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USDeport : 37.39 लाख ठगने के आरोप, असंध के दो एजेंटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

USDeport

  • -अमेरिका से डिपोर्ट हुए युवक ने दर्ज करवाया मुकदमा
  • -एजेंटों के लोगों ने उसे रास्ते में टॉर्चर किया और रुपये मांगे
  • -उसे कई दिन भूखा रखा, जंगलों में भटकता रहा युवक

USDeport : कैथल। थाना कलायत पुलिस ने अमेरिका से डिपोर्ट हुए कैथल के युवकों की शिकायत पर अमेरिका भेजने वाले असंध के दो एजेंटों के ​खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी गई ​शिकायत में युवक ने एजेंटों पर आरोप लगाया है कि दोनों ने उससे 37.39 लाख रुपये ठग लिए और अवैध तरीके से अमेरिका भेजा। अब उसे वहां से डिपोर्ट कर दिया गया। एजेंटों के लोगों ने उसे रास्ते में टॉर्चर किया और रुपये मांगे। उसे कई दिन भूखा रखा।

15 फरवरी को डिपोर्ट हुआ

अमेरिका से 15 फरवरी को डिपोर्ट हुए गांव कुराड़ के राकेश ने कलायत थाना में दी गई शिकायत में बताया कि वह एक साल पहले वह शादी समारोह में असंध गया था। वहां उसकी पहचान हर्ष प्रताप उर्फ सोनू से हुई। हर्ष ने बताया कि वह विदेश भेजने का काम करता है। उसने बताया कि अमेरिका जाने के लिए वैध तरीके से ऑफर है। वह यहां से उसको गुआना देश का वीजा दिलाएगा और गुआना से मेक्सिको का वीजा लगावाएगा। आगे मेक्सिको से अमेरिका के मेन गेट से अंदर प्रवेश करवाएगा।

ऐसे दिया झासा

आरोपितों ने उससे कहा कि इसके लिए 40 लाख खर्चा आएगा। कुछ दिन बाद उसने हर्ष प्रताप को घर बुलाया। तब 40 लाख में वैध तरीके से अमेरिका भेजने की बात हुई। उसने पासपोर्ट और दो लाख रुपये अगस्त 2024 में उसे दे दिए। चार सितंबर 2024 को उसका गुआना देश का वीजा आया। फिर उससे दो लाख रुपये अजीत सिंह उर्फ बोबी के खाते में डलवा लिए। अजीत भी हर्ष प्रताप के साथ मिलकर विदेश भेजने का कार्य करता है। नौ सितंबर को दो लाख 64 हजार रुपये नकद हर्ष प्रताप ने डॉलर बदलकर लिए। 10 सितंबर को उसे दिल्ली भेजा गया। इसके बाद गुयाना भेजा गया। इसके बाद आरोपितों ने परिवार से 37.39 लाख रुपये ले लिए।

ऐसे पहुंचा अमेरिका

आरोपियों ने उसे गुआना से मेक्सिको भेजने की बात कही थी, लेकिन वह झूठ निकली। उसके बाद उसे गुआना से ब्राजील, वहां से बुलिविया, पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया बसों के द्वारा व पैदल भेजा गया। कोलंबिया में उसे डोंकर द्वारा दो मास तक कैद करके रखा गया। कोलंबिया से पनामा देश पैदल जंगल के रास्ते भेजा गया और जंगल के अन्दर 10 दिन तक कैद करके रखा। वहां खाना व पानी तक नहीं मिला। वहां डोंकर उसे रुपये की मांग कर टॉर्चर करते थे। सके बाद पनामा से कोस्टारिका, कोस्टारिका से निकारागोंवा, निकारा गोवा से होनडरस, होनडरस से ग्वाटेमाला ले जाया गया। ग्वाटेमाला 10 दिन तक रखा गया। इस बीच उसको कई कई दिन तक भूखा रखा गया। वहां से उसको मेक्सिको ले जाया गया और वहां 5 दिन रखा गया। मेक्सिको देश के शहर थापाचुहला में उससे फोन व बैग आदि छीन लिए गए। थापाचुहला से मेक्सिको सिटी के लिए 12 घंटे समुद्र के रास्ते से किश्ती द्वारा ले जाया गया और तिजवाना बॉर्डर क्रॉस करवाया। क्रॉस करते समय उसका पासपोर्ट वापस दे दिया और एक फरवरी को वहां उसे अमेरिकन पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उसको 14 दिन तक जेल में रखा गया। 15 फरवरी को उसे वापस भारत भेज दिया। शिकायतकर्ता ने कहा कि ऐसा करके आरोपियों ने उसके साथ धोखाधड़ी की और उसे टॉर्चर किया है।

हम जांच कर रहे

कलायत थाना प्रभारी जयभगवान ने बताया कि पुलिस ने शिकायत में आधार पर दो आरोपितोंके खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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