Haryana News
- -नगरवासियों ने इन बार-बार होने वाली घटनाओं पर गहरा रोष जताया
- -बिजली ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा और रखरखाव पर ध्यान देना जरूरी
तावडू। नगर के बावला रोड पर शनिवार को एक दु:खद घटना सामने आई, जिसमें बिजली ट्रांसफार्मर में करंट लगने से राष्ट्रीय पक्षी मोर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर एकत्रित हो गए, और शहर थाना पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार बावला रोड पर स्थित एक बिजली ट्रांसफार्मर में करंट की चपेट में आने से एक मोरनी की मौत हो गई। इसके बाद राष्ट्रीय पक्षी के सम्मान में उसे तिरंगे में लपेटकर दमकल विभाग के कर्मियों की मदद से तावडू के श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी तावडू नगर में दो बार राष्ट्रीय पक्षी मोर की बिजली करंट लगने से मौत हो चुकी है। नगरवासियों ने इन बार-बार होने वाली घटनाओं पर गहरा रोष जताया है और प्रशासन से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। नगरवासियों का कहना है कि बिजली ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा और रखरखाव पर ध्यान देना जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके। प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
- बिजली ट्रांसफार्मर में करंट लगने से मोर की मौत: तावडू में बावला रोड पर एक बिजली ट्रांसफार्मर में करंट लगने से राष्ट्रीय पक्षी मोर की दर्दनाक मृत्यु हुई, जिसे अंतिम संस्कार सद्भावना के साथ किया गया।
- पिछले घटनाओं में भी मोर की मौत: यह घटना नई नहीं है; तावड़ू नगर में इससे पहले भी दो बार बिजली करंट लगने से मोर की मौत हो चुकी है, जिससे नगरवासियों में चिंता व्याप्त है।
- स्थानीय लोगों का गहरा रोष: निर्दोष पक्षी की मौत पर नगरवासियों ने गहरा रोष व्यक्त किया और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है।
- प्रशासन से सुरक्षा और रखरखाव पर ध्यान देने की अपील: स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा और रखरखाव अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
- आश्वासन और त्वरित कार्रवाई की उम्मीद: नगरवासियों को प्रशासन से इस क्रम में त्वरित कार्यवाही की उम्मीद है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित हो सके।