 लाख 96 हज़ार 486 वोट प्राप्त हुए, जबकि कांग्रेस पार्टी को 56 लाख 79 हजार 473 वोट मिले। इस प्रकार भाजपा को कांग्रेस से 3 लाख 17 हज़ार 13 वोट अधिक प्राप्त हुए थे।
-हरियाणा में कांग्रेस के साथ मिलकर इंडी गठबंधन (इंडिया) के सहयोगी के तौर पर कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी आम आदमी पार्टी (आप) का वोट शेयर केवल 3.94% प्रतिशत रहा एवं उसके कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता को 5 लाख 13 हज़ार 154 वोट ही प्राप्त हुए थे। अगर विधानसभा हलकों के तौर पर बात की जाए, तो प्रदेश के कुल 90 विधानसभा हलको में से भाजपा ने 44, कांग्रेस के 42 जबकि उसकी सहयोगी आप ने 4 पर लीड( बढ़त) प्राप्त की थी।
2019 में यह
5 वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2019 में हुए 14 वी हरियाणा विधानसभा आम चुनाव में भाजपा का प्रदेश भर में वोट शेयर 36.49%, जबकि कांग्रेस पार्टी का 28.08% रहा था। अगर प्राप्त वोटों की बात की जाए तो भाजपा को अक्टूबर, 2019 में प्रदेश भर में 45 लाख 69 हज़ार 16 वोट, जबकि कांग्रेस को 35 लाख 15 हजार 429 वोट प्राप्त हुए थे। इस प्रकार भाजपा को तब कांग्रेस पार्टी से 10 लाख 53 हजार 587 वोट अधिक प्राप्त हुए थे।
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