Mandir
- -संकट मोचन मंदिर में 7 दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा का चतुर्थ दिन
- -गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी ने कीर्तन, सत्संग व आरती की
- -पंडित अशोक शर्मा ने प्रसाद वितरित किया
- – मुख्य अतिथि ने भक्तिभाव से ज्योत प्रचंड कर माथा टेका और आरती की
Mandir : रोहतक। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां गायत्री जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में 7 दिवसीय धार्मिक आयोजन का चतुर्थ दिन मंगलवार को श्रद्धा और भक्तिमय से शुभारंभ हुआ । इस अवसर गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी द्वारा कीर्तन, सत्संग व आरती हुई । पंडित अशोक शर्मा ने प्रसाद वितरित किया। मुख्य अतिथि ने भक्तिभाव से कथा से पूर्व ज्योत प्रचंड कर माथा टेका और आरती की । यह जानकारी सचिव गुलशन भाटिया ने दी। इस अवसर पर सुबह आंखों की जाँच का निशुल्क जांच का शिविर लगाया जिसमें मुख्य नेत्र अधिकारी डॉ. ओमवीर राठी (लार्ड शिवा, हॉस्पिटल, बहादुरगढ़) व उनकी संयुक्त टीम ने 200 से अधिक मरीजों की निशुल्क आँखों की जांच की और दवाइयां वितरित की ग़ई। डॉक्टर राठी ने कहा कि जिन रोगियों की आंखों में मोतियाबिंद पाया गया और उन्होंने ऑपरेशन के लिए तारीख दी गई है और उनका सारा खर्चा हमारे हॉस्टल द्वारा निशुल्क किया जाएगा । उन्होंने कहां कि इस प्रकार के शिविरों का आयोजन जरूरी है। आंखें वो अनमोल रतन हैं जिनके बिना सुंदर सृष्टि को नहीं देखा जा सकता। इसलिए इनकी देखभाल करना हमारी जिम्मेवारी है उसे समय-समय पर इसकी जांच करवानी चाहिए ।
कृष्ण जन्म का विस्तारपूर्वक वर्णन
मंदिर प्रांगण में संगीतमय व रसमय चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिन मंगलवार को श्रीमद्भागवत कथा गणेश वंदना के साथ कथा याचिका साध्वी यमुना दीदी (वृन्दावन) ने अपनी मधुर वाणी से की । उन्होंने श्रीमद्भभागवत कथा में कृष्ण जन्म का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। कथावाचन साध्वी यमुना दीदी ने मंगलवार को श्री कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग का व्याख्यान करते हुए कहा कि मनुष्य को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है।
इस अवसर पर आज प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ ।उन्होंने श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा याचिका साध्वी यमुना दीदी ने कहा कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। देवी पूजा ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे।
पहलगाम में मारे गए लोगों के प्रति 2 मिनट का मौन रखा
कथावाचन साध्वी यमुना दीदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले
में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनकी आत्मा शांति के लिए 2 मिनट का सभी ने मौन रखा । उन्होंने कहा कि उन्होंने आए दिन हो रहे हिंदुओं पर जानलेवा हमला और जाति पूछ पूछ कर उनकी हत्या करना किसी धर्म में नहीं लिखा । इसलिए हमें एकजुट होकर इस लड़ाई को मिलकर लड़ना है और देश को आतंकवाद मुक्त करने के लिए सरकार के फैसले में हमें सहयोग देना होगा ।
शक्ति परमात्मा की भक्ति से प्राप्त हो सकती है : कथा याचिका साध्वी यमुना दीदी
श्रीमद् भागवत कथा सत्संग समारोह पर वृंदावन से आईं कथावाचक यमुना दीदी ने श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए कहा कहा कि साधना की एक अपनी स्वतंत्रता होती है और वह अनिवर्त है साधना शब्द इतना सरल है लेकिन उसको पाना उतना ही कठिन है साधना शक्ति से प्राप्त की जा सकती है और शक्ति परमात्मा की भक्ति से प्राप्त हो सकती है जवाब भक्ति में प्रबल हो जाएंगे का तंबल बढ़ेगा और आत्मबल से आप साधना को संपन्न कर सकते हैं। उन्होंने कहा की गुरु अगर साधना के पथ का प्रदर्शक हो जाय तो इससे बड़ी साधना की परिपक्वता दूसरी नहीं हो सकती। साधक के जीवन में साधना की परिपूर्णता केवल साध्य की प्राप्ति में नहीं है। क्योंकि साधना के प्रति स्वतन्त्र अपना मोह है। साधना साध्य की प्राप्ति के बाद भी बड़ी पूर्ण है। उन्होंने कहा कि भगवत् प्राप्ति के बाद भी साधु भजन ही करता है। भगवान श्रीराम शबरी को ये उपदेश दे रहे हैं।