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Moringa Miracle Tree : मोरिंगा पर मौसम का प्रभाव जांचेंगी हिसार की हकृवि व न्यूजीलैंड की मैसी यूनिवर्सिटी

Moringa Miracle TreeMoringa Miracle Tree

Moringa Miracle Tree

  • क्या मौसम में बदलाव से मोरिंगा हो रहा प्रभावित, होगा शोध
  • मोरिंगा के बीज, पत्तियों में टैनिंन और एंटीओक्सीडेंट पर प्रभाव का पता चलेगा
  • प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत है ड्रमस्टिक
  • पत्तियां कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन और विटामिन ए,डी,सी से भरपूर

Moringa Miracle Tree : चंडीगढ़। हरियाणा में मोरिंगा(ड्रमस्टिक) (सहजन मोरिंगा ओलिफेरा, सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा) पर मौसम के प्रभाव को लेकर रिसर्च की जाएगी। यह एक बेहद अहम रिचर्स मानी जा रही है, क्योंकि मोरिंगा एक औषधीय गुण वाला पौधा है। यह हड्डियों को मजबूत करने के साथ साथ कई और गुणों से भी भरपूर है। अब वैज्ञानिक देखेंगे की मौसम के बदलाव का इस पर क्या असर पड़ रहा है। यह शोध हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय(हकृवि) और मैसी यूनिवर्सिटी, न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा किया जाएगा। इसके लिए मैसी यूनिवर्सिटी का एक दल हकृवि आएगा और संयुक्त रूप से रिसर्च करेंगे।

 

MORINGA
Moringa Miracle Tree : हकृवि में कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज के साथ रिसर्च करने वाली टीम के सदस्य।

रिसर्च की मिल चुकी मंजूरी
हकृवि के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि जलवायु परिवर्तन एवं मौसम में हो रहे बदलाव के कारण मोरिंगा के बीज व पत्तियों में टैनिंन और एंटीओक्सीडेंट प्रोपर्टीज पर पड़ने वाले प्रभाव पर रिसर्च किया जाएगा। रिसर्च के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्पार्क परियोजना को वित्तीय सहायता की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

इन क्षेत्रों में जांच पड़ताल
दोनों विवि के वैज्ञानिक हिमालय रीजन, उतराखंड और दक्षिणी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से मौरिंगा के सैंपल लेंगे। इसके लिए हकृवि द्वारा दो टीमों का गठन किया गया है। जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से पीआई डॉ. जयंती टोकस और को-पीआई डॉ. अक्षय भूकर, न्यूजीलैंड विश्वविद्यालय की ओर से टीम में पीआई डॉ. क्रैग मैक गिल और को-पीआई डॉ. पैनी बैक को शामिल किया है।

दो शोधार्थी न्यूजीलैंड जाएंगे
डॉ. जयंती टोकस ने बताया कि मोरिंगा पर शोध के लिए विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के दो शोधार्थी मैसी यूनिवर्सिटी, न्यूजीलैंड का दौरा करेंगे। मोरिंगा को लेकर हकृवि में अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में दोनों विश्वविद्यालयों की टीमें संयुक्त रूप से भाग लेंगी।

क्या है मोरिंगा
मोरिंगा को सहजन मोरिंगा ओलिफेरा, सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा भी कहा जाता है। इसकी पत्तियां प्रोटीन का एक बड़ा स्त्रोत है। इसमें सभी महत्वपूर्ण एमीनों एसिड भी होते हैं।

कैल्शियम से भरपूर
मोरिंगा की पत्तियां कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन और विटामिन ए,डी,सी से भरपूर हैं। मोरिंगा की पत्तियां शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के साथ-साथ डायबिटीज, इम्यून सिस्टम, हड्डियों और लीवर सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज में प्रयोग होती हैं।

ये भी लाभ
मोरिंगा के कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं। जैसे बालों और त्वचा की रक्षा और पोषण करना, सूजन का उपचार करना, यकृत की रक्षा करना, पेट की गड़बड़ी का उपचार करना, खाद्य जनित जीवाणु संक्रमण से लड़ना और आंखों के स्वास्थ्य में सुधार करना।

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