high court
- हाईकोर्ट ने जारी किए निर्देश
- फुल कोर्ट ने दो अन्य न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई
- चीफ जस्टिस शील नागू की अध्यक्षता में फुल कोर्ट ने लिया निर्णय
high court : चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) मनोज दहिया को बर्खास्त करने, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह जोसन को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंशु शुक्ला की एक वेतन वृद्धि रोकने की सिफारिश की है। चीफ जस्टिस शील नागू की अध्यक्षता में फुल कोर्ट की बैठक में यह निर्णय लिए गए, जिसमें हाईकोर्ट के सभी जज उपस्थित थे। सिरसा में तैनात दहिया को फुल कोर्ट की संस्तुति के बाद बर्खास्त किया जा सकता है। पंजाब के होशियारपुर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में तैनात जोसन को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। अंबाला जिला न्यायालय में कार्यरत अंशु शुक्ला की एक वेतन वृद्धि रोकी जाएगी।
राेहतक में सत्र न्यायाधीश जैन की सेवाएं भी निलंबित
फुल कोर्ट ने रोहतक में औद्योगिक न्यायाधिकरण-सह-श्रम न्यायालय के पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्यरत अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राज कुमार जैन की सेवाएं पहले ही निलंबित कर दी गई हैं। फुल कोर्ट बैठक का शाब्दिक अर्थ है वह बैठक जिसमें हाईकोर्ट के सभी जज उपस्थित हों। यह नियमित रूप से न्याय व्यवस्था और अधीनस्थ न्यायपालिका से संबंधित न्यायिक अधिकारियों तथा अन्य संबंधित मुद्दों से संबंधित प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की जाती है।
कई न्यायिक अधिकारियों की सेवाएं निलंबित
ऐसी बैठकों में स्थानांतरण, पदस्थापन, पदोन्नति और न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जैसे निर्णय लिए जाते हैं। हाल ही में लिए गए निर्णयों के अलावा इससे पहले भी फुल कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर से कई न्यायिक अधिकारियों की सेवाओं को निलंबित कर दिया है, जबकि कई को बर्खास्त कर दिया था । हाई कोर्ट अधीनस्थ न्यायपालिका में भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और अन्य कारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। अब तक दो दर्जन से अधिक न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की है, जिससे अधीनस्थ न्यायपालिका के बीच जीरो टोलरेंस का एक मजबूत संदेश भेजा गया है।
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