Election
- सुबह कांग्रेस मुख्यालय पटाखों से गूंज उठा
- दोपहर तक भाजपा मुख्यालय पर बंटने लगी जलेबियां
- त्रहरियाणा में भाजपा की जीत की हैट्रिक को गले नहीं उतार पाई कांग्रेस
Election : नई दिल्ली। हरियाणा में भाजपा की जीत की धमक दिल्ली में खूब सुनाई दी। एक्जिट पालों को खोखला साबित करते हुए भाजपा ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार विधानसभा का चुनावी दंगल जीत लिया। सुबह जब पहले दौर के रूझानों में कांग्रेस 60 सीटों पर बढ़त बनाती दिखी तो कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ता पटाखे फोड़ने लगे, मिठाइयां बंटने लगी। उधर, भाजपा मुख्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ था। लेकिन दस बजते-बजते बाजी पलटने लगी। भाजपा रूझानों में आगे बढ़ी और फिर लगातार आगे ही बढ़ती रही। नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस मुख्यालय पर खामोशी पसरने लगी, नेताओं के चेहरों पर मायूसी दिखने लगी और भाजपा मुख्यालय पर जलेबियां बंटने लगी। शाम होते होते यह तय हो गया कि भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने जा रही है।
सुबह से ही लगा कार्यकर्ताओं का जमघट
कांग्रेस मुख्यालय में सुबह से ही कार्यकर्ताओं का जमघट लगना शुरू हो गया था। एक्जिट पोल के अनुमानों से हर कोई मान बैठा था कि हरियाणा का किला कांग्रेस ही फतह करेगी। पार्टी कार्यकर्ता मिठाइयों के डिब्बों के साथ पहुंच रहे थे। ढोल नगाड़ों का इंतजाम था। दिवाली से पहले ही दिवाली मनाने की तैयारी कांग्रेस के दफ्तर पर थी।
दौड़ गई खुशी की लहर
जैसे ही पहले दौर के शुरूआती रूझान आये तो कांग्रेस पार्टी में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। हो भी क्यों नहीं, सभी न्यूज चैनल्स कांग्रेस को 55 से 60 सीटों पर आगे दिखा रहे थे। भाजपा इस दौरान 18 से 20 सीटों पर ही बढ़त बना पा रही थी। कांग्रेस मुख्यालय पर जश्न शुरू हो गया। हरियाणा के साथ साथ कांग्रेस के लिए जम्मू कश्मीर के रूझान भी खुशी का पैगाम ला रहे थे। पटाखे फोड़े जाने लगे। कार्यकर्ता एक-दूसरे को मिठाई खिलाने लगे। कांग्रेस के नेता और पदाधिकारी एक-दूसरे को बधाई देने लगे। पूरा खुशी का मौहाल व्याप्त था।
एकाएक पलटी बाजी
एक दो घंटे बाद ही यानि दस बजते बजते बाजी पलटने लगी। भाजपा आगे बढ़ने लगी और कांग्रेस रूझानों में नीचे की तरफ फिसलने लगी। दोपहर 12 बजे तक भाजपा टक्कर में दिखने लगी। दूसरी तरफ, भाजपा मुख्यालय पर भगवा लहराने लगा। कार्यकर्ता हाथों में पार्टी का ध्वज लेकर पहुंचने लगे। नारेबाजी होने लगी। ढोल बजने लगे। बधाईयां देने लेने का सिलसिला शुरू हो गया। सबका फोकस सिर्फ हरियाणा पर था। भाजपा के नेताओं से पार्टी मुख्यालय भर चुका था। ये जीत की हैट्रिक थी। हरियाणा ने पांच दशक के बाद हैट्रिक का रिकार्ड जो तोड़ा था।
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