Jind :
- एनआईए ने की कार्रवाई, गैंगस्टर नीरज बवाना गैंग का गुर्गा है रामबीर कालोनी निवासी दिनेश
- पौने छह घंटे चला सर्च अभियान, मां तथा भाई से की लंबी पूछताछ
- मकान की रजिस्टरी, बैंक कॉपी, फोन, सिम को साथ ले गई एनआईए टीम
Jind : जींद। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार अल सुबह गैंगस्टर नीरज बवाना गैंग के गुर्गे रामबीर कालोनी निवासी दिनेश उर्फ टापा के आवास पर छापेमारी की। दिनेश अपराधिक मामलों में फिलहाल दिल्ली तिहाड़ जेल में बंद है। टीम ने घर में लगभग पौने छह घंटे सर्च अभियान चलाया और आरोपित की मां तथा छोटे भाई से भी लंबी पूछताछ की। टीम मकान की रजिस्टरी, बैंक कॉपी तथा मोबाइल फोन सिम को अपने साथ ले गई है। इस दौरान शहर थाना पुलिस के अलावा महिला पुलिसकर्मी भी तैनात रही। रामबीर कालोनी निवासी दिनेश उर्फ टापा के मकान को बुधवार अल सुबह लगभग साढ़े चार बजे एनआईए की चार सदस्यीय टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से घेर लिया। जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थी। टीम ने दिनेश की मां बाला तथा छाटे भाई दीपेश से गहनता से पूछताछ की और पूरा विवरण जुटाया। टीम ने बाला के फोन की सिमसाथ मकान की रजिस्टरी, उनके बैंक खातों की कॉपी को भी कब्जे मे ले लिया। स्थानीय पुलिस केवल सुरक्षा में ही तैनात रही। जांच के दौरान किसी को मकान के अंदर तथा बाहर नही जाने दिया गया। लगभग पौने छह घंटे तक की गई गहनता से जांच करने के बाद एनआईए टीम वापस चली गई।
बहादुरगढ़ में केस दर्ज हुआ था
छानबीन के दौरान के सामने आया कि तिहाड़ जेल में बंद दिनेश उर्फ टापा के खिलाफ अगस्त 2014 बहादुरगढ़ अपराधिक मामला दर्ज हुआ था। जिसके बाद वह नीरज बवाना की गैंग में शामिल हो गया। जिस पर दिल्ली मे कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसमें तिहाड़ जेल वैन हत्याकांड भी शामिल है। वर्ष 2019 में दिनेश पैरोल पर आया था। जिसके बाद वह फरार हो गया। वर्ष 2023 में फिर से वह दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया। तभी से वह तिहाड़ जेल में बंद है। एनआईए टीम ने दिनेश की फरारी के दौरान वह कहां-कहां पर ठहरा और किन -किन लोगों से मिला, इस दौरान वारदातों किन वारदातों कोअंजाम दिया समेत अन्य तथ्यों की जानकारी जुटा रही है। आरोपित दिनेश के पिता बुधवार की वर्ष 2020 मे मौत हो गई थी। मंझला भाई जोनी पहले स्पेन में फिलहाल इटली में रह रहा है। जो कुछ दिन अपने घर रह कर चार दिन पहले ही इटली गया है। छोटा भाई दीपेश अपने घर में मां बाला के साथ परचून की दुकान चलाने के साथ अपनी टैक्सी भी चलाता है।
परिजन बोले, 2014 से संपर्क नहीं
आरोपित दिनेश की मां बाला देवी तथा छोटे भाई दीपेश ने बताया कि अगस्त वर्ष 2014 से उनका संपर्क नहीं है। उन्होंने दिनेश को बेदखल भी किया हुआ है। एनआईए टीम ने दिनेश के बारे में पूछताछ की है। कुछ दस्तावेज तथा फोन की सिम को अपने साथ ले गई है। पुलिस बार-बार उनके मकान पर दस्तक देती है। जिससे वे भी परेशान होते हंै। जबकि दिनेश से उनका काफी लंबे समय से कोई लेना देना नही है। शहर थाना प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि एनआईए की टीम आई थी। जिसने पुलिस का सहयोग मांगा था। जो उपलब्ध करवा दी गई। उससे ज्यादा उन्हे कोई जानकारी नही है।
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