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Andolan : खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत, डल्लेवाल ने स्ट्रेचर से नौ मिनट किया संबोधित

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल।किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल।

Andolan

  • बोले, केंद्र सरकार को यह जान लेना चाहिए कि यह मोर्चा किसान जीतेंगे
  • 40 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में बुलाई गई थी किसान महापंचायत
  • स्ट्रेचर पर नौ मिनट तक मंच से किया किसान महापंचायत को संबोधित

Andolan : जींद। हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर शनिवार को किसानों की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में 40 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को स्ट्रेचर से मंच पर लाया गया, जिसके बाद उन्होंने 9 मिनट तक किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम यह लड़ाई जीतकर ही जाएंगे। केंद्र सरकार को यह जान लेना चाहिए कि यह किसानों का मोर्चा है और इसे किसान ही जीतेंगे। वहीं, किसान नेताओं का दावा है कि इस महापंचायत में 80 से 90 हजार लोग पहुंचे थे। इस दौरान पंजाब की तरफ महापंचायत के मंच से करीब 7 किलोमीटर तक रोड पर जाम लगा रहा। खनौरी बॉर्डर के हरियाणा साइड पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा रही।

पैरामिल्ट्री फोर्स तथा पुलिसबल अलर्ट पर

किसान महापंचायत को लेकर जींद में दातासिंह वाला बॉर्डर पर पैरामिल्ट्री फोर्स व पुलिसबल अलर्ट पर रहा। यहां पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 21 कंपनियां तैनात थीं। जींद में बीएनएस की धारा 163 लागू कर रोडवेज और पुलिस की करीब 20 बसें, 5 एंबुलेंस और व्रज वाहन भी तैनात थे। इससे हरियाणा की तरफ से कोई किसान महापंचायत में शामिल नहीं हो सका। किसान महापंचायत में पूरे देश में एमएसपी को लेकर मोर्चा खोलने और 10 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूकने का आह्वान किया गया।

स्ट्रेचर से लाया गया मंच पर

पिछले 40 दिनों से अमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को स्ट्रेचर पर किसान महापंचायत के मंच पर लाया गया। उन्होंने कहा कि उनसे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आपका जीवन महत्वपूर्ण है, तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि यह सही है कि जीवन महत्वपूर्ण है, लेकिन वह किसान नेता हैं और उन्हें उन 7 लाख किसानों के परिवारों की चिंता है। जिन्होंने आत्महत्या कर ली। वह चाहते हैं कि आगे कोई किसान आत्महत्या ना करें। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी ने इस बात को माना है कि देश में चार लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन वास्तव में यह आंकड़ा 7 लाख है। केंद्र सरकार को यह जान लेना चाहिए कि यह मोर्चा किसान जीतेंगे और केंद्र सरकार उन्हें किसी भी सूरत में हरा नहीं सकती है। चाहे वह कितना भी जोर लगा ले।

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