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Fraud : संदिग्ध लेन-देन : सोनीपत के भुर्री व शहजादपुर गांव में छापे

छापेमारी के दौरान भुर्री गांव में एनआईए टीम।छापेमारी के दौरान भुर्री गांव में एनआईए टीम।

Fraud

  • -एनआईए की टीम ने की कार्रवाई, कई लोगों से पूछताछ
  • -गांव भूर्री में टीम ने पूर्व सरपंच प्रेम के पुत्र योगेश व बिंदुराम के घर छापा मारा
  • -गांव शहजादपुर में एनआईए टीम ने हिमांशु के घर छापेमारी की गई

Fraud : सोनीपत। लखनऊ से आई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की दो टीमों ने भुर्री एवं शहजादपुर गांव में छापेमारी की। छापेमारी में संपत्ति और संदिग्ध लेन-देन के मामलों को लेकर की गई। गांव भूर्री में टीम ने पूर्व सरपंच प्रेम के पुत्र योगेश व बिंदुराम के घर छापा मारा। योगेश व उसके छोटे भाई बिंदुराम गुरुग्राम में काम करते हैं। उनके पास करोड़ों की बेनामी संपत्ति होने की सूचना थी। वहीं, गांव शहजादपुर में एनआईए टीम ने हिमांशु के घर छापेमारी की गई। हिमांशु के पिता किराना कारोबारी हैं। हिमांशु के खातों में भी मोटे रुपये जमा हैं। दोनों स्थानों पर एनआईए की टीमों ने दस्तावेज खंगालने के साथ ही परिवार के सदस्यों से पूछताछ भी की। करीब 4 घंटे की कार्रवाई के बाद टीमें दोनों घरों से जरूरी दस्तावेज कब्जे में लेकर रवाना हो गई।

गैंग से तार जुड़े होने की आशंका

एनआईए की यह कार्रवाई उन गैंगों से जुड़ी होने की आशंका है जो व्यापारियों से रंगदारी मांगने और अवैध तरीके से धन जमा करने में सक्रिय हैं। गैंग के सदस्य अपने करीबी लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर करवाते थे। भुर्री गांव के योगेश व उसके छोटे भाई बिंदुराम व शहजादपुर गांव के हिमांशु के भी तार गैंग से जुड़े होने कारण यह छापेमारी की गई है।

घर वाले बोलेए हमें कोई जानकारी नहीं

योगेश व बिंदुराम के पिता प्रेम गांव के पुर्व सरपंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि छापेमारी के कारणों को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। एनआईए की टीम ने भी उन्हें जानकारी नहीं दी।

एमए बीड हैं योगेश व बिंदुराम

परिवार से मिली जानकारी अनुसार योगेश व बिंदुराम एमए बीएड हैं। उन्होंने सोनीपत के हिंदू कालेज में पढ़ाई की। कालेज में भी वह छात्र संगठन से जुड़े रहे। इसके बाद वह मानेसर में नौकरी करने की बात कहा कर करीब तीन साल पहले घर से चले गए। पिता प्रेम के अनुसार उनका बेटा योगेश डेढ़ साल से घर नहीं आया। बिंदुराम भी एक दो बार घर आया वह भी एक दिन रूक कर अगले दिन निकल जाता था। उन्हें इस बारे में भी जानकारी नहीं है कि वह किस कंपनी में काम करते थे।

 

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