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- शुक्रवार को मौसम साफ रहने की संभावना
- शनिवार से फिर आएगा मौसम में बदलाव
- रबी फसलों को काफी फायदा मिला
weather : रेवाड़ी। बुधवार देर सायं तक हुई बूंदाबांदी के बाद वीरवार तड़के भी हल्की बूंदाबांदी हुई। औसत एक एमएम बरसात होने से रबी फसलों को काफी फायदा मिला है। बारिश के कारण कोहरे का असर कम हो गया। तापमान में वृद्धि ने कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे लोगों को काफी राहत दिलाने का कार्य किया है। शुक्रवार को मौसम साफ रहने की उम्मीद है, जबकि 18 जनवरी को एक बार फिर आसमान में बादल छाने के साथ ही बूंदाबांदी होने की संभावना जताई जा रही है। वीरवार को सुबह करीब 5 बजे जिले के लगभग सभी खंडों में हल्की बरसात हुई।
रेवाड़ी में बारिश
रेवाड़ी व धारूहेड़ा खंडों में सुबह 8 बजे तक औसत 2-2 एमएम बरसात दर्ज की गई। इनके अलावा मनेठी में 1.1, पाल्हावास में 1, डहीना में 0.1, बावल में 1, कोसली व नाहड़ खंडो में 0.1 एमएम बरसात रिकॉर्ड की गई। हल्की बरसात के बाद सुबह के समय सूरज की चमक भी दिखाई दी। अधिकतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 17.5 डिग्री पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 10.5 डिग्री दर्ज किया गया। दिन-रात के तापमान में एक साथ वृद्धि होने के कारण कड़ाके की ठंड का असर कम हो गया। बुधवार को कड़ाके की ठंड ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित किया था। बरसात के बाद कोहरे का असर भी देखने को नहीं मिला, जिससे सड़क यातायात सुचारू रूप से चलता रहा। दोपहर बाद आसमान में एक बार फिर बादल छा गए, जिससे बूंदाबांदी की संभावना नजर आने लगी। मौसम विभाग के अनुसार 17 जनवरी को आसमान साफ रह सकता है, लेकिन 18 जनवरी को आसमान में बादलों के बीच हल्की बरसात भी हो सकती है। सप्ताह के अंत तक मौसम परिवर्तनशील बना रहने की संभावना है। इस दौरान तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
हल्की बरसात से फसलों का फायदा
हल्की बरसात से रबी की प्रमुख फसलों गेहूं और सरसों को काफी फायदा मिला है। इन फसलों को बरसात की आवश्यकता थी। कृषि विशेषज्ञ डा. नरेश कुमार ने बताया कि यह बरसात दोनों फसलों के तेज गति से विकास में सहायक साबित होगी। अभी अगर और बरसात होती है, तो उससे भी फसलों को काफी फायदा मिलेगा। अगेती सरसों की फसल को सिंचाई की जरूरत नहीं रहेगी। अगर बरसात के बाद ठंड बढ़ती है, तो किसानों को गेहूं की नियमित सिंचाई करनी होगी। दूसरी ओर वीरवार की बरसात के बाद प्रदूषण के स्तर में कमी दर्ज की गई है। एक्यूआई 100 से कम आने का आंकलन किया गया है। इससे पूर्व प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ना शुरू हो गया था।
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