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Career : गंध अच्छे से पहचान सकते हैं तो ‘परफ्यूमर’ सबसे बढ़िया पेशा

गंध पहचानने या सूंघने की अच्छी क्षमता रखें।गंध पहचानने या सूंघने की अच्छी क्षमता रखें।

Career

  • परफ्यूम, इत्र, एयर फ्रेशनर बनाने वाला हैं ‘परफ्यूमर’
  • यह एक विशेष रचनात्मक और तकनीकी से जुड़ा क्षेत्र
  • इसमें कम्पटीशन के चलते अच्छे पैसे कमाने का मौका
  • ‘परफ्यूमर’ को इत्र बनाने वाला या सुगंधक भी कहते हैं
डॉ. मोहित बंसल (करियर कोच)
 डॉ. मोहित बंसल
        (करियर कोच)

Career : जो युवा किसी भी प्रकार की गंध पहचानने या सूंघने की अच्छी क्षमता रखते हैं उनके लिए ‘परफ्यूमर’ से बढ़िया पेशा कुछ नहीं हो सकता। ऐसे छात्र ‘परफ्यूमर’ बनकर अच्छी कमाई कर सकते हैं और अपना करियर चमका सकते हैं। इस काम में कम्पटीशन के चलते अच्छे पैसे कमाने का भी अवसर मिलता है। ‘परफ्यूमर’ को हिंदी में इत्र बनाने वाला या सुगंधक भी कहा जाता है। एक ‘परफ्यूमर’ वह व्यक्ति होता है जो पारंपरिक इत्र (जो खासतौर पर फूलों और अन्य प्राकृतिक चीजों से तैयार होता है) बनाने का और उसका अध्ययन करने का कार्य करता है। यह शब्द सिर्फ इत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि किसी भी प्रकार की खुशबू (जैसे परफ्यूम, इत्र, एयर फ्रेशनर आदि) बनाने वाले व्यक्ति को भी संदर्भित करता है।

शिक्षा और प्रशिक्षण

‘परफ्यूमर’ बनने के लिए कुछ विशेष प्रकार की शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। यह केवल न एक विशेष लेकिन रचनात्मक और तकनीकी क्षेत्र है, जिसमें खुशबूओं का विज्ञान, रसायन शास्त्र, और कला का मिश्रण होता है। इसके लिए कुछ शिक्षा और प्रशिक्षण जरूरी होता है।

बैचलर डिग्री : ‘परफ्यूमर’ बनाने के लिए एक विशिष्ट बैचलर डिग्री तो नहीं होती, लेकिन कुछ ऐसे पाठ्यक्रम हैं जो इस क्षेत्र में काम आ सकते हैं। उदाहरण के लिए कैमिस्ट्री या बायोकेमिस्ट्री में डिग्री, क्योंकि खुशबू बनाने में रासायनिक प्रक्रियाएं बहुत अहम होती हैं। फार्मेसी और परफ्यूम और फ्रेगेंस स्टडी से संबंधित डिग्रियां भी इस क्षेत्र में सहायक हो सकती हैं। परफ्यूम के विभिन्न तत्वों, जैसे फूलों, मसालों, हर्ब्स और अन्य प्राकृतिक अवयवों के बारे में गहरी जानकारी रखना भी जरूरी।

