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pension Scam : ‘भूताें’ को पेंशन बांटने के मामले में पुलिस ने की घोर लापवाही

हरियाणा में पेंशन घोटाला।हरियाणा में पेंशन घोटाला।

pension Scam

  • -सीबीआई की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट
  • -सिर्फ एक सेवादार और क्लर्क के फंसाकर पार्षदों व अफसरों को बचाया
  • -अपात्र, मृतकों और अस्तित्व विहीन लोगों को पेंशन बांटने में गोलमाल

pension Scam : चंडीगढ़। प्रदेश में ‘भूताें’ (अपात्र, मृतकों व अस्तित्व विहीन लोगों) को पेंशन बांटने के मामले में सीबीआई जांच में शुक्रवार को बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई द्वारा हाईकोर्ट में दायर रिपोर्ट में दावा किया है कि इस मामले में हरियाणा पुलिस ने बड़ी लापरवाही बरती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस के जांच अधिकरियों ने सिर्फ एक सेवादार और क्लर्क को फंसाकर पार्षदों और अफसरों को बचा लिया। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच की है और अब 14 पेज की रिपोर्ट अदालत में पेश की है।

17,094 लोग गायब, 50,312 की मृत्यु हो चुकी

सीबीआई की जांच में पता चला कि प्रदेश में 17,094 पेंशन लाभार्थी गायब हैं और 50,312 की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद इन्हें पेंशन मिलती रही। पेंशन का पैसा कहां गया। इसका कोई अतापता नहीं है। सीबीआई ने सिफारिश की है कि हर जिले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और जिन अधिकारी की मिलीभगत से घोटाला हुआ उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।

पार्षदों और सरपंचों ने डकारी पेंशन

सीबीआई का कहना है कि मृत व्यक्तियों की पहचान करके उनके नाम पर पेंशन को डकारने वाले पार्षदों और सरपंचों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। इसके लिए कई एसीबी व अन्य जांच एजेंसी की सहायता ली जानी चाहिय। सभी दोषी समाज कल्याण अधिकारियों के खिलाफ ड्यूटी में कोताही बरतने के लिए आपराधिक और विभागीय जांच होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर में पार्षदों और सरपंचों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर पेंशन के करोड़ों रुपये डकार लिए। इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।

हरियाणा पुलिस बेपरवाह

सीबीआई ने माना कि पेंशन घोटाले में हरियाणा पुलिस ने बेपरवाह, लापरवाही से और अपर्याप्त जांच की है। पेंशन घोटाले में मुख्यतया म्यूनिसिपल कमेटी के प्रधान, पार्षद, सेक्रेटरी और जिला समाज कल्याण अधिकारी शामिल हैं। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि मृत लाभार्थियों के परिवारों से पेंशन की रिकवरी दिखाई गई, लेकिन जब सीबीआई ने इन परिवारों से संपर्क किया तो उन्होंने बयान दिया कि न तो उन्होंने कोई पैसा जमा करवाया और न ही उनको कभी पेंशन मिली।

आरटीआई एक्टिविस्ट ने दी थी जानकारी

इस मामले में याचिका दाखिल करते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश बैंस ने एडवोकेट प्रदीप रापडिया के माध्यम से हाईकोर्ट को हरियाणा में हुए पेंशन वितरण घोटाले की 2017 में जानकारी दी थी। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने ऐसे व्यक्तियों को भी पेंशन बांट दी जो या तो स्वर्ग सिधार चुके थे या पेंशन लेने की योग्यता ही पूरी नहीं करते थे। हाई कोर्ट ने इस मामले मेंं सीबीआई को प्राथमिक जांच का आदेश दिया था।

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