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Books : नया शैक्षणिक सत्र शुरू, सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक नहीं पहुंची किताबें, कैसे पढ़ेंगे छात्र

देवेन्द्र दहिया।देवेन्द्र दहिया।

Books

  • -शिक्षा विभाग ने शिक्षकों पर शत प्रतिशत नामांकन के आदेश जारी किए
  • -राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार से किताबें मुहैया करवाने का आग्रह किया
  • -चौथी-पांचवीं कक्षा के सेलेबस को लेकर असमंजस में शिक्षक

 

Books : फतेहाबाद। प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र की आज से शुरूआत हो गई लेकिन अभी तक सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक की किताबें नहीं पहुंची है। बता दें इस बार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों पर शत प्रतिशत नामांकन के आदेश जारी कर रखे हैं। बकायदा एक अप्रैल से प्रवेश उत्सव चलाने को लेकर लंबी-चौड़ी गाइडलाइन भी जारी की जा चुकी है। बावजूद इसके अभी तक विभाग स्कूलों में बच्चों के लिए किताबें तक मुहैया नहीं करवा पाया है। इसे लेकर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा ने सरकार और विभाग से जल्द से जल्द किताबें मुहैया करवाने का आग्रह किया है। दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अनुपालना में पूर्व प्राथमिक से 18 वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा की मुख्य धारा में लाना मुख्य कार्य है। राज्य में 6 से 14 आयु तक के बच्चों के 100 फीसदी नामांकन, ठहराव बनाए रखना, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना शिक्षा का अधिकार अधिनियम में अनिवार्य है।

पिछले साल बच्चों को समय पर मिल गई थी किताबें

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के राज्य चेयरमैन देवेन्द्र दहिया का कहना है कि पिछले शैक्षणिक सत्र 2024-25 में एक अप्रैल तक लगभग सभी सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक की किताबें पहुंच गई थी। शिक्षकों ने भी बच्चों को समय रहते किताबें वितरित कर दी थी। शिक्षा विभाग के उस प्रयास की बदौलत बच्चों ने किताबों के साथ समय रहते पढ़ाई शुरू कर दी थी। जिसके चलते विभाग को अच्छे परिणाम भी देखने को मिले हैं, लेकिन इस बार विभाग समय से पहले और समय रहते किताबें मुहैया करवाने से चूक गया है।

दाखिले के साथ किताबें देना अनिवार्य

विभागीय पत्र के मुताबिक सभी राजकीय स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है। एक अप्रैल को सभी राजकीय स्कूलों में वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किए गए है। इसी दिन बच्चों को नई अगली कक्षा की पुस्तकों का वितरण अनिवार्य रूप से किया जाए। पांचवीं पास करने वाले विद्यार्थी का उसी दिन अगली कक्षा में नामांकन किया जाए। किसी भी बालक को किसी भी अवस्था में स्कूल उसे दाखिले से वंचित न करें।

चौथी-पांचवीं कक्षा के सेलेबस को लेकर असमंजस में शिक्षक

संघ के राज्य चेयरमैन देवेन्द्र दहिया का कहना है कि इस बार विभाग चौथी और पांचवीं कक्षा के सेलेबस में बदलाव हो सकता है। मगर अभी तक यह बात शिक्षकों और अभिभावकों को मालूम नहीं है। क्योंकि अभी तक स्कूलों में किताबें नहीं पहुंची हैं। यह सब किताबें देखने के बाद ही पता चलेगा कि बदलाव हुआ है या नहीं। अगर हुआ है तो क्या-क्या बदलाव हुआ है। विभागीय ने दाखिलों के संबंध में जो पत्र जारी किया है, उसके मुताबिक आठवीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों का दाखिला भी इसी प्रकार किया जाए, क्योंकि सबसे ज्यादा ड्रापआउट 9वीं कक्षा में होता है। विशेषकर लड़कियां इससे अधिक प्रभावित होती हैं। यह भी कहा है कि चंडीगढ़ की तर्ज पर अधिकतर राजकीय स्कूलों को दोहरी पारी में चलाया जाए। इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को अधिकृत कर दिया जाए। समुचित निर्देश जारी किए जाएं।

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