Operation Sindoor
- भारत-पाक के बीच युद्ध विराम से पहले केंद्र सरकार का फैसला
- पाकिस्तान के साथ संघर्ष के बीच सरकार ने यह स्पष्ट चेतावनी दी
- सेना भी उसी की भाषा में जवाब देगी
- भारत-पाक तनाव के बीच सरकार का बड़ा फैसला
- पीएम मोदी ने रक्षामंत्री राजनाथ, एनएसए डोभाल, सीडीएस चौहान और तीनों सेना प्रमुखों के साथ की बैठक
Operation Sindoor : नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को निर्णय लिया कि भारत अपनी सरजमीं पर भविष्य में होने वाले किसी भी आतंकवादी हमले को ‘युद्ध की कार्रवाई’ मानेगा और उसी के अनुसार जवाब देगा। शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस फैसले से पहले शनिवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में पीएम आवास पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। 24 घंटे में सेना प्रमुखों के साथ यह उनकी दूसरी मीटिंग थी। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ संघर्ष के बीच सरकार ने यह स्पष्ट चेतावनी दी है। इस निर्णय के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ एक स्पष्ट “लक्ष्मण रेखा” खींचने की कोशिश की है और यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी फिर से भारत को निशाना बनाते हैं, तो सरकार पहलगाम घटना के बाद जैसी ही सैन्य प्रतिक्रिया देगी। सरकार के इस निर्णय से भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया को औपचारिक रूप दिया गया है। इस कदम को पाकिस्तान के लिए कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जो भारतीयों को निशाना बनाने में शामिल विभिन्न आतंकवादी समूहों से जुड़ा हुआ है।
एक्ट ऑफ वॉर कैसे तय करती है सरकार
भारत में एक्ट ऑफ वॉर कोई एक कानून नहीं है, बल्कि इस पर फैसला कई कानूनों (संविधान, भारतीय न्याय संहिता), रक्षा कानून, अंतरराष्ट्रीय समझौते के आधार पर किया जाता है। भारत सरकार ही तय करती है कि कौन सी कार्रवाई एक्ट ऑफ वॉर है। आम तौर पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर हमले को एक्ट ऑफ वॉर माना जाता है।