US Deport
- पैरों में बंधी थी बेड़ियां, डंकी रूट से गए थे अमेरिका
- पुलिस ने पूछताछ उपरांत 13 को किया परिजनों के हवाले, एक गिरफ्तार
- डिपोर्ट किए गए युवाओं में से अधिकतर डंकी रूट के माध्यम से गए थे अमेरिका
कैथल। अमेरिका सरकार द्वारा डिपोर्ट किए गए जिला कैथल के 14 युवाओं की रविवार को कैथल पुलिस द्वारा जांच करने उपरांत इनमें से 13 युवाओं को परिजनों के हवाले कर दिया जबकि तारागढ गांव के युवक नरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि अमेरिका ने हरियाणा के कुल 50 युवाओं को डिपोर्ट किया था। इनके पैरो में बेडियां बांधकर वापस भेजा गया है। बताया जा रहा है कि ये सभी डंकी रूट से अमेरिका गए थे। डीएसपी ललित यादव ने बताया कि कैथल के गांव तारागढ़ का नरेश कुमार दो मामलों में कोर्ट से अनुपस्थित था। उसे पर एक मामला चेक बाउंस का चल रहा था और दूसरा शराब तस्करी का था। इन दोनों मामलों में कोर्ट में उपस्थित होने की बजाय वह विदेश चला गया था। हालांकि अभी तक उसे भगोड़ा करार नहीं दिया गया था, लेकिन पुलिस को उसकी तलाश थी। अब उसे कोर्ट में पेश करने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
जनवरी में भी 604 युवा डिपोर्ट हुए थे
गौरतलब है कि जनवरी से जुलाई तक भी हरियाणा के 604 युवा डिपोर्ट हुए थे। ये सभी डंकी रूट से अमेरिका में घुसे थे। इनमें से कोई कई-कई साल से अमेरिका में रह रहा था, तो कोई कुछ महीने पहले की गया। तब से ये युवा विदेश में ही रह रहे थे। इनमें से कुछेक को तो जेल में भी बंद किया हुआ था। डिपोर्ट किए गए अधिकतर 25 से 40 वर्ष के बीच है। इनमें से कोई जमीन बेचकर अमेरिका गया तो किसी ने कर्जा लिया हुआ था। फिलहाल पुलिस सभी युवाओं को कैथल की पुलिस लाइन में ले आई। डीएसपी ललित यादव की ओर से सभी युवाओं से पूछताछ की गई है। कैथल लाए गए युवकों में से एक युवक पानीपत के इसराना का भी रहने वाला है। जिसकी पहचान साहिल के रूप में हुई है। वह शनिवार रात को जिले में पहुंचा है। पुलिस जांच में उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है।
ये किए गए डिपोर्ट
डिपोर्ट हुए कैथल के युवाओं में तारागढ़ के नरेश, पीडल के कर्ण, अग्रसेन कॉलोनी के मुकेश, कैथल के ऋतिक, जडौला के सुखबीर सिंह, हाबड़ी के अमित, बुच्ची के अभिषेक, बात्ता के मोहित, पबनावा के अशोक कुमार, सेरधा के आशीष, हाबड़ी के दमनप्रीत, सिसला के प्रभात व ढांड के सतनाम सिंह शामिल हैं। फिलहाल पुलिस की ओर से सभी युवाओं से पूछताछ की जा रही है। यह भी देखा जाएगा किया उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है।
जहाज में बेड़ियों में बांधकर दिल्ली लाए गए
डिपोर्ट किए गए सभी युवाओं को जहाज में बेड़ियां पहनाकर बैठाया गया था। डीएसपी ललित यादव ने बताया कि पुलिस शनिवार को सभी युवाओं को दिल्ली एयरपोर्ट से कैथल लाई है। उन्हें कैथल में ही रखा गया। रविवार को पुलिस लाइन में उनका रिकॉर्ड जांचा गया। रिकॉर्ड में सभी युवा अलग-अलग आयु वर्ग के हैं।
अलग अलग रास्तों से पहुंचे अमेरिका
डिपोर्ट किए गए युवाओं में से अधिकतर डंकी रूट से अमेरिका में गए थे। एक युवक पहले इटली गया हुआ था जो वहां से अमेरिका गया था। जब अमेरिका में उनके दस्तावेजों की जांच हुई तो वे सही नहीं मिले। उसी के आधार पर इन्हें डिपोर्ट किया गया है। अगर किसी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड मिलता है तो उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। बाकी सब को जांच पड़ताल के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
डेढ़ एकड़ जमीन बेचकर गया था अमेरिका
डिपोर्ट हुए एक युवक ने बताया कि वह 2 साल पहले अमेरिका गया था। वह अपनी करीब डेढ़ एकड़ जमीन बेचकर डंकी रूट से पनामा के जंगलों से होते हुए कई महीने में अमेरिका पहुंचा। मैक्सिको-अमेरिका की दीवार कूदकर जैसे ही पहुंचे, वहां पर उसे पकड़कर जेल में डाल दिया गया। तब से वह जेल में ही था। अब उसे डिपोर्ट कर दिया गया है। उनको जहाज में बेड़ियों से बांधकर लाया गया और दिल्ली एयरपोर्ट पर उतारा।
इससे पूर्व इन युवाओं को किया गया था डिपोर्ट
इस साल जनवरी से जुलाई 2025 तक अमेरिका से जो युवा डिपोर्ट किए गए हैं, उनमें से 604 हरियाणा के थे। फरवरी में अमेरिका से कैथल के 7 युवा डिपोर्ट हुए थे। इनमें कलायत के अंकित, मटौर के सुशील, काकौत के प्रिंस, रामनगर के गुरनाम, गुरप्रीत सिंह, मंदीप, गुलियानी के दीपक, नितिन व प्रगट सिंह शामिल थे। बता दें कि अब तक कैथल जिले के 18 युवा डिपोर्ट किए जा चुके हैं।
3 नवंबर को आ सकती है एक और फ्लाइट
डिपोर्ट हुए एक युवक ने बताया कि 3 नवंबर को एक और विमान भारत आने की संभावना है। जिसमें कैथल व आस-पास क्षेत्रों के कई अन्य युवकों के भी डिपोर्ट होने की संभावना है। डीएसपी ललित यादव ने बताया कि अभी तक किसी भी युवक ने उन एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। यदि कोई शिकायत मिलेगी तो उसी अनुसार कार्रवाई करेगी।
US Deports 54 Haryana Men, Police Probe ‘Donkey Route’ Trail
Career : एल.एल.बी. : कानूनी और सरकारी जगत में कामयाबी के सुनहरे मौके

