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Weather : 26 को फिर बारिश संभव, सूखी ठंड से राहत, फसलों को अच्छी मिलेगी ग्रोथ

बारिश के बाद मुस्कुराई फसल।बारिश के बाद मुस्कुराई फसल।

Weather :

  • -दोपहर तक रूक-रूक कर हुई बूंदाबांदी, दिनभर छाए रहे आकाश में बादल
  • -अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज
  • -जींद में अधिकतम पारा 15 डिग्री व न्यूनतम तापमान 7 डिग्री दर्ज

Weather : जींद। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते सोमवार को दिनभर बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। बूंदाबांदी फसलों के लिए संजीवनी बनी है। वहीं सूखी ठंड से भी राहत मिली है। सूखी ठंड से स्वास्थ्य के साथ फसलों पर विपरित प्रभाव पड रहा था। दिनभर आकाश में बादल छाए रहे और हल्की रूक-रूक कर बूंदाबादी भी होती रही। बंूदाबांदी के चलते अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार को अधिकतम तापमान 15 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान सात डिग्री दर्ज किया गया। मौसम में आद्रता 83 प्रतिशत तथा हवा की गति 13 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी बादलाई बनी रहेगी। धुंध तथा कोहरे का असर भी देखने को मिलेगा।

बूंदाबांदी के चलते दिन का छह डिग्री लुढ़का तापमान

पश्चिमी विक्षोभ के चलते रविवार शाम को ही मौसम ने करवट ले ली थी। मध्यरात्री के बाद आकाश में बादल छा गए और अलसुबह बूंदाबांदी शुरू हो गई, जो रूक रूक कर दोपहर तक होती रही। आकाश में बादलों को जमावड़ा भी लगा रहा। बूंदाबांदी के चलते अधिकतम तापमान में छह डिग्री तो न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। उत्तरी पश्चिमी हवा के चलते ठंड का असर भी जनजीवन पर साफ देखने को मिला। मौसम को देखते हुए लोगों ने जल्दी से काम निपटाए और अपने घरों में दुबक गए। आकाश में छाए बादलों ने बूंदाबांदी की संभावना भी बनी रही।

बूदांबांदी फसलों के लिए संजीवनी, सूखी ठंड से भी राहत

रबी फसल बिजाई के बाद से बंूदाबांदी तो दूर, धुंध तथा कोहरा भी नही पडा था। सूखी ठंड का असर स्वास्थ्य के साथ फसलों पर भी देखने को मिल रहा था। कोहरे का खतरा लगातार बना हुआ था। दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में हुई बूंदाबांदी ने बीजी गई फसलों को संजीवनी देने का काम किया है। जिसमें गेहूं, सरसों, चना तथा पशुचारा शामिल है। जिले में लगभग सवा दो लाख हैक्टेयर में गेहूं, दस हजार हैक्टेयर में सरसों की बिजाई की हुई है। बूंदाबांदी से फसलों को काफी फायदा पहुंचा है। जिससे फसलों को अच्छी ग्रोथ मिलेगी। किसानों का कहना है कि अगर अच्छी बारिश होती है तो फसलों को और ज्यादा फायदा पहुंचता।

क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव आया है। बूंदाबांदी से फसलों को फायदा पहुंचा है। सूखी ठंड से कुछ राहत मिली है। अच्छी ठंड का दौर शुरू हो गया है। 26 दिसंबर को फिर बूंदाबांदी के आसार बन रहे हंै। अब धुंध भी पड़ेगी। किसान फसलों में खाद का प्रयोग करें।

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