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Health News : बिना जांच मधुमेह बन सकता है साइलेंट किलर

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  • -मधुमेह जांच शिविर में बोले कुलपति
  • -कुलपति ने पोस्टरों का अवलोकन किया

रोहतक। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में मंगलवार को ओपीडी के अंदर संस्थान में मनाए जा रहे स्वच्छ नारी सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत सेवा पखवाड़े में मेडिसिन विभाग द्वारा एक मधुमेह जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉक्टर एच के अग्रवाल और विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉक्टर रूप सिंह उपस्थित हुए। कुलपति डॉक्टर एच के अग्रवाल ने मेडिसिन विभाग के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए पोस्टरों का अवलोकन किया। मधुमेह एक गंभीर बीमारी है जिसका समय पर पता लगाकर नियंत्रण किया जा सकता है।

समय पर जांच करवाना बहुत जरूरी

कुलसचिव डॉक्टर रूप सिंह ने बताया कि ने कहा कि मधुमेह के लक्षणों को पहचानना और समय पर जांच करवाना बहुत जरूरी है। मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर ने बताया कि इस कैंप में करीब 200 लोगों की मधुमेह की जांच की गई। कुलगुरु डॉ एच के अग्रवाल, कुल सचिव डॉ रूप सिंह, मेडिसिन विभाग अध्यक्ष डॉ सुधीर और विभाग के अन्य चिकित्सक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

शुगर (मधुमेह) के लक्षण

मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) का स्तर बढ़ जाता है। इसके लक्षण अलग-अलग लोगों में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ आम लक्षण हैं:-4
अधिक प्यास और पेशाब: मधुमेह के कारण शरीर में अधिक शुगर होने से व्यक्ति को अधिक प्यास लगती है और बार-बार पेशाब आता है।

  1. -वजन कम होना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना मधुमेह का एक लक्षण हो सकता है।
  2.  थकान और कमजोरी: उच्च रक्त शर्करा स्तर के कारण व्यक्ति थका हुआ और कमजोर महसूस कर सकता है।
  3.  धुंधली दृष्टि: उच्च शुगर स्तर आंखों की दृष्टि को प्रभावित कर सकता है।
  4. धीमी घाव भरना: मधुमेह वाले लोगों में घाव धीरे-धीरे भरते हैं।
  5. त्वचा संबंधी समस्याएं: मधुमेह से त्वचा पर संक्रमण और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  6. हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नता: नसों पर प्रभाव के कारण यह लक्षण दिखाई दे सकता है।

शुगर (मधुमेह) से बचाव के उपाय

  •  स्वस्थ आहार: संतुलित आहार लें जिसमें फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, साबुत अनाज, फल और सब्जियां शामिल हों। चीनी और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन कम करें।
  •  नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधि रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम करें।
  •  वजन प्रबंधन: स्वस्थ वजन बनाए रखना मधुमेह के जोखिम को कम करता है।
  • धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन मधुमेह के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  •  नियमित स्वास्थ्य जांच: विशेष रूप से अगर आपके परिवार में मधुमेह का इतिहास है, तो नियमित जांच करवाएं।
  •  तनाव प्रबंधन: तनाव रक्त शर्करा स्तर को प्रभावित कर सकता है। योग, ध्यान जैसे तरीके अपनाएं।
  • पर्याप्त नींद: अच्छी नींद लेना समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • परिवार का इतिहास और जोखिम कारक: अगर आपके परिवार में मधुमेह है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें और डॉक्टर की सलाह लें।
  • नियमित ब्लड शुगर जांच: मधुमेह के लक्षण दिखने पर या जोखिम होने पर रक्त शर्करा की जांच करवाएं।

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