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Haryana : ओलावृष्टि से 146 गांवों में 2666 किसानों ने बताया था फसल खराब

Byadmin

Apr 1, 2025
ओलावृष्टि से खराब हुई फसल। (फाइल फोटो)ओलावृष्टि से खराब हुई फसल। (फाइल फोटो)

Haryana

  • -सरकार को भेजी गिरदावरी की रिपोर्ट
  • -राजस्व विभाग ने रिपोर्ट में नुकसान को ‘शून्य’ बताया
  • -ओलावृष्टि हुई तो 13 गांवों में फसल खराबे का अनुमान

 

Haryana : फतेहाबाद। दिसम्बर मास में ओलावृष्टि से फसलों में हुए खराबे की गिरदावरी का काम पूरा हो गया है। गिरदावरी का काम पूरा होते ही राजस्व विभाग ने पोर्टल के माध्यम से अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है जिसमें फसल के खराबे को शून्य माना गया है। यानि कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाले गए खराबे के दावों को गिरदावरी रिपोर्ट में पूरी तरह झूठा पाया गया है। दरअसल जब ओलावृष्टि हुई थी, तब फसल की बिजाई को 2 से 3 सप्ताह ही हुए थे। ऐसे में ओलावृष्टि से फसल खराब होने की बजाय उन फसलों में उत्पादन ज्यादा हो रहा है। गिरदावरी रिपोर्ट में पटवारी से लेकर एसडीएम तक ने भी इसकी पुष्टि की है। बता दें कि 27 दिसम्बर 2024 को ओलावृष्टि हुई तो 13 गांवों में फसल खराबे का अनुमान लगाया गया था। सरकार ने आदेश दिए कि जिन गांवों में फसल खराब हुई है, वह किसान अपने दावे ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाल सकते हैं। तब जिले के 146 गांवों के 2666 किसानों ने खराबे के दावे किए थे। अब राजस्व विभाग ने अपनी रिपोर्ट में नुकसान शून्य पाया है। यानि कि अब ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का किसी किसान को मुआवजा नहीं मिलेगा।

 

पांच जिलों में ओलावृष्टि व बारिश हुई थी

पिछले 27 दिसंबर को फतेहाबाद सहित पांच जिलों में ओलावृष्टि व बारिश हुई थी। ओलावृष्टि व बारिश से फतेहाबाद जिले में हजारों एकड़ भूमि में खड़ी गेहूं, सरसों, चना के अलावा टमाटर, आलू, किन्नू, खरबूजा व तरबूज की फसल को नुकसान पहुंचने के दावे किए गए थे। जिले में उस समय 13 गांवों में ओलावृष्टि से फसल बर्बादी की बात सामने आई थी। ओलावृष्टि के बाद प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी ने किसानों को मुआवजे के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने का ऐलान किया था। जिले में 20 जनवरी तक कुल 146 गांवों के 2666 किसानों ने 18487 एकड़ भूमि में खराबे के दावे किए हैं। जिन किसानों ने गांवों में अपनी फसल खराब होने के दावे अपलोड किए हैं, उन गांवों में 20 जनवरी को पोर्टल बंद होने के बाद पटवारी, कानूनगो, तहसीलदार, एसडीएम व डीसी की टीमें अलग-अलग फसलों का सर्वे शुरू कर दिया था। राजस्व विभाग के अनुसार पटवारी व कानूनगो प्रत्येक गांव में जाकर खराबे को वेरिफाई किया है। गिरदावरी में राजस्व विभाग ने अधिकांश गांवों में खड़ी फसल में खराबा नहीं पाया गया। किसानों द्वारा जिस जमीन में खराबे का दावा किया गया है वहां फसल पहले से अच्छी खड़ी थी।

 

2666 किसानों ने अपनी फसल में खराबा बताया था

 

जिला राजस्व अधिकारी श्याम लाल भी इस बात को स्वीकारते हैं कि दर्जनभर गांवों में ओलावृष्टि हुई थी लेकिन क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 146 गांवों के किसानों ने खराबे का दावा डालकर मुआवजे की मांग की। अधिकारी का कहना है कि अधिकतर गांवों में मुआवजे के लालच में किसानों ने फर्जी दावे डालकर मुआवजा मांगा है। राजस्व अधिकारी ने कहा पटवारियों की कमी के चलते गिरदावरी में थोड़ी देरी तो हुई लेकिन अब गिरदावरी पूरी हुई तो फसल भी पककर तैयार हो गई है। गिरदावरी टीम की रिपोर्ट आई तो पाया कि ओलावृष्टि से कहीं फसल में खराबा नहीं हुआ है। जिले में जब ओलावृष्टि हुई थी तो प्रारंभिक रिपोर्ट में 13 गांवों में ओलावृष्टि से फसल खराबे की रिपोर्ट मिली थी। इसके बाद ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 146 गांवों के 2666 किसानों ने अपनी फसल में खराबा बताया था। पटवारियों ने गिरदावरी का काम पूरा कर लिया है। गिरदावरी टीम ने जांच में पाया कि जिले में ओलावृष्टि से कहीं कोई फसल खराब नहीं हुई है। अब मण्डियों में फसल आ रही है तो इसका प्रैक्टिकल में भी अंदाजा लगाया जा सकता है। गिरदावरी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है।
 -श्याम लाल, जिला राजस्व अधिकारी

https://vartahr.com/haryana-2666-far…due-to-hailstorm/

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