Himanchal
- एक घंटे में 6 हजार लोग कर सकेंगे इसमें सफर
- विश्व में इससे बड़ा और पहला रोपवे सिर्फ बोलीविया में ही है
- ऑस्ट्रिया में 25 हजार रोपवे बने हुए हैं
- करीब 14 किलोमीटर के रोपवे के निर्माण कार्य को जल्द शुरू किया जाएगा
- राज्य सरकार ने रोपवे की पर्यावरण मंजूरी के लिए 20 करोड़ जारी किए
- फॉरेन कंसल्टेंट हायर किया और करीब साढ़े 12 करोड़ खर्च किए
- इस पर करीब 1,734 करोड़ खर्च होंगे। रोपवे प्रोजेक्ट के लिए 80 फीसदी राशि एनडीबी बतौर ऋण देगा।
- 20 फीसदी की राशि प्रदेश सरकार खर्च करेगी। रोपवे का किराया बस का ही होगा।
Himanchal : शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विश्व के दूसरे और देश के सबसे लंबे यानी करीब 14 किलोमीटर के रोपवे के निर्माण कार्य को जल्द शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार ने रोपवे की पर्यावरण मंजूरी के लिए 20 करोड़ जारी कर दिए हैं। उप ममुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने गुरुवार को शिमला में आयोजित प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद शिमला रोपवे की डीपीआर बनाई गई। फॉरेन कंसल्टेंट हायर किया और करीब साढ़े 12 करोड़ खर्च किए। रोपवे का टेंडर दस्तावेज भी तैयार कर दिया है।
भाजपा पर निशाना
मुकेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि डीपीआर भी नहीं बनी थी, लेकिन कई लोग सपने में रोपवे बनाकर चले गए। यह रोपवे शिमला के लिए संजीवनी साबित होगा। शहर में जाम से निजात मिलेगी। विश्व में इससे बड़ा रोपवे सिर्फ एक है बोलीविया में ही है, लेकिन भारत का यह एक सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसमें 660 ट्राॅली लगेंगी। एक घंटे में छह हजार लोग यात्रा कर सकेंगे। 13 स्टेशन बनेंगे, जहां ट्राॅली विभिन्न लाइनों पर रुकेंगी। तारादेवी से शुरू होकर रोपवे पूरे शिमला को कवर करेगा। तारादेवी, चक्कर, टुटीकंडी, 103 टनल, आईएसबीटी, विक्ट्री टनल, आईजीएमसी, संजाैली, नवबहार व राज्य सचिवालय में स्टेशन बनेंगे।
अगला रोपवे परवाणू शिमला का होगा
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अगला रोपवे परवाणू-शिमला का होगा। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की लंबाई 39 किलोमीटर होगी। इसमें छह स्टेशन होंगे। रोपवे कारपोरेशन इस पर काम कर रहा है।