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Haryana : पराली जलाई तो दर्ज होगा मुकदमा, दो सीजन मंडी में फसल नहीं बेच सकेंगे किसान

पराली जलाने से रोकने वाला आदेश।पराली जलाने से रोकने वाला आदेश।

Haryana

  • एफआईआर दर्ज होगी, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के रिकॉर्ड में रेड एंट्री होगी
  • पराली जला चुके या जलाने वालों पर चलेगा मुकदमा
  • कांग्रेस ने कहा, यह एमएसपी खत्म करने का फरमान
  • इस आदेश को सरकार वापस ले, नहीं तो आंदोलन होगा

Haryana : पंचकूला। प्रदेश सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं से निपटने के लिए कड़ी सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं। अब पराली जलाने वाले किसानों पर केस दर्ज किया जाएगा। ऐसे किसान अगले 2 सीजन तक मंडियों में फसल भी नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। कृषि और किसान कल्याण विभाग के निदेशक ने इस बारे में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों को आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश की नई सरकार ने 17 अक्टूबर को ये आदेश जारी किए हैं। शुक्रवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है।

लगातार बढ़ रहा प्रदूषण

दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी देखी जाने लगी है। ऐसे में हरियाणा की नायब सरकार ने पराली पर रोकथाम को लेकर सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। प्रदेश में पराली जलाने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। प्रदेश सरकार ने दो आदेशों पर मुहर लगाई है। हरियाणा के कृषि विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा कि जो किसान पराली जलाते हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनके कृषि रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी, ताकि वे अगले दो सीजन के दौरान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल न बेच सकें।

पराली न जलाएं, योजनाओं का लाभ उठाएं : अरविंद

पराली जलाने पर कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि मैं प्रदेश के किसानों से कहता हूं कि सरकार ने पराली जलाने की व्यवस्था के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। आप उन योजनाओं का लाभ उठाएं। किसान को आर्थिक लाभ भी होगा उनसे लाभ मिलता है, इसलिए पराली जलाने की बजाय उन योजनाओं का लाभ उठाएं। सरकार और किसानों के बीच कोई टकराव नहीं है। सरकार किसानों का सम्मान करती है, उसने हमेशा किसानों के लिए काम किया है।

प्रदूषण पर आरोप-प्रत्यारोप : कांग्रेस हमलावर

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी की आलोचना की और कहा कि दिल्ली सरकार हरियाणा को दोष देने में व्यस्त है और वे इसी तरह काम करते हैं। यह दिल्ली 1998 से भी बदतर हो गई है। 15 वर्षों तक दिल्ली में सुधार हुआ जब उद्योगों को हटा दिया गया। वाहनों के लिए स्वच्छ ईंधन के रूप में सीएनजी को लाया गया। पेड़ों में 300 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई। लेकिन उन 15 वर्षों के बाद 10 वर्षों में, सारी प्रगति बर्बाद हो गई। उन्होंने पंजाब में सरकार बनाई और फिर उन्होंने इसके लिए हरियाणा को दोषी ठहराया यह कैसे काम करेगा।

https://vartahr.com/haryana-if-stubb…o-seasons-market/

 

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