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- विश्वविद्यालयों में 2 से 15 साल से कार्यरत 1443 अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसरों पर छंटनी की तलवार
- हरियाणा यूनिवर्सिटीज कॉन्ट्रैक्टचुअल टीचर्स एसोसिएशन, (हुकटा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय मलिक ने राज्य सरकार से मांग की कि पहले से विश्वविद्यालयों में कार्यरत अस्थायी/अनुबंधित/पार्ट टाइम/विज़िटिंग फैकल्टी आदि पदनामों पर कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियमित किया जाए और उसके बाद बचने वाले पदों पर नियमित भर्ती की जाए।
चंडीगढ़। विश्वविद्यालयों (Education) में 2 से 15 साल से कार्यरत 1443 अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसरों पर छंटनी की तलवार लटकी हुई है। हरियाणा यूनिवर्सिटीज कॉन्ट्रैक्टचुअल टीचर्स एसोसिएशन, (हुकटा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय मलिक ने राज्य सरकार से मांग की कि पहले से विश्वविद्यालयों में कार्यरत अस्थायी/अनुबंधित/पार्ट टाइम/विज़िटिंग फैकल्टी आदि पदनामों पर कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियमित किया जाए और उसके बाद बचने वाले पदों पर नियमित भर्ती की जाए।
राज्य के विश्वविद्यालयों में नियमित असिस्टेंट प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर की स्थायी भर्ती की जा रही है। उनके अनुसार इस भर्ती के लिए इस समय अनुबंध आधार पर कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों को भी रिक्तियों की संख्या (education) में शामिल कर लिया गया है। यह पूरी तरह से अनुचित है, जिन अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसरों ने अनुबंध आधार पर कार्य करते हुए अपनी जिंदगी के 15 साल इस आशा पर निकाल दिए हो कि उनको सरकार द्वारा पक्का किया जाएगा, ऐसे असिस्टेंट प्रोफेसरों को पक्का करने के स्थान पर बाहर का रास्ता दिखा देना घोर दुर्भाग्यपूर्ण होगा। हुकटा के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने 5 से 7 साल के अनुबंध कर्मचारियों की सूचना नियमित करने के लिए मांगी है। सरकार उनको नियमित करने की एक नीति बनाना चाहती है लेकिन अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को भय है,कहीं इस नीति के बनने से पहले ही उनका रोजगार छिन न जाए।
शिक्षा मंत्री से मुलाकात
इसके लिए हुकटा का प्रतिनिधि मंडल चंडीगढ़ में शिक्षामंत्री सीमा त्रिखा से उनके निवास पर मिला और विस्तार से चर्चा की। मंत्री ने आश्वस्त किया किसी का भी रोजगार नहीं छीना जाएगा बल्कि आपका रोजगार सुरक्षित करने का मामला हमारे संज्ञान में है, हम यथोचित कार्यवाही करेंगे। हालांकि अपने रोजगार की गारंटी के लिए सब विधायकों को भी ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं,फिर विधानसभा के प्रत्याशियों को भी सौंपेंगे, जब तक हमारा रोजगार की गारंटी नहीं मिलती तब तक संघर्ष जारी रहेगा।हालांकि रोजगार बचाने के लिए संघर्ष करते पूरे 2 साल से ज्यादा हो गए हैं,लेकिन केवल राज्य सरकार की तरफ से आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिला है। education
अनुबंध पर चयनित अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में किया है सब नियमों का पालन
प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक ने जोर देकर कहा कि अनुबंध पर चयनित अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में सब नियमों का पालन किया गया है।अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों के तौर पर उन्हीं आवेदकों की नियुक्ति की गई है जो सब यूजीसी के मापदंडों को पूर्ण करते हैं। वे सब प्रारंभिक वेतनमान पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।अधिकतर अनुबंध असिस्टेंट प्रोफेसर ऐसे हैं जिनकी आवदेन के लिए आयु पूरी हो चुकी है या उसके आस-पास पहुंच चुकी है।अगर उनकी छंटनी हुई,इससे उन पर आश्रित उनके करीब 30 हजार फैमिली मेंबर्स का भविष्य भी अंधकारमय हो जाएगा।
यह बोले हुकटा अध्यक्ष
हुकटा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नैतिकता का भी तकाजा है कि अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों को रिक्त न ट्रीट किया जाए अर्थात भरा हुआ माना जाए।उनके पदों को स्थायी नियुक्ति के लिए प्रस्तावित पदों से निकालने के बाद जो पद शेष बचें, उन्हीं पदों पर स्थायी या नियमित नियुक्तियां की जाएं तथा अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों से अन्याय न करते हुए उन्हें स्थायी भर्ती से पहले नियमित करने का लाभ दिया जाए।हम सब नियमित भर्ती करने के पक्षधर हैं, लेकिन पहले राज्य सरकार हमारा रोजगार नियमित करे। इस अवसर नेहा,अंकित, सुनील,राकेश,सुमन,पूनम,नीतू,जि तेंद्र, अमित आदि साथी मौजूद रहे। Education