Chhath Festival
- यमुनानगर में यमुना के घाटों पर बनी हैं सैकड़ों मां की वेदियां
- चार दिवसीय छठ महापर्व का 25 अक्तूबर से होगा शुभारंभ, तैयारियां तेज
- पश्चिमी यमुना के तट पर बाढ़ी माजरा व हमीदा हेड पर 27 से 28 अक्तूबर को दो दिवसीय मेला
यमुनानगर। कार्तिक माह में आयोजित छठ मैया पूजा महापर्व मनाए जाने में अब मात्र दो दिन शेष रह गए हैं। महापर्व का शुभारंभ 25 अक्तूबर को नहाय खाय से होगा, जबकि समापन 28 अक्तूबर को सुबह के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। इस महापर्व को लेकर शहर के नजदीक यमुना नदी के घाटों पर बनी छठ मां की वेदियों को श्रद्धालु रंग रोगन करके आकर्षक रूप से सजा रहे हैं। श्रद्धालु सुभाष यादव व दिनेश प्रसाद ने बताया कि छठ महापर्व के अवसर पर यमुना नदी के बाढ़ी माजरा पुल व हमीदा के नजदीक यमुना के घाटों पर दो दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इस वर्ष मेले का आयोजन 27 व 28 अक्तूबर को होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु पहुंचकर छिपते व उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। जबकि छठ महापर्व का शुभारंभ 25 अक्तूबर के नहाय खाय से शुरू हो जाएगा।
कठिन होता है छठ पूजा का व्रत
छठ माता की वेदियों को सजा रहे श्रद्धालु रमाकांत, गोपाल यादव, सुशील व राम आसरे ने बताया कि छठ पूजा का व्रत सबसे कठिन होता है। जिस प्रकार करवाचौथ व अहोई अष्टमी का त्योहार पति व पुत्र की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है इसी तरह छठ पूजा भी पति व पुत्र की लंबी आयु के लिए की जाती है। श्रद्धालुओं द्वारा यह व्रत 36 घंटे रखना होता है। कार्तिक पंचमी की शाम से ही व्रत आरंभ हो जाता है। अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा आरंभ की जाती है और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। महिलाओं को घंटों पानी में खड़े होकर पूजा करनी पड़ती है। उनका कहना है कि हालांकि छठ मैया का पर्व चार दिन का होता है जो इस बार 25 अक्तूबर को नहाय खाय से शुरू होगा, 26 अक्तूबर को खरना होगा। वहीं, 27 अक्तूबर को शाम के समय छिपते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और 28 अक्तूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न होगा।
छठ मेले में पहुंचते हैं हजारों प्रवासी श्रद्धालु
ट्विन सिटी यमुनानगर व जगाधरी में हजारों की संख्या में बिहार, पश्चिमी बंगाल व अन्य प्रदेशों के प्रवासी लोग रहते हैं। जो छठ पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। यह सभी प्रवासी छठ मैया के पर्व पर शहर किनारे स्थित यमुना नहर के घाटों पर आयोजित मेला स्थल पर पहुंचकर छठ मैया की पूजा करते हैं और भगवान सूर्य के अर्घय देते हैं। इस बार भी मेले में लाखों की भीड़ जुटने की संभावना है।