ये पाठयक्रम कर सकते हैं

1. फ्रैगेंस एंड फ्लेवर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, मुंबई, महाराष्ट्र
कोर्स नाम: डिप्लोमा इन परफ्यूमरी एंड फ्लेवर और सर्टिफिकेट कोर्स इन परफ्यूमरी
2. भारतीय रसायन शास्त्र संस्थान, हैदराबाद, तेलंगाना
कोर्स नाम: डिप्लोमा इन परफ्यूमरी टेक्नोलॉजी
3. पारुल विश्वविद्यालय, वडोदरा, गुजरात
कोर्स नाम: बी.एससी इन परफ्यूमरी एंड कास्मेटिक और बी.एससी इन परफ्यूमरी एंड कास्मेटिक
4. इंटरनेशनल स्कूल ऑफ परफ्यूमरी, मुंबई, महाराष्ट्र
कोर्स नाम: डिप्लोमा इन परफ्यूमरी और शार्ट-टर्म कोर्सेज इन परफ्यूमरी
5. ऑल इंडिया इंडियन परफ्यूमर्स एसोसिएशन, दिल्ली, मुंबई, और अन्य प्रमुख शहर
कोर्स नाम: परफ्यूमरी एंड फ्रेग्रेन्स वर्कशॉप्स और एडवांस्ड कोर्सेज इन परफ्यूमरी
6. गिवाउडन और आईएफएफ
कोर्स नाम: परफ्यूमरी ट्रेनिंग प्रोग्राम

नोट : इन संस्थानों और उनके कोर्सों के माध्यम से आप परफ्यूमरी उद्योग के विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं और परफ्यूमर बनने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इन संस्थानों के कोर्स की पात्रता, अवधि, और विशेषताएं अलग-अलग हो सकती हैं।

इंटर्नशिप, अनुभव एवं प्रमाण पत्र

इस क्षेत्र में अनुभव और अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है। आप इत्र बनाने वाली कंपनियों में इंटर्नशिप या प्रशिक्षण ले सकते हैं, ताकि इस कला में माहिर बनने का अवसर मिल सके। भारत में परफ्यूमरी पेशे के लिए कोई विशिष्ट सरकारी प्रमाणपत्र नहीं है, लेकिन अगर आप उपरोक्त लिखित संस्थान से डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करते हैं, तो यह आपके पेशेवर मान्यता के लिए सहायक होता है।

कौशल एवं योग्यता

1. सुगंध का ज्ञान : ‘परफ्यूमर’ को विभिन्न प्रकार की खुशबुओं और उनके अवयवों के बारे में गहरी समझ होनी चाहिए। उन्हें यह जानना जरूरी है कि विभिन्न फूलों, मसालों, फल, लकड़ी, और अन्य प्राकृतिक तत्वों की खुशबू कैसे होती है और वे कैसे एक साथ मिलकर एक विशिष्ट परफ्यूम का रूप लेते हैं।
2. रचनात्मकता : ‘परफ्यूमर’ को अपनी कल्पना का इस्तेमाल करते हुए नए और आकर्षक परफ्यूम बनाने होते हैं। रचनात्मकता से परफ्यूम को एक नई दिशा मिलती है, जिससे वह बाजार में लोकप्रिय हो सकता है। यह कला और विज्ञान का मिश्रण है, जिसमें परफ्यूमर को अपनी सोच और विचारों को सूंघने की क्षमता से जोड़ना होता है।
3. ध्यान केंद्रित करने की क्षमता : परफ्यूम बनाने में सूक्ष्म बदलाव भी महत्वपूर्ण होते हैं। एक परफ्यूमर को हर एक घटक के अनुपात और मिश्रण को ठीक से पहचानना और समझना होता है। इससे परफ्यूम की गुणवत्ता और खुशबू की स्थिरता सुनिश्चित होती है।
4. रसायन शास्त्र : परफ्यूम बनाने के लिए रसायन शास्त्र का ज्ञान आवश्यक होता है। विभिन्न रासायनिक तत्वों और उनके संयोजन को समझकर ही एक परफ्यूम तैयार किया जाता है। रसायन शास्त्र पर नियंत्रण आपको खुशबू के मिश्रण और उनकी स्थिरता को नियंत्रित करने में मदद करता है।
5. संवेदनशीलता : एक अच्छा परफ्यूमर अपनी सूंघने की क्षमता को बहुत अच्छे से प्रशिक्षित करता है। उसे विभिन्न खुशबुओं को पहचानने, उनका विश्लेषण करने और मिश्रण करने की उच्च क्षमता होनी चाहिए। यह क्षमता प्राकृतिक रूप से भी हो सकती है, लेकिन इसे प्रशिक्षित और परिष्कृत भी किया जा सकता है।
6. धैर्य : परफ्यूम बनाने की प्रक्रिया में समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। एक परफ्यूमर को विभिन्न अवयवों का परीक्षण करने और सही मिश्रण खोजने में समय लगता है। कभी-कभी कई प्रयोगों के बाद ही सही परफ्यूम तैयार होता है।

निजी क्षेत्र में करियर

‘परफ्यूमर’ के लिए प्राइवेट कंपनियों में विभिन्न प्रोफाइल्स और जिम्मेदारियां हो सकती हैं। इन प्रोफाइल्स के माध्यम से परफ्यूमरी और खुशबू बनाने के क्षेत्र में करियर बनाने के कई अवसर होते हैं। एक परफ्यूमर के लिए प्राइवेट कंपनियों में फ्रैगेंस डेवेलपर, परफ्यूम ब्रांड मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोलर, और सेंसरिय डिवेलपर जैसे प्रोफाइल्स उपलब्ध हो सकते हैं। भारत में परफ्यूमर को नौकरी देने वाली प्रमुख प्राइवेट कंपनियों में गिवाउडन इंडिया, आईएफएफ इंडिया, ड्यूपॉन्ट, पार्सन्स एंड कंपनी, वाइब्स इंडिया, अंबर फार्मास्युटिकल्स, रामकृष्णा फ्रेगेंस, ट्रॉय कंपनी, एसजीएस इंडिया और केमिकल इंडस्ट्रीज शामिल हैं। इन कंपनियों में परफ्यूम डेवेलपमेंट, खुशबू निर्माण, गुणवत्ता नियंत्रण, उत्पाद परीक्षण और रिसर्च जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।

सरकारी क्षेत्र में करियर

भारत सरकार के तहत परफ्यूमरी और खुशबू उद्योग से संबंधित कुछ प्रमुख प्रोफाइल्स में परफ्यूमरी और फ्लेवर डेवेलपर्स, क्वालिटी कंट्रोलर, विज्ञान और अनुसंधान विशेषज्ञ, आधिकारिक मान्यता और प्रमाणन अधिकारी, फूड, फ्लेवर और परफ्यूम ट्रेंड्स विश्लेषक और कृषि और जैविक अवयव विशेषज्ञ जैसी भूमिकाएं शामिल हैं। इन प्रोफाइल्स के लिए सरकारी विभागों और संस्थाओं में सीएसआईआर (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद), आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद), आईआईएससी (भारतीय विज्ञान संस्थान), एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण), बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, निर्यात एवं व्यापार निदेशालय (डीजीएफटी), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), और रासायनिक और उर्वरक मंत्रालय जैसी जगहों पर अवसर मिल सकते हैं।

वेतन एवं आय

  • ‘परफ्यूमर’ के लिए फ्रेशर, अनुभवी परफ्यूमरों का वेतन विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कंपनी, उद्योग, कार्यक्षेत्र, और परफ्यूमरी क्षेत्र में अनुभव। भारत में फ्रेशर ‘परफ्यूमर’ की सैलरी लगभग 2,50,000 से 4,00,000 प्रति वर्ष होती है।
  • अनुभवी ‘परफ्यूमर’ की सैलरी 6,00,000 से 15,00,000 प्रति वर्ष तक हो सकती है। कुछ विशेषज्ञ और सीनियर परफ्यूमर्स को 15,00,000 से 30,00,000+ तक का वेतन मिल सकता है, विशेष रूप से बड़े और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स में।

करियर काउंसलर से लें मदद

अपने लिए किसी भी तरह के कोर्स या पेशे को चुनने से पहले एक करियर काउंसलर की मदद एवं सलाह जरूर लेनी चाहिए। करियर काऊंसलर आपको आपके विषयों की दिलचस्पी, कौशल और व्यक्तित्व के हिसाब से अच्छा कोर्स और पेशा चुनकर दे सकता है। इसके लिए आप वेबसाइट www.careerjaano.com पर भी विजिट कर सकते हैं।

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