Haryana budget
- पोर्टल पर पंजीकृत फसलों के अनुसार मिलेगा उर्वरक
- नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी को दिया जाएगा बढ़ावा
- अब सभी फसलों का होगा गेट पास जारी
- प्रदेश के सभी जिलों में स्थापित होंगी बीज परीक्षण लैब
- बागवानी के खोलेंगे 3 नए उत्कृष्टता केन्द्र
- पलवल जिले में खोला जाएगा बागवानी अनुसंधान केंद्र
- जापान सरकार की सहायता से अगले 9 वर्षों में ₹ 2738 करोड़ की लागत से शुरू होगा एक नया बागवानी प्रोजेक्ट
Haryana budget : चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि “ई-नाम” के साथ संपूर्ण एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी मंडियों का नवीनीकरण किया जायेगा तथा फसलों को एक गेट पास जारी करने की पिछले खरीफ में शुरू की गई प्रथा को अब सभी फसलों पर लागू किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि पर्याप्त मात्रा में यूरिया और डीएपी की उपलब्धता के बावजूद कभी-कभी स्थानीय स्तर पर इनकी कमी देखने को मिल जाती है। किसानों के सुझाव के अनुरूप उर्वरकों के तर्कसंगत प्रयोग के लिए इनकी बिक्री को “मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल” पर पंजीकृत फसलों के अनुसार उपलब्ध करवाया जाएगा। इससे नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी को बढ़ावा देने में भी सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि गन्ने के घटते क्षेत्र और मैनुअल कटाई के लिए श्रमिकों की उपलब्धता की कमी से निपटने के लिए गन्ने की मशीन से कटाई कराये जाने के लिए हारवैस्टर पर सब्सिडी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी प्रदेश में केवल 4 बीज परीक्षण लैब हैं जो करनाल, पंचकूला, सिरसा व रोहतक में स्थित हैं। अगले वित्त वर्ष में हरियाणा बीज प्रमाणीकरण एजेंसी द्वारा शेष 18 जिलों में भी एक-एक ऐसी बीज परीक्षण लैब स्थापित की जाएंगी। उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में फिलहाल बागवानी के 11 उत्कृष्टता केंद्र कार्य कर रहे हैं और 3 अन्य केंद्र निर्माणाधीन हैं। वित्त वर्ष 2025-26 में अम्बाला, यमुनानगर व हिसार में क्रमशः लीची, स्ट्राबेरी और खजूर के लिए 3 नए उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित करने का भी मेरा प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय उपरोक्त सभी 14 उत्कृष्टता केंद्रों को बागवानी विज्ञान केंद्रों के रूप में विकसित करेगा।
बागवानी मिशन प्रदेश के 19 जिलों में चल रहा
उन्होंने आगे बताया कि बागवानी में क्षेत्रीय विशिष्ट अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चांदसोली, अंबाला में बागवानी विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए बागवानी अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन इसी वर्ष 20 जनवरी को किया गया। अब वर्ष 2025-26 में दक्षिण हरियाणा के पलवल जिले में एक ऐसा अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बागवानी मिशन प्रदेश के 19 जिलों में चल रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 में बाकी बचे हुए 3 जिलों नामतः फरीदाबाद, रेवाड़ी और कैथल में भी इसे लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सभी 22 जिलों में 400 बागवानी कलस्टरस के माध्यम से तथा जापान सरकार की सहायता से अगले 9 वर्षों में ₹ 2738 करोड़ की लागत से एक नया सतत (Sustainable) बागवानी प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। वित्त वर्ष 2025-26 में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए ₹138 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन उभरती हुई गतिविधियों नामतः मशरूम कम्पोस्ट और स्पॉन, हाईटेक हाईड्रोपोनिक्स और ऐरोपोनिक्स तथा एफपीओ द्वारा बनाए गए 20 किलोवाट से अधिक लोड वाले कोल्ड स्टोरों को 7 रूपये 50 पैसे के बजाए 6 रूपये 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली देने का निर्णय किया है। इससे हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग को आदेश देकर एक नई कैटेगरी बनवाई जाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि “मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल” में अभी कुछ फसलों के लिए ही इन्टरकरोपिंग की सुविधा दी जाती है। यह सुविधा अगले वित्त वर्ष से सारी फसलों के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी।
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