Cancer
- -स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से बढ़ी चिंता, ग्रामीण बोले – पानी और मिट्टी की जांच कराई जाए
- -पानी का सेम्पल लेकर जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आदेश :- डीसी
- -एक ही परिवार के चार सगे भाइयों की कैंसर ने ली जान
- -पति – पत्नी को भी लील गया कैंसर
- -एक ही परिवार के दो सगे भाई भी कैंसर की वजह से दुनिया को कह गए अलविदा
नूंह। हरियाणा में नूंह के पुन्हाना खंड के फलेंडी गांव में कैंसर जैसी घातक बीमारी लोगों की जिंदगी पर कहर बनकर टूट रही है। पिछले एक साल के भीतर गांव में दो दर्जन से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। लगातार हो रही मौतों से गांव में दहशत का माहौल है। गांव में कोई न कोई व्यक्ति या तो कैंसर पीड़ित है या हाल ही में किसी को कैंसर की वजह से खो चुका है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ग्रामीणों की पीड़ा को और बढ़ा रही है। गांव के सभी रास्तों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है । गांव में कोई सफाई व्यवस्था नहीं है ये भी बीमारी का कारण बन रहा है । गांव के समाजसेवी इदरीश व अन्य लोगों का कहना है कि उन्होंने बार – बार स्वास्थ्य विभाग को मामले की जानकारी दी, लेकिन न तो गांव में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया और न ही किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। ग्रामीणों ने अब इस मामले को जिला उपायुक्त के रात्रि ठहराव कार्यक्रम के दौरान उनके संज्ञान में लाया। जिस पर उपायुक्त ने जल्द ही गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजने तथा पानी की जांच कराने का आश्वासन दिया है। फलेंडी गांव की आबादी करीब 8 हजार है। लगभग 2300 मतदाता इस गांव में हैं।
गांव में दहशत का माहौल
फलेंडी गांव के लगभग हर मौहल्ले में कोई न कोई घर ऐसा है, जहां पिछले कुछ महीनों में किसी सदस्य की कैंसर से मौत हुई है। ग्रामीणों के अनुसार अब तक करीब 25 – 30 लोगों की मौत कैंसर से हो चुकी है, जबकि काफी लोग अभी भी बीमारी से जूझ रहे हैं। कुछ का इलाज गुरुग्राम, दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों में चल रहा है। इनमें कई लोग तो ऐसे हैं, जो दिहाड़ी मजदूरी कर पेट पालते हैं। ऐसे में कई कैंसर मरीज जैसे – तैसे अपना इलाज कराते हुए धीरे – धीरे मौत के करीब जा रहे हैं।गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले कभी ऐसी बीमारी नहीं थी, लेकिन पिछले तीन – चार सालों से कैंसर के मामले अचानक तेजी से बढ़ने लगे हैं। अगर पिछले दो – तीन वर्ष की बात करें तो कैंसर से अभी तक 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
दूषित पानी को बताया जा रहा मुख्य कारण
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पीने का पानी बेहद खराब गुणवत्ता का है। हैंडपंपों और नलों से निकलने वाला पानी इसका मुख्य कारण हो सकता है। ग्रामीणों के मुताबिक फलेंडी गांव गुडगांव कैनाल और उजीना ड्रेन से सटा हुआ है। कैनाल का गंदा पानी नालियों और जमीन के जरिए भूजल में मिल रहा है। यही दूषित पानी बीमारी का सबसे बड़ा कारण हो सकता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरकार तत्काल गांव के पानी और मिट्टी की जांच कराए ताकि असल कारण का पता लगाया जा सके। ग्रामीण इदरीश ने बताया कि बीते एक वर्ष में लगभग 25 लोगों की कैंसर के चलते मौत हुई है, जिसमें कई नौजवान लड़के थे ,जो अपने पीछे एक हंसता खेलता परिवार छोड़ गए। अब उस परिवार की देख रेख करने के लिए कोई नहीं है। सरकार को उन परिवारों की तरफ़ भी ध्यान देना चाहिए। इससे पहले साकरस, ऊंटका इत्यादि गाँवों में भी बड़ी तादात में कैंसर से लोगों की मौत व बीमारों की खबर सुर्खियों में रही है।
कैंसर से मरने वालों की सूची
1 सद्दीक खान 60 वर्ष
2 सब्बीर खान उम्र 55 वर्ष
3 आसु उम्र 55 वर्ष
4 अरशद पुत्र हनीफ़ उम्र 50 वर्ष
5 इमरान पुत्र अज्जन उम्र 35 वर्ष
6 नूरदिन पुत्र बसीर उम्र 55 वर्ष
7 मेना पत्नी हमीदा उम्र 65 वर्ष
8 सुल्तान पुत्र इशाक उम्र 50 वर्ष
9 सुका पुत्र हसमल उम्र 65 वर्ष
10 लियाकत पुत्र जोरेख़ान 62 वर्ष
11 हनीफ उम्र 65 वर्ष
12 अय्यूब उम्र 63 वर्ष
13 क़य्यूम पुत्रण जोरे खान उम्र 50 वर्ष
14 ज़हिर ख़ान पुत्र आला बक्स उम्र 50 वर्ष
15 इस्लामी पत्नी कासम उम्र 55 वर्ष
16 कासम पुत्र हंडा पुत्र 60 वर्ष
17 इसराइल पुत्र रमजान उम्र 65 वर्ष
18 आसिया पत्नी मजीद उम्र 65 वर्ष
19 अख़्तरी पत्नी सुल्तान उम्र 45 वर्ष
20 इब्राहिम पुत्र हसमल उम्र 65 वर्ष
21 जायदा पत्नी शाहिद उम्र 27 वर्ष
22 सुल्तान पुत्र जुम्मा उम्र 50 वर्ष
23 सब्बीर पुत्र जुम्मा उम्र 35 साल
24 जरीना पत्नी यासीन उम्र 55 साल
25 यासीन पुत्र दीनू उम्र 45 वर्ष
26 समसु पुत्र जहाज उम्र 50 वर्ष
कैंसर पीड़ित
1 खालिद पुत्र इसराइल उम्र 30 वर्ष
2 यूनुस पुत्र झड़मल उम्र 30 वर्ष
3 जरीना पुत्री हुसैना उम्र 45 वर्ष
एक-एक घर में कई मौत
नूंह जिले के पुनहाना उपमंडल के फलेंडी गांव में सद्दीक एवं शब्बीर पुत्रान नसीर खान दोनों सगे भाई कैंसर की वजह से अब इस दुनिया में नहीं हैं। इसके अलावा सुल्तान पुत्र इसाक एवं उनकी पत्नी अख्तरी अब इस दुनिया में नहीं है। सबसे खास बात यह है कि एक ही परिवार के चार सगे भाई लियाकत, हनीफ, कय्यूम, अय्यूब पुत्रान जोरे खान अब इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह चुके हैं। सबसे खास बात यह है कि कैंसर के अंतिम स्टेज पर मौत व जिंदगी की जंग लड़ रहे यूनुस पुत्र झड़मल उम्र करीब 35 वर्ष की दो बेटी जवान हैं। घर की माली हालत अच्छी नहीं है। किसी समय भी दुनिया को अलविदा कह सकते हैं।
आर्थिक मदद भी नहीं मिली, गंदगी के अंबार
हरियाणा सरकार कैंसर रोगियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद कर रही है, लेकिन हरियाणा के नूँह जिले का फलेंडी गांव ऐसा है, जिसमें अभी तक कैंसर रोगियों को 1 रुपए की भी सरकारी मदद नहीं मिली है। गांव के लोगों ने आर्थिक मदद से लेकर पानी के सैंपल एवं स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने की मांग सरकार से की है ताकि कैंसर से भयभीत गांव के लोगों को निजात मिल सके। गांव फलेंडी गांव में साफ – सफाई बिल्कुल नहीं है। गांव के रास्तों में पानी भरा हुआ है। जिसकी वजह से अधिकतर रास्तों में कीचड़ हो गई है। इससे निकलना भी दुभर हो रहा है। सबसे खास बात यह है कि गोबर की कुड़ी भी लोगों ने रास्ते में डाली हुई है। यह भी कैंसर फैलने की एक मुख्य वजह हो सकती है।
पास में बहती है उजीना ड्रेन व फिरोजपुर डिस्ट्रीब्यूटरी
पीने के पानी की अगर बात की जाए तो गांव के आसपास उजीना ड्रेन एवं फिरोजपुर डिस्ट्रीब्यूटरी बहती है। गुडगांव कैनाल भी ज्यादा दूर नहीं है, जिसमें केमिकल युक्त पानी बहता रहता है। इस बात को यहां के स्थानीय विधायकों ने विधानसभा से लेकर सड़क तक उठाया, लेकिन अभी तक भी नहरों में साफ पानी इलाके के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इसी पानी को किसान अपनी खेती में सिंचाई के लिए इस्तेमाल करता है। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि कैंसर फैलने की मुख्य वजह क्या है, लेकिन केमिकल युक्त पानी, गंदगी मुख्य वजह ग्रामीण मान रहे हैं।
क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग
डॉ विशाल सिंगला डिप्टी सिविल सर्जन ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि रात्रि ठहराव के दौरान उपायुक्त अखिल पिलानी ने गांव की सर्वे करने के आदेश दिए थे। डॉक्टरों की टीम गांव में सर्वे के लिए भेज दी गई है। पानी के सैंपल ले लिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि कैंसर फैलने की मुख्य वजह क्या है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही गांव में लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
जिला पार्षद ने उठाई मांग
फलेंडी गांव जिला परिषद वार्ड नंबर 25 में आता है. इस वार्ड के पार्षद तौफीक, हिंगनपुर ने गांव में पहुंचकर कैंसर पीड़ित लोगों से मुलाकात की और सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द गांव में पानी के सैंपल लेकर तथा जांच शिविर लगाकर कैंसर का पता लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़ी तादाद में लोग कैंसर से मर चुके हैं और लगातार कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है। फलेंडी गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर है। अधिकतर लोग खेती – बाड़ी के अलावा पशुओं का दूध बेचकर अपना गुजारा करते हैं। कैंसर की बीमारी सिर्फ एक मोहल्ले में नहीं बल्कि गांव में चारों तरफ कैंसर के मरीज हैं। कैंसर से मरने वालों तथा बीमारी की आयु 25 से लेकर 65 वर्ष तक है। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं और अधिकतर लोगों में लंग्स का कैंसर बताया जा रहा है। धूम्रपान भी एक कारण हो सकता है, लेकिन कई लोग कैंसर की चपेट में आकर मर चुके हैं। जिन्होंने ग्रामीणों के मुताबिक कभी धूम्रपान को हाथ तक नहीं लगाया।
कहां-कहां होता है इलाज
हरियाणा के नूँह जिले में राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज है, लेकिन इसमें कैंसर रोगियों का इलाज नहीं होता है। लोग बाढसा एम्स झज्जर, एम्स दिल्ली के अलावा जयपुर तथा बीकानेर सहित देश के अलग – अलग शहरों में इलाज करने के लिए जाते हैं, लेकिन अभी तक अधिकतर रोगियों की कैंसर की वजह से मौत हुई है। कोई कैंसर से जंग जीत कर पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुआ है। कैंसर का इलाज महंगा है और लोगों के पास इलाज कराने के लिए पर्याप्त रकम नहीं है। मजबूरी में कर्ज लेकर लोग इलाज कराने को मजबूर हैं। उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि परिवार के कमाने वाले व्यक्ति की ही कैंसर से मौत हो गई तो उनके बच्चों के विवाह – शादी से लेकर लालन – पालन कैसे होगा। पडोसी गांव शाहचौखा में भी कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है।
