Israel Iran attack
- ईरान ने भी माना, फोर्दो परमाणु केंद्र पर फिर हमला हुआ
- सीरिया में अमेरिकी मिलिट्री बेस पर भी दागीं गई मिसाइलें
- ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने पुतिन से मदद मांगी
- इजराइल ने परमाणु ठिकानों और आईआरजीसी पर किया हमला
- इससे पहले अमेरिका ने भी यहीं बम बरसाए थे
- सीरिया में अमेरिका के मिलिट्री बेस पर हमला
Israel Iran attack : दुबई। इजराइल ने सोमवार को फिर ईरान पर हमला बोला और उसे परमाणु केंद्रों और सैन्य ठिकानों और तेहरान में ईरानी सेना की यूनिट इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) से जुड़े ठिकानों पर हमले किए। इजराइल ने इन हमलों में सैकड़ों सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। वहीं, ईरान ने भी इजराइल पर मिसाइलों और ड्रोनों की बौछार कर दी। साथ ही ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा ईरानी परमाणु स्थलों पर बड़े पैमाने पर किए गए हमलों के मद्देनजर अब उसकी सेना को अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने की ‘खुली छूट’ मिल गई है। दूसरी तरफ, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मदद मांगी है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची मॉस्को में पुतिन से मिलने गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अराघची पुतिन को खामेनेई का एक लेटर दिया है, जिसमें पुतिन से समर्थन मांगा गया है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि ईरान रूस से किस तरह की मदद चाहता है। वहीं, रूस ने भी ईरान की मदद करने का भरोसा दिया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ईरान जैसी मदद मांगेगा हम उसे वैसी ही मदद देने के लिए तैयार हैं। ‘सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि ईरान को क्या चाहिए। हमने मध्यस्थता के अपने प्रयासों की पेशकश की है। ये पक्का है।
अमेरिकी ठिकानों पर हमले की योजना
सीरिया के हसाका प्रांत में एक अमेरिकी मिलिट्री बेस पर हमला हुआ है। हालांकि, यह हमला ईरान ने किया या नहीं, यह पता नहीं चला है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान अपने परमाणु ठिकानों पर हमलों के जवाब में मिडिल ईस्ट स्थित अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने की योजना बना रहा है।
परमाणु केंद्र में भारी क्षति
वियना में, संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका द्वारा बंकर-बस्टर बमों से किए गए हवाई हमले के बाद फोर्दो स्थित परमाणु केंद्र में भारी क्षति हुई होगी। रविवार को ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमलों के साथ, अमेरिका ने खुद को इजराइल के युद्ध में शामिल कर लिया, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाएं पैदा हो गईं।