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Farmers in Market : किसानों पर दोहरी मार : जलभराव से 1098 गांवों में नहीं हो पाई गिरदावरी

Farmers in Market

  • -गेट पास न कटने से हजारों किसान फसल बेचने से वंचित
  • -गिरदावरी न होने से उत्पादन ई-खरीद पोर्टल पर नहीं चढ़ पाया
  • -यही वजह है कि यह किसान अभी तक मण्डियों में फसल बेचने से वंचित
  • -आए दिन किसान मार्केट कमेटी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन गेट पास न कटने से मण्डियों में सडक़ों पर रात बिताने या फसल वापस ले जाने को मजबूर

फतेहाबाद। प्रदेश में खरीफ की फसल की कटाई व मण्डियों में आवक का काम जारी है, लेकिन प्रदेश के हजारों किसानों के मण्डियों में गेट पास नहीं कट पा रहे। मुख्य वजह है भारी बरसात के कारण प्रदेश के 1098 गांवों में जलभराव हुआ है और यहां पर गिरदावरी का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है। गिरदावरी न होने से इनका उत्पादन ई-खरीद पोर्टल पर नहीं चढ़ पाया, यही वजह है कि यह किसान अभी तक मण्डियों में फसल बेचने से वंचित रह गए हैं। आए दिन किसान मार्केट कमेटी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन गेट पास न कटने से मण्डियों में सडक़ों पर रात बिताने या फसल वापस ले जाने को मजबूर हैं। प्रदेश में इस बार खरीफ फसल की बिजाई हुई तो उसके एक महीने बाद ही भारी बरसात व बाढ़ के कारण खेतों में पानी भर गया। किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण करवाया। फतेहाबाद में करीब 50 हजार किसानों ने 4 लाख एकड़ में धान व नरमे की फसल का पंजीकरण करवाया। ऐसे ही प्रदेश में हजारों किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल प्रति एकड़ फसल का ब्यौरा दर्ज करवाया ताकि वह मण्डियों में एमएसपी पर अपनी फसल बेच सकें। अब मण्डियों में जब धान व नरमे की फसल आई तो जैसे ही किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालयों में गेट पास के लिए आवेदन किया तो हजारों किसानों के गेट पास नहीं कट पाए। मार्केट कमेटी के कर्मचारी बताते हैं कि कृषि निदेशालय से ई-खरीद पर इन किसानों की प्रोडक्शन अप्रूवल नहीं हो पाई, जिस कारण इनके गेट पास इश्यु नहीं हो सकते।

मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी

दरअसल, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के बाद फसल की गिरदावरी की जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस किला-खसरा नंबर में कौन-सी फसल लगी हुई है। गिरदावरी चार प्रकार से होती है। सबसे पहले राजस्व विभाग इसकी गिरदावरी करता है। फिर हरसेक द्वारा सर्वे होता है। उसके बाद कृषि विभाग फसल का सत्यापन करता है। इससे पूर्व किसान स्वयं मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का विवरण दर्ज करवाता है लेकिन इस बार बारिश के बाद प्रदेश के अनेक गांवों में जलभराव हो गया था और फतेहाबाद के 40 व प्रदेश के 1098 गांवों में गिरदावरी का काम नहीं हो पाया। ऐसे में सत्यापन न होने से फसल का ब्यौरा कृषि निदेशालय से अप्रूव होकर ई-खरीद पोर्टल पर नहीं आया। यही कारण रहा कि इन किसानों का गेट पास कटना नामुमकिन हो गया।

स्पैशल वेरिफिकेशन हो रही

इस बारे कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जलभराव के कारण गिरदावरी नहीं हुई तो अब स्पैशल वेरिफिकेशन हो रही है। उसके कम्पलीट होने के बाद डाटा पुश हो जाएगा। ई-खरीद पर डाटा चढ़ते ही इन किसानों के गेट पास कटने शुरू हो जाएंगे।

कैसे कटता है गेट पास

सबसे पहले किसान मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करता है। उसके बाद राजस्व विभाग गिरदावरी करता है। फिर हरसेक द्वारा सर्वे होता है। इसके बाद कृषि विभाग फसल सत्यापन करता है। चारों डाटा मैच होकर पंचकूला स्थित कृषि निदेशालय में दर्ज हो जाते हैं। कृषि निदेशालय इसका सत्यापन कर निर्धारित नॉम्र्स के अनुसार फसल का प्रति एकड़ प्रोडक्शन दर्ज करता है जो ई-खरीद पर स्वयं ही दिखने लगता है। पोर्टल के माध्यम से सम्बंधित मार्केट कमेटी में किसान का ई-खरीद पर गेट पास काटा जाता है। गेट पास इश्यु होने के बाद ही किसान मण्डी में अपनी फसल बेच सकता है।

मिसमैच भी गेट पास न कटने का एक कारण

गेट पास न कटने के कुछ कारण मिसमैच के भी सामने आ रहे हैं। जैसे किसी जमीन मालिक ने जमीन ठेके पर दे रखी है और ठेकेदार ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवा दिया, जिस कारण वेरिफिकेशन में वह मैच नहीं हो पाता। दूसरे मामले में जमीन एक जिला में और आधार कार्ड आदि कागजात दूसरे जिले के होने भी मिसमैच का कारण बनता है। ऐसे ही 30 एकड़ से ज्यादा भूमि में एसडीएम द्वारा वेरिफिकेशन जरूरी है अन्यथा वह भी मिसमैच में आ जाएगा।

इन जिलों के 1098 गांवों में नहीं हो पाई गिरदावरी

जिला कुल गांव
अम्बाला 84
भिवानी 36
चरखी दादरी 51
फरीदाबाद 15
फतेहाबाद 40
गुरूग्राम 49
हिसार 43
झज्जर 44
जींद 60
कैथल 47
करनाल 15
कुरूक्षेत्र 54
महेन्द्रगढ़ 51
मेवात 37
पलवल 63
पंचकूला 40
पानीपत 105
रेवाड़ी 79
रोहतक 18
सिरसा 47
सोनीपत 62
यमुनानगर 58

स्पेशल वेरिफिकेशन का काम शुरू

प्रदेश में फसल बिजाई के बाद कटने से पूर्व गिरदावरी की जाती है। इस बार जलभराव के कारण प्रदेशभर में कई जिलों में गिरदावरी नहीं हो पाई। अब स्पैशल वेरिफिकेशन का काम शुरू कर दिया गया है। उसके कम्पलीट होते ही ई-खरीद पर डाटा अपलोड हो जाएगा। इसके बाद किसान अपने गेट पास कटवा सकता है। यह काम 3-4 दिन में पूरा हो जाएगा।
-राजपाल, तकनीकी सहायक, कृषि विभाग फतेहाबाद

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