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Monsoon News : इस बार भी यमुना मचा सकती है तबाही, ठोकरें मजबूत करने  दावा, लेकिन रेत के टीले पर कैसे टिकेंगे रेत से भरे कट्टे

Monsoon News : हरियाणा में मानसून की दस्तक के बीच यमुना के किनारों पर ठोकरें मजबूत करने के लिए कट्टों में रेत भरकर रखा जा रहा है, लेकिन ये कट्टे रेट के ढेर पर ही जमाए जा रहे हैं। ऐसे में जब यमुना में पानी का बहाव तेज होगा तो रेत बह जाएगा ऐसे में ये कट्टे कैसे टिक पाएंगे। पानी के बहाव को ये कैसे रोक पाएंगे। इस सवाल का जवाब प्रशासन के पास नहीं है।

Monsoon News sonipat
Monsoon News sonipat : यमुना में ठोकरें बनाए जाने पर सवाल उठाते किसान।
  •  बाढ़ रोकने के प्रबंधों पर किसानों ने उठाए सवाल, कहा, बाढ़ के समय में नहीं होंगे कामयाब
  •  भारी मानसून की चेतावनी की वजह से बना हुआ बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका
  • पिछले साल भी यमुना ने मचाई थी भारी तबाही, किसानों को हुआ था भारी नुकसान
  • कई दिनों तक यमुना की बाढ़ में फंसे रहे लोग और फसलें हो गई थी खराब
  • इस बार भी सोनीपत, पानीपत, करनाल और यमुनानगर में प्रशासन के प्रयास नाकाफी

Monsoon News : सोनीपत। हरियाणा में मानसून दस्तक दे चुका है। ऐसे में भारी बारिश से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रदेश में न तो नालों की सफाई का काम पूरा हुआ है और न ही नदियों और नहरों के तटबंध मजबूत करने का काम अभी तक पूरा हुआ है। इस रिपोर्ट में हम बार करेंगे सोनीपत में यमुना नदी की। प्रदेश में यमुनानगर यमुना नदी का प्रवेश स्थल माना जाता है। यहीं पर हथिनी कुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़ा जाता है जो दिल्ली तक मार करता है। पिछले साल भी यमुना ने यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत में भीषण तबाही मचाई थी। इस बार भी मौसम विभाग ने अच्छी बारिश का अनुमान जताया है। ऐसे में बारिश इस बार यमुना में बाढ़ ला सकती है। ऐसे हुआ तो यमुनानगर से दिल्ली तक तबाही मचेगी। मानसून की चेतावनी के बीच सोनीपत प्रशासन ने यमुना पर ठोकरें बनाने का काम शुरू कर दिया है, जिसके तहत यमुना किनारे प्लास्टिक के कट्टों में रेत भरकर ठोकरें बनाई जा रही हैं। इन प्रबंधों को लेकर आसपास के किसानों ने सवाल उठाए हैं। किसानों ने इन प्रबंधों को नाकाफी बताते हुए कहा कि ये प्रबंध बाढ़ की स्थिति में टिक नहीं पाएंगे। क्योंकि जलस्तर बढ़ने की स्थिति में ये ठोकरें पानी को रोकने में असमर्थ होंगी। बता दें कि हथिनी कुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण यमुना क्षेत्र के किसानों व आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी होती है। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग की ओर से ठोकरें बनाने के बीच रेत का टीला बनाकर कट्टों की परत रखी जा रही है। मानसून में यमुना में जलस्तर बढ़ेगा तो पानी के आगे रेत से प्लास्टिक के कट्टों की परत कैस टिक पाएगी। पिछले साल यमुना किनारे खड़े पेड़ तक बह गए थे। ऐसे में ये कट्टे क्या करेंगे।

Monsoon News sonipat : यमुना में ठोकरें बनाए जाने पर सवाल उठाते किसान।
Monsoon News sonipat : यमुना में ठोकरें बनाए जाने पर सवाल उठाते किसान।

ऐसे तो पानी में बह जाएंगे करोड़ों रुपये

सिंचाई विभाग ने यमुना में ठोकर बनाने काम शुरू किया तो पत्थर की कमी आड़े आ गई थी। अब बेगा, बड़ौली व मनौली घाट पर पत्थरों के बजाय मिट्टी से कट्टे की ठोकरें बनाई जा रही है। इस कार्य को पूरा करने के लिए 1.12 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। जिससे अचानक हथिनी कुंड बैराज से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण यमुना क्षेत्र के किसानों व आसपास रहने वाले लोगों को परेशानी से बचाया जा सके। लेकिन विधायक मोहनलाल के गांव बड़ौली में यमुना घाट के अंदर बनाई जा रही ठोकरों के लिए रेत का टीला बनाकर कट्टों की परत रखी जा रही है। इसकी भनक लगते ही किसान यमुना घाट पर पहुंचे। वहां रेत का टीला बनाकर रखी गई कट्टों की परत को लेकर किसानों ने सिंचाई विभाग के खिलाफ रोष जताया।00

किसानों के सिंचाई विभाग पर आरोप

किसानों के आरोप है कि अगर यमुना नदी में जलस्तर बढ़ा तो पिछले साल की तरह इस बार भी किसानों को काफी नुकसान होगा। सिंचाई विभाग की ओर से रेत का टीला बनाकर उसको कट्टों की परत से ढका जा रहा है। जिससे साबित होता है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी सरेआम काम में धांधली रहे है और सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे है।

मौके पर ये किसान पहुंचे

इस मौके पर किसान नेता वीरेंद्र पहल, मोनू, राकेश, विजय, सतबीर, राजेश ने बताया कि किसानों के साथ किए जा रहे खिलवाड़ को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। किसानों ने मांग करते हुए कहा कि सरकार व प्रशासन रेत से भरे कट्टों से बनाई जा रही ठोकरों की जांच कराई जाए। साथ ही किस व्यक्ति की सह पर इस तरह की ठोकरें बनाने का काम किया जा रहा है। इस मामले में अनियमितता स्पष्ट नजर आ रही है। ऐसे में ठोकरें बनाने में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही ठोकरों को मजबूत बनाने की मांग उठाई।

करोड़ों की लागत से बननी है 22 ठोकरें

सिंचाई विभाग की ओर से बेगा, मनौली व बड़ौली यमुना क्षेत्र में भी पत्थरों की ठोकरें बनाने का किया जाना था। बेगा क्षेत्र में 8 नई ठोकर 2.11 करोड़ रुपये, बड़ौली क्षेत्र में 8 नई ठोकरें 2.45 करोड़ रुपये और मनौली क्षेत्र में 6 नई ठोकरें 2.40 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जानी थी। इसके लिए विभाग की ओर से टेंडर लगाया गया था, लेकिन चरखीदादरी से यमुना नदी पर पत्थर पहुंचाने में देरी हो रही थी। ऐसे में उच्च अधिकारियों ने अचानक योजना को बदला और मिट्टी के कट्टों की ठोकरें बनाने का निर्णय लेना पड़ा। अब विभाग की ओर से 1.20 करोड़ रुपये से बड़ौली, मनौली व बेगा घाट पर मिट्टी से कट्टे रखकर ठोकरें बनाने का काम किया जा रहा है। तीनों घाटों पर ठोकरों की संख्या दोगुनी बढ़ाई गई है।

क्या कहता है सिंचाई विभाग

सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता आशीष कौशिक ने कहा कि बड़ौली, मनौली व बेगा घाट पर मिट्टी से कट्टे रखकर ठोकरें बनाई जा रही है। किसानों ने बड़ौली घाट पर ठोकर को लेकर एतराज जताया है। अधिकारियों को भेजकर किसानों को समझाया गया। अगर नियमों के साथ ठोकर निर्माण में कहीं कमी रही होगी तो उसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही यमुना में जलस्तर बढ़ने से पहले ठोकरों को मजबूर किया जाएगा।

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