Digital arrest
- सतर्कता और सजगता को लेकर दी जा रहीं तमाम नसीहतों पर नहीं दे रहे लोग ‘ध्यान’
- खुद को महाराष्ट्र पुलिस बताया और मनी लांड्रिंग में फंसाने की धमकी दी
- मौके पर पहुंचे एसीपी नायक से जालसाज कहने लगे-हम सेंट्रल की एजेेंसी हैं, हमारे काम में न दें दखल
Digital arrest : भोपाल। अवधपुरी थाना क्षेत्र स्थित रीगल पैराडाइज में रिटायर्ड महिला डॉक्टर को साइबर जालसाजों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया। पुलिस की वर्दी में जालसाजों ने खुद को महाराष्ट्र पुलिस बताया और मनी लांड्रिंग में फंसाने की धमकी देकर 10 लाख 50 हजार रुपए खाते में जमा करवा लिए। शुक्रवार को सूचना मिलते ही एसीपी गोविंदपुरा दीपक नायक उनके घर पहुंचे। इस दौरान महिला डॉक्टर जालसाज से मोबाइल पर बातचीत कर रही थीं। नायक ने जालसाज से बातचीत की तो वह कहने लगे कि हम सेंट्रल की एजेंसी हैं और हमारे काम में दखलअंदाजी न करें। नायक की फटकार के बाद आरोपियों ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर लिया। पुलिस के अनुसार डॉ. रागिनी मिश्रा (65) रिटायर्ड डाक्टर हैं। वह पति डॉ. महेश मिश्रा के साथ अवधपुरी में रीगल पैराडाइज के सातवें फ्लोर पर रहती हैं। बुधवार को डॉक्टर रागिनी मॉर्निंग वॉक से घर लौट रही थी, तभी उनके मोबाइल पर नए नंबर से कॉल आया। कॉलर ने बताया कि वह महाराष्ट्र पुलिस से बात कर रहा है। 8शेष पेज 2 पर
रिटायर्ड महिला डॉक्टर
आपका नंबर ब्लॉक किया जा रहा है। रागिनी ने कारण पूछा तो बताया गया कि मुंबई स्थित आपके केनरा बैंक अकाउंट में एक एयरवेज कंपनी की तरफ से 473 करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है। यह कृत्य मनी लांड्रिंग की श्रेणी में आता है। महिला ने उन्हें बताया कि उनका अकाउंट केनरा बैंक में नहीं, बल्कि पीएनबी और यूनियन बैंक में है। एक खाते में पेंशन आती है, जबकि दूसरा एसडब्ल्यूडी अकाउंट है। कॉलर ने उन्हें बताया कि सीबीआई और महाराष्ट्र पुलिस काफी दिन से आपकी तलाश कर रही थी। आपके घर के आसपास सादी वर्दी में लोग मौजूद हैं। महिला ने जब अपने वकील से बात करने की बात कही तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि आप जेल जाना चाहती हैं या फिर डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से घर पर ही रहकर बातचीत करोगी।
डराया: कानपुर वाले घर में दी थी दबिश
कॉलर ने डॉक्टर रागिनी से कहा कि आपके कानपुर वाले घर पर भी दबिश दी गई थी, लेकिन आप वहां नहीं मिली। वह दहशत में आ गई। जालसाजों ने उन्हें एक अकाउंट नंबर दिया और 12 लाख रुपए जमा करने की बात कही। कहा कि रुपए जमा करने के बाद आप पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। गुरुवार को रागिनी ने बैंक पहुंचकर 10.50 लाख रुपए एनईएफटी करा दिए। रात को रागिनी को कॉलर पर संदेह हुआ और शुक्रवार सुबह उन्होंने पति डॉ. महेश को इसकी जानकारी दी। महेश ने घटना की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की। एसीपी दीपक नायक शुक्रवार दोपहर डॉक्टर दंपती के घर पहुंचे। उस समय रागिनी जालसाजों से बातचीत कर रही थी। एसीपी दीपक नायक ने जालसाजों को अपना परिचय देते हुए बात की। एसीपी ने जब उन्हें फटकार लगाई तो उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस बैंक अकाउंट और दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों से जालसाजों की तलाश कर रही है।