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Bahadurgarh : ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मिला बेहतरीन मंच

बहादुरगढ़। स्वावलंबन मेले में कलाकृतियों को निहारती महिलाएं।बहादुरगढ़। स्वावलंबन मेले में कलाकृतियों को निहारती महिलाएं।

Bahadurgarh

  • -लघु एवं कुटीर उद्योग से जुड़ी महिलाओं को लाभ
  • स्वावलंबन मेले में हाथ का हुनर देखने उमड़ी भीड़
  • 22 से 26 अगस्त तक मेला आयोजित किया जा रहा

Bahadurgarh : बहादुरगढ़। सेक्टर-6 स्थित कम्युनिटी सेंटर में चल रहे पांच दिवसीय स्वावलंबन मेले में शिल्पकारों और कलाकारों की कलाकृतियों को देखने के लिए शनिवार को भीड़ उमड़ी। इसमें महिलाओं की संख्या अधिक रही। इस मेले में हरियाणा प्रदेश की भागीदार महिलाएं एवं संगठन अपनी शिल्प कला को प्रदर्शित कर रही हैं। सिडबी प्रबंधक जितेंद्र जैन के अनुसार स्वावलंबन मेले में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रशिक्षण देने के साथ ही व्यावसायिक दृष्टिकोण से भारत सरकार की नीतियों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

Bahadurgarh
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26 अगस्त तक चलेगा मेला

स्मॉल इंडस्टरीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया की देखरेख में 22 से 26 अगस्त तक यह मेला आयोजित किया जा रहा है। प्राचीन कारीगर एसोसिएशन के अध्यक्ष शिल्पगुरु राजेंद्र प्रसाद बोंदवाल के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में लघु एवं कुटीर उद्योग से जुड़ी महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए यह बेहतरीन मंच उपलब्ध करवाया गया है। समाज में अलग अलग विधाओं से जुड़े कारीगरों, शिल्पकारों एवं बुनकरों को एक मंच पर लाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

हथकरघा की कलाओं का संवर्धन

नेशनल अवार्डी चंद्रकांत बोंदवाल और सूर्यकांत बोंदवाल ने बताया कि हरियाणा में पेंटिंग, सांझी आर्ट, टेराकोटा, हैंड एंब्रायडरी, ब्लॉक प्रिंट, ज्वेलरी मेकिंग, मधुबनी पेंटिंग के साथ ही नक्काशी और हथकरघा की कलाओं का संवर्धन हुआ है। यही कारण है कि 22 अगस्त से शुरू हुए स्वावलंबन मेले में लगातार कला प्रेमियों की भीड़ उमड़ रही है। यहां उन्हें देश के विभिन्न राज्यों की कलाओं का ज्ञान हो रहा और वे खरीदारी में भी रूचि ले रहे हैं। इस तरह के आयोजन से लोक संस्कृति को भी बढ़ावा मिल रहा है।

महिलाएं दिखा रही हुनर

राजेंद्र जांगड़ा ने बताया कि 20 से अधिक महिलाएं इस मेले में अपनी कला का प्रदर्शन कर रही हैं और नारीशक्ति को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। साथ ही हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बंगाल व दिल्ली से आए अन्य शिल्पकार और बुनकरों के साथ उनकी कला में भी निखार आ रहा है।

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