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Digital Arrest : ‘चाइनिज’ कंपनी के साथ जुड़े डिजिटल अरेस्ट के आरोपियों के तार

पुलिस हिरासत में डिजिटल अरेस्ट के आरोपी।पुलिस हिरासत में डिजिटल अरेस्ट के आरोपी।

Digital Arrest

  • भिवानी में एक दिन पहले पकड़े गए थे डिजिटल अरेस्ट के 4 आरोपित
  • क्रिप्टो कैरेंसी के जरिए करवाते थे ठगी के पैसों को व्हाईट मनी

Digital Arrest : भिवानी। ऑनलाइन फ्रॉड व डिजिटल अरेस्ट मामले में भिवानी साइबर पुलिस को सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी। डिजिटल अरेस्ट मामले में पकड़े गए आरोपियों में दो आरोपियों के तार चाइनिज (फर्जी इन्वेंस्टम स्कम चलाने वाली ) के साथ जुड़े मिले। हालांकि अभी आगे आरोपियों ने क्या खुलासा किया इसकी जानकारी तो नहीं है,लेकिन पकड़े गए आरोपी ठगी की राशी को क्रिप्टो क्रेंसी में लगाकर व्हाईट मनी करवाते थे। पकड़े गए चार आरोपियों में से दो को न्यायिक हिरासत में भेज दिया तो दो से अभी भी पुलिस पूछताछ कर रही है। साइबर पुलिस की पूछताछ में सादलपुर चुरु निवासी मोहम्मद इस्लाम व मयंक के तार चाइनिज के साथ जुड़े हुए है। वे ठगी की राशी को क्रिप्टो कैरेंसी में लगाकर व्हाईट मनी बनवा लेते थे। इस कार्य पर उनको मोटा कमीशन मिलता था। आरोपियों के कब्जे से छह मोबाइल, ठगी की एक लाख 52 हजार रुपये ठगी की राशि, बरामद हुई है। फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।पुलिस के अनुसार आरोपी मयंक चाईना निवासी एक आरोपी के संपर्क में था जो आरोपी भारत में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर धोखाधड़ी करके, धोखाधड़ी के रुपए क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट करके चाईना भेजते थे, इसके बदले में आरोपियों को उनका कमीशन मिलता था। अभियोग का अनुसंधान जारी है वहीं अभियोग में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जाएंगे ।

क्या था मामला

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 30 जनवरी को उनके व्हाट्सएप पर एक कॉल आई थी जो कॉल करने वाले ने खुद को ईडी अधिकारी बताते हुए शिकायतकर्ता को बताया कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई अंधेरी में एक एफआईआर दर्ज की गई है, जो आपके खिलाफ एक नॉन बेलेबल वारंट भी जारी किया गया है। आरोपियों ने पीडि़त को बताया कि वे उसको होम अरेस्ट करके पूछताछ करेंगे, वहीं डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर आरोपियों के द्वारा 13 दिन उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके कुल 16,26,000 रुपए की धोखाधड़ी की गई थी, जो इस शिकायत पर पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत अभियोग थाना साइबर क्राइम भिवानी में दर्ज किया था। 15 फरवरी को थाना साइबर क्राइम भिवानी के मुख्य सिपाही रफीक ने 13 दिन डिजिटल अरेस्ट रखकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में मुख्य आरोपी सहित चार आरोपियों को भिवानी से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अलीम पुत्र धर्मबीर निवासी निगाना, कलानौर रोहतक, मोहम्मद इस्लाम पुत्र बाबू निवासी वार्ड नंबर- 22 सादलपुर चुरु राजस्थान, कपिल पुत्र लीलू राम निवासी बैंक कॉलोनी भिवानी व मयंक पुत्र सुशील निवासी वार्ड नंबर- 24 सादलपुर चुरु, राजस्थान के रूप में हुई थी।

बैंकिंग चेन ने तोड़ी आरोपियों कमर

पुलिस के मुताबिक बैंकिग चेन ने आरोपियों की कमर तोड़ दी। आरोपियों के खाते में पैसे जाने के बाद बैंक कॉलोनी निवासी कपिल के खाते में राशि आई तो पुलिस ने बैंक में जाकर पूरी जानकारी ली। जानकारी मिलने के बाद आरोपी कपिल ने अपना कमीशन काटकर यह राशि निगाना निवासी अलीम के खाते में ट्रांसफर कर दी। उसके बाद पुलिस ने बैंक में जमा राशि के आधार पर कड़ी जोड़ते हुए सभी आरोपियों को धर दबौचा। प्रबंधक थाना साइबर क्राइम भिवानी उप निरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के नाम का कोई भी प्रावधान पुलिस में नहीं है। यदि जिले में किसी भी व्यक्ति या महिला के पास डिजिटल अरेस्ट के नाम पर किसी पुलिस अधिकारी के नाम से फोन आता है और पैसों की डिमांड की जाती है तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें व 1930 पर इसकी शिकायत दर्ज करवाए।

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