kissan
- -वाहनों का आवागमन शुरू, 13 माह बाद खुला रास्ता
- -बेरिकेडिंग हटने के बाद खुला-खुला नजर आया रास्ता
- -कानून एवं व्यवस्था के लिए धारा 163 लागू की गई
- -पंजाब सरकार की बैठक में नहीं गए किसान नेता
kissan : जींद। शंभू बॉर्डर के बाद करीब 13 माह बाद शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा की तरफ से खनौरी और दातासिंह वाला बॉर्डर भी खुल गया। प्रशासनिक अधिकारी और अमला रास्ते की सफाई में लगा रहा। इसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई। दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पूरी तरह से खुल जाने से राहगीरों और वाहन चालकों ने राहत की सांस ली। अब तक वाहन चालकों को लिंक मार्गों से 10 किलोमीटर का चक्कर लगा कर जाना पड़ रहा था। खनौरी बार्डर पर हरियाणा की तरफ से गुरुवार को ही रास्ता साफ कर दिया गया था, लेकिन पंजाब की सीमा में ट्रैक्टर व ट्राली खड़े थे। इसलिए रास्ता बाधित था। पंजाब पुलिस द्वारा शुक्रवार को चार बजे तक सभी ट्रैक्टर ट्रालियों को हटा कर रास्ते को वाहनों के लिए खोल दिया गया है। हरियाणा की तरफ से दातासिंह वाला बार्डर शुक्रवार को पूरी तरह खुला-खुला नजर आया। अहतियात के तौर पर हरियाणा बार्डर पर पुलिस तैनात है। वहीं खनौरी बार्डर पर भी पंजाब पुलिस ने मोर्चा संभाले रखा और पंजाब के किसानों द्वारा छोड़े गए ट्रैक्टर ट्रालियां व अन्य वाहनों तथा पक्के मार्चों को हटाने का कार्य किया। जिले में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने हेतु धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही यातायात बहाल हो जाएगा।
अभी सुरक्षा कड़ी रहेगी
पंजाब एवं हरियाणा की तरफ से किसान आंदोलन को लेकर फिलहाल शांति है। फिर भी जिले में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से जिलाधीश मोहम्मद इमरान रजा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह आदेश जिले में किसान आंदोलन के मद्देनजर बढ़ती संभावित अशांति, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की आशंका और कानून व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है। जिलाधीश द्वारा जारी आदेश के अनुसारए अब जींद जिले की सीमाओं के भीतर 5 या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने, किसी भी प्रकार के जुलूस निकालने, भडक़ाऊ भाषण देने या लाउडस्पीकर के माध्यम से उत्तेजक संगीत बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
एक दिन पहले खुला शंभू बार्डर
पंजाब पुलिस ने अंबाला और पटियाला के बीच शंभू बॉर्डर को 20 मार्च को ट्रैफिक के लिए खोल दिया था। इसके बाद दिल्ली-अमृतसर-जम्मू हाईवे पर आवाजाही शुरू हो गई है। पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को ये दोनों बॉर्डर किसानों से खाली कराए थे।
पंजाब सरकार ने बुलाई थी बैठक
पंजाब के 2 किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के पंजाब चैप्टर और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) (उगराहां) ने राज्य सरकार की बुलाई मीटिंग का बायकॉट कर दिया। कृषि मंत्री ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में यह मीटिंग बुलाई थी। दोनों संगठनों ने सरकार से बातचीत करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले शंभू-खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिए नेता रिहा किए जाएं, उसके बाद सरकार से कोई बात होगी।
101 किसानों को जेल भेजा
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएमए) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर समेत 101 किसानों को पटियाला की सेंट्रल जेल भेजा गया है, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत डल्लेवाल ने इलाज लेने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों की टीम आर्मी कंट्रोल वाले एरिया जालंधर कैंट के रेस्ट हाउस में उनकी निगरानी कर रही है।
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