Career
- एमडीयू का जेनेटिक्स विभाग बना युवाओं की पहली पसंद
- विभाग के अध्यापकों के शोध कार्य अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित
- बायोलॉजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक जरूरी
Career : रोहतक। अगर आप 12वीं के बाद विज्ञान (बायोलॉजी) संकाय से हैं और चिकित्सा, बायोटेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, फोरेंसिक या रिसर्च के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो बीएससी जेनेटिक्स आपके लिए एक सुनहरा विकल्प बन सकता है। मदवि के जीव विज्ञान संकाय के अधीन वर्ष 2009 में स्थापित जेनेटिक्स विभाग इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। यह विभाग अपने गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और अग्रणी अनुसंधान कार्यों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है। विभाग के अध्यापकों के शोध कार्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित होते रहे हैं।
प्रमुख पाठ्यक्रम
-स्नातक पाठ्यक्रम- 4 वर्षीय बीएससी जेनेटिक्स
-परास्नातक पाठ्यक्रम- एमएससी जेनेटिक्स
-डॉक्टोरल प्रोग्राम- पीएचडी जेनेटिक्स
-कौशल आधारित पाठ्यक्रम- पीजी डिप्लोमा इन जेनेटिक काउंसलिंग
-वैल्यू-एडेड कोर्स- नेचुरल प्रोडक्ट्स फॉर ह्यूमन हेल्थ
यह है पात्रता
-बीएससी जेनेटिक्स में प्रवेश के लिए 12वीं (बायोलॉजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री विषयों के साथ) में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक (हरियाणा राज्य के अनुसूचित जाति/जनजाति/नेत्रहीन/दिव्यांग अभ्यर्थियों हेतु 57 प्रतिशत) अनिवार्य हैं।
प्रारंभिक वेतन 2.5 से 5 लाख प्रति वर्ष तक
बीएससी जेनेटिक्स के बाद छात्र बायो-टेक्नीशियन, फोरेंसिक साइंटिस्ट, जेनेटिसिस्ट जैसी भूमिकाओं में कार्य कर सकते हैं। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर रिसर्च, फार्मा कंपनियों, और डायग्नोस्टिक लैब्स में नौकरी के भरपूर अवसर हैं। प्रारंभिक वेतनमान 2.5 से 5 लाख प्रति वर्ष तक हो सकता है।विभागाध्यक्ष प्रो. संतोष तिवारी ने बताया कि जो विद्यार्थी जीवन विज्ञान के प्रति जिज्ञासु हैं और जिनमें इस क्षेत्र के लिए जुनून है, उनके लिए जेनेटिक्स एक शानदार करियर विकल्प साबित हो सकता है। हरियाणा में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय भी यह पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। इच्छुक छात्र समय रहते आवेदन करें और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य की नींव रखें।
जेनेटिक्स क्यों पढ़ें
-चिकित्सा वंशानुगति, क्लोनिंग तकनीकों और आणविक जेनेटिक्स में दक्षता प्राप्त होती है।
– एमएससी और पीएचडी जैसे उच्च अध्ययन की दिशा में पहला कदम होता है।
-:बायोटेक्नोलॉजी, क्लासिकल जेनेटिक्स, डायग्नोस्टिक साइंस एवं फॉरेंसिक साइंस जैसी क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर उपलब्ध हैं।
-चिकित्सा परामर्श और पारिवारिक इतिहास के विश्लेषण की समझ विकसित होती है।