Quad
- -अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद चीन की तीखी प्रतिक्रिया
- -यूएस राष्ट्रपति बाइडन की अनौपचारिक टिप्पणी से कड़ी नाराजगी जताई
- -चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जियान ने दी प्रतिक्रिया
Quad : नई दिल्ली। अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन और उसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो.बाइडन की अनौपचारिक टिप्पणी से आगबबूला चीन ने सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्वाड, चीन को रोकने का अमेरिकी माध्यम है। जिसमें वह संबंधित देशों के साथ चीन के खतरे के नाम पर सैन्य और सुरक्षा सहयोग के जरिए हमें रोकने की कोशिश कर रहा है। लेकिन दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में कोई भी बाहरी ताकत का दखल उसे अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता, समुद्री अधिकारों की रक्षा और क्षेत्रीय शांति-स्थिरता को लेकर बनी हुई प्रतिबद्धता से डिगा नहीं सकती। यह जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में दी। उन्होंने कहा कि क्वाड जो अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति के तहत गठित एक प्रमुख क्षेत्रीय समूह है। यह चीन के नेतृत्व और प्रभाव को रोकने के लिए वाशिंगटन का महज एक माध्यम है। बीजिंग की संप्रभुता को नष्ट करने वाले देशों का चीन कूटनीतिक विरोध करेगा। बाइडन ने बैठक में क्वाड नेताओं से कहा था कि चीन आक्रामक रवैया अपनाते हुए आर्थिक और तकनीकी मुद्दों सहित कई मोर्चों पर पूरे क्षेत्र में हम सभी की परीक्षा ले रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन के हितों को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने के लिए अपने लिए कूटनीतिक जगह बनाना चाह रहे हैं। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति का माइक ऑन रह गया था। जिससे यह टिप्पणी मीडिया में प्रसारित हो गई।
दबाव रहित क्षेत्र के पक्ष में चीन
ज्ञात हो कि पिछले सप्ताह शनिवार को अमेरिका के विल्मिंगटन में चारों क्वाड देशों (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत) के राष्ट्र प्रमुखों के बीच एक बैठक हुई थी। इसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो.बाइडन ने की। बैठक में क्वाड नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता के मद्देनजर वैश्विक कानूनों के तहत एक खुले हुए, स्वतंत्र और समावेशी क्षेत्र के गठन को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। साथ ही दक्षिण चीन सागर का क्वाड देशों ने नाम लेकर उल्लेख किया और कहा कि वह एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जिसमें किसी का कोई दबाव या दादागिरी न हो।
अमेरिका के एजेंडे में चीन शामिल
चीन के प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका कहता है कि क्वाड चीन को निशाना नहीं बना रहा है। लेकिन अमेरिका के एजेंडे में चीन प्रमुखता से शामिल है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का गठबंधन क्षेत्रीय देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को कम करता है। साथ ही एशिया प्रशांत में शांति, विकास, सहयोग और समृद्धि के संपूर्ण चलन का भी विरोध करता है। उन्होंने कहा कि 2007 में इसके गठन के समय पर ही चीन ने कहा था कि यह असफल होगा। आईओआर में क्वाड की समुद्र में पहले संयुक्त तटरक्षक मिशन की घोषणा पर ड्रैगन ने कहा कि देशों के बीच सहयोग क्षेत्र में क्षेत्रीय शांति-समृद्धि में सहायक होना चाहिए। चीन देशों के साथ सामान्य सहयोग के लिए खुला हुआ है। लेकिन संबंधित देश को बाकी देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग, शांति और स्थिरता पर निशाना नहीं साधना चाहिए।
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