Trade Fair
- -हरियाणा के मंडप में दिनभर रहती खरीदारों की भीड़
- -हरियाणा मंडप में 36 स्टॉल लगे हैं, लोगों को लुभा रहे
- -व्यापार मेले ने लघु एवं कुटीर उद्योगों को दिलाई नई पहचान
- अपनी समृद्ध विरासत से जोड़ने का काम भी कर रहे है
Trade Fair : चंडीगढ़। मिट्टी के बर्तनों के प्रति बढ़ती जागरूकता का ही परिणाम है कि आज लोगों का आकर्षण मिट्टी के बर्तनों की ओर बढ़ा है। जहां ये बर्तन सेहत के लिए वरदान साबित हो रहे है वहीं लोगों को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़ने का काम भी कर रहे है। प्रवक्ता ने बताया कि 14 से 27 नवंबर तक नई दिल्ली के भारत मंडप में चल रहा 43वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के हरियाणा मंडप में 36 स्टॉल लगे हैं जिनमें हरियाणा के लघु और कुटीर उद्योग की झलक दिखाई गई है। जहां मिट्टी के बर्तनों के स्टाल पर भारी भीड़ उमड़ रही है।
यह बोल दयाराम
दयाराम नाम एक व्यक्ति पिछले 33 वर्षों से मिट्टी के बर्तनों को तैयार कर लोगों के जीवन को शुद्ध पकाओ शुद्ध खाओ-पीओ के लक्ष्य के साथ लाभ पहुंचा रहें है। हरियाणा मंडप में दयाराम के अलावा दो अन्य स्टॉल भी मिट्टी के बर्तन की है। दाल, सब्जी व अन्य खाद्य वस्तुएं पकाने के लिए हांडी, कढ़ाई, बॉल, कुल्हड, गिलास व मिट्टी के तवे अच्छी खासी बिक्री में है। लाइव दिखाएं जा रहे बनते मिट्टी के बर्तन, धर्मावती का चल रहा चाकहरियाणा पवेलियन में एक स्टॉल धर्मावती का भी है जहां मिट्टी के बर्तन बनाने का लाईव डेमो दिया जा रहा है, यहां धर्मावती देवी दिनभर आगंतुकों को मिट्टी के बर्तन बनाती नजर आती है। विशेषकर गिलास और कुल्हड़ बनाएं जा रहे है और महिलाएं धर्मावती के साथ लाइव डेमो में ही सेल्फी लेती हैं। धर्मावती ने बताया कि पिछले कई वर्षो से वह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में अपनी स्टॉल लगाती है, यहां से न केवल उनका व्यापार बढ़ा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनको पहचान भी मिली है।
मिट्टी में फूंक रहे जान
फरीदाबाद के मोहना निवासी दयाराम द्वारा बनाएं गए मिट्टी के बर्तन आधुनिक लुक लिए हुए है विशेषकर मिट्टी का कुकर ऐसा बना है जो गृहणियों के पंसद बना हुआ है। लोगों की सोच में बदलाव आया है और यही वजह है कि मिट्टी के बर्तनों की डिमांड बढ़ी है। निशा ने बताया कि कुछ सालों पहले मिट्टी के बर्तनों की बिक्री बहुत कम थी, लेकिन अब लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए है जिससे मिट्टी के बर्तनों की बिक्री बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि खाने में पौष्टिकता तभी रह पाएगी जब खाद्य वस्तुओं को मिट्टी के बर्तन में पकाया जाए, पकाने में थोडा ज्यादा समय लगे लेकिन खाना हमेशा अच्छा ही बनेगा।
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