HMPV :
- -स्वास्थ्य मंत्री राव बोलीं, लोगों को चिंता करने की जरुरत नहीं
- -अस्पतालों में फ्लू कार्नर स्थापित करने के आदेश
HMPV : चंडीगढ़। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर हरियाणा सरकार ने भी अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने मंगलवार को कहा कि अभी हरियाणा में एचएमपीवी का कोई केस नहीं है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है। सभी सिविल सर्जन को इन्फ्लूएंजा, एचएमपीवी, आरएसवी एवं सांस से संबंधी अन्य बीमारियों के इलाज के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दे दिए हैं। स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के महानिदेशक ने सिविल सर्जन को एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि वे एचएमपीवी समेत उक्त बीमारियों के प्रति सतर्क रहें और प्रभावी तैयारी सुनिश्चित करें। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में फ्लू कॉर्नर बनाए जाएं। इसमें पर्याप्त संख्या में दवा, उपकरण, ऑक्सीजन व वेंटिलेटर हों एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों की ड्यूटी लगातार रोटेशन में लगाएं।
सभी व्यवस्थाएं करें
राव ने केंद्रों के प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे ओस्टेलमाविर 75, 45, 30 मिलीग्राम और सिरप के साथ-साथ पीपीई, एन-95 मास्क, अभिकर्मक किट वीटीएम आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करें। मौसमी इन्फ्लूएंजा और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए समर्पित बिस्तर सुनिश्चित करें। कर्मचारी ड्यूटी के दौरान बार-बार हाथ धोएं। जिनको खांसी, जुकाम के लक्षण हों, वे मास्क पहनें।
यह भी निर्देश जारी
-प्रत्येक जिला निगरानी इकाई अपने क्षेत्र में इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों से मेल करती बीमारियां व सांस के गंभीर लक्षणों के रुझान पर निगरानी रखें।
-जरुरत पड़ने पर गंभीर मामलों में सैंपल की जांच करवाएं।
-बुजुर्गों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।
-स्थानीय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए के पदाधिकारियों से मीटिंग कर उनसे नियमित जानकारी प्राप्त कर विभाग को प्रतिदिन रिपोर्ट करें।
क्या है एचएमपीवी
हरियाणा के स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक ऐसा वायरस है जो सभी उम्र के लोगों में श्वसन संक्रमण पैदा कर सकता है। उन्होंने इस संक्रमण के चिकित्सकीय रूप के लक्षणों के बारे में जानकारी दी कि इसमें खांसी, बुखार, नाक बंद होना, सांस लेने में तकलीफ और ब्रोंकाइटिस, गंभीर मामलों में निमोनिया भी हो सकता है। एचएमपीवीखांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों, नज़दीकी व्यक्तिगत संपर्क, जैसे हाथ छूना या मिलाना, दूषित सतहों को छूना और फिर मुंह, नाक या आंखों को छूने के ज़रिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। डॉ. बंसल ने लोगों को ज्यादा डरने की बजाए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है। ज़्यादातर मामले 2-5 दिनों के बाद बिना इलाज के ठीक हो जाते हैं।
यह बरतें सावधानियां
-अगर एचएमपीवी हो जाए तो मरीज़ खूब पानी पिएं।
-आराम करें, दर्द और श्वसन संबंधी लक्षणों के लिए दवाएं लें।
-एचएमपीवीके लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार या वैक्सीन नहीं है।
-हाथों को बार-बार साबुन और पानी से साफ करें, बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें।
-बीमार लोगों के साथ नज़दीकी संपर्क से बचें, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
-बार-बार छूई जाने वाली सतहों को साफ करें, बीमार होने पर घर पर ही रहें।
-सामान्य सर्दी के लक्षणों के साथ विशेष रूप से सर्दियों के दौरान इन्फ्लूएंजा, एचएमपीवी, आरएसवी श्वसन संक्रमण होने के सामान्य कारण हैं।
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