Crime
- -मुसेपुर के वेदप्रकाश के खाते से आरोपियों ने निकाले थे 5.23 लाख
- -जांच करते हुए बिहार पहुंची थी हरियाणा की पुलिस
- -आरोपी पहले मोबाइल पर लिंक भेजकर एप इंस्टाल करवाते थे
- -आरोपियों से बैंकों की चेक बुक, पास बुक, एटीएम कार्ड, सिमकार्ड, मोबाइल फोन व अकाउंट किट बरामद
Crime : रेवाड़ी। साइबर थाना पुलिस को देश भर में लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने बिहार से गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से बैंकों की पासबुक, चेक बुक, अकाउंट किट, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन व सिमकार्ड बरामद किए गए हैं। आरोपियों के देश भर साइबर ठगी के 82 मामलों में संलिप्तता पाई गई है।
पुलिस ने रिमांड पर लिया
उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान साइबर ठगी के अन्य मामलों का खुलासा होने की भी उम्मीद है। गत 10 जनवरी को मुसेपुर निवासी वेदप्रकाश ने एनसीआरपी पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि वह उसके पास एक एप भेज रहा है। उसे इंस्टाल करने के बाद बैंकिंग की सभी सुविधाएं मोबाइल फोन पर ही मिल सकेंगी। इसके बाद उसके पास एक एप भेजी गई, जिसे इंस्टाल करने के बाद उसके बैंक खाते से 5.23 लाख रुपये डेबिट हो गए। साइबर थाना पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि वेदप्रकाश के खाते से ट्रांसफर की गई रकम बिहार के नाहर रोड बजरंगपुरी गईघाट पटना निवासी हाराप्रसाद बिसवाल के खाते में गई है। वह मूल रूप से उड़ीसा का रहने वाला है। एसपी मयंक गुप्ता ने साइबर थाना पुलिस से एक टीम को बिहार रवाना किया था।
पुलिस टीम को बिहार पहुंचने के बाद हाराप्रसादके साथ-साथ उड़ीसा के शंकरपुर गांव निवासी बीनू नायक, बिहार के परसबीगा निवासी राजू कुमार, बिहार के बलौरा निवासी मनु कुमार व बिहार के ही बैसानी टोला निवासी राहुल उर्फ सन्नी भी एक मकान में मिल गए। पुलिस ने पांचों को मौके पर ही दबोच लिया।
आरोिपतयों से 39 मोबाइल फोन बरामद
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बैंकों की 36 पास बुक, 55 चेक बुक, 35 अकाउंट किट, 39 मोबाइल फोन, 98 एटीएम कार्ड व 14 सिमकार्ड बरामद किए हैं। एसपी मयंक गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि आरोपी राहुल सन्नी के खिलाफ बिहार की आर्थिक अपराध शाखा में एक केस दर्ज होना पाया गया है। आरोपियों से मिले दस्तावेजों की जांच करने पर देश में 82 वारदातों को खुलासा हुआ है। रेवाड़ी वेदप्रकाश के बैंक खाते में 5 लाख रुपये पिक्स डिपोजिट के रूप में जमा थे। मोबाइल फोन पर एप डाउनलोड करने के बाद साइबर ठगों ने रिमोट के जरिए पहले उसकी एफडी तोड़ने का काम किया। इसके बाद एफडी की रकम को सेविंग अकाउंट में डालकर दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिया। डायल-1930 पर शिकायत दर्ज कराने के बाद संबंधित बैंक खाते को सीज कर दिया गया था। पूछताछ के दौरान अभी आरोपियों के कब्जे से ठगी की कोई रकम बरामद नहीं हुई है, परंतु उनके बैंक खातों को खंगाला जा रहा है।
